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Kuchh Rang Pyar Ke, Post for help and jobs 3 August 2021

रविश कुमार ने अभी आर्थिक मदद को लेकर एक लम्बी और बहुत संवेदनशील पोस्ट लिखी है एकदम सही और बिलकुल मन की बात - नीचे मैंने उसी क्रम में अपनी बात दर्ज की है सीधी और साफ सुथरी

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◆ यह नही कि हम मदद नही करना चाहते, परन्तु हम सबकी सीमाएं है और आये दिन इस तरह की मदद संभव भी नहीं है जबकि आप खुद एक लम्बे समय से बेरोजगार है और फ्री लान्सिंग से क्या मिलता है - यह वही जान सकता है जो लम्बे समय से फांकाकशी में बेहद कंजूसी से दिन गुजार रहा हो, भला हो कुछ मित्रों का - जो ढो रहें है कुछ ना कुछ काम देकर
◆ दूसरा नौकरी के लिए भी लोग मदद माँगते है जबकि इस समय पूरा विश्व बेरोजगारी की कगार पर है तो यह दुराग्रह ना करें यकीन नही तो नजरें घुमाकर देख लें, आपकी सबसे बड़ी एम्प्लॉयर सरकार है हिम्मत है तो उसका गला पकड़कर क्यों नही कोई मांग करते
◆ तीसरा छुटपुट काम जैसे अनुवाद या प्रशिक्षण का तो वो मै खुद खोजता रहता हूँ और जिस तरह के रेट्स अनुवाद के इन दिनों मिल रहें है - वह आपको बताउंगा तो आप कहेंगे कि मेरा कोई कमीशन होगा, आप दिल्ली से पढ़े है - जेएनयू या आईआईएमसी , टीआईएसएस से या कही और से और यदि आपने ना सम्पर्क बनाएं या अंग्रेजी नही सीखी ढंग से तो मेरे जैसा कमजोर बुद्धि का और अभाषिक व्यक्ति जो - ना हिन्दी जानता है, ना अंग्रेजी, ना मराठी, ना गुजराती या दक्षिण की कोई भाषा तो कैसे मदद करूंगा आपकी और आपसे फोन पर बात करके थोड़ी देर में ही समझ आ जाता है कि वस्तुत: आपके पास ना कम्प्यूटर का कौशल है, ना लिखने - पढने की दक्षता और ना प्रतिबद्धता, ना विचारधारा तो कैसे कोई और क्यों मदद करें, या रेफर करें, दो वाक्य का स्टेटस आप सही नही लिख सकते या सम्प्रेषणीय नही है - अब मैं यह जोखिम नहीं उठाना चाहता, अभी पांच - दस साल और काम करना है मुझे, बुढ़ापे के लिए कुछ करने दो मित्रों
◆ बेहतर होगा कि आप अपने आसपास ही काम तलाश करें, इस तरह के फोन करने से और बार - बार चिरौरी करने से आपके फोन उठाने में भी अब शर्म आती है
◆ कृपया अपराध बोध में ना डालें, मै वैसे ही कुछ मित्रों को फोन कर - करके अपराध बोध में डालता हूँ और काम लेता हूँ, कई मित्र जो बड़ी जगहों पर विराजमान है और सैंकड़ो लोगों को रोज़ काम देते है उनसे ही कहने में संकोच होता है तो मेरे जैसा टटपुन्जिया आपको क्या मदद करेगा, एक ज़माना था जब कबीलों के सरदार थे पर अब 'नंगे नवाब और किले पर घर' है - जिसका मेंटेनेंस ही मुश्किल है
◆ समझ रहें है ना

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