Birth of An Angel
Siddharth Naik and Snehal Tripathi Naik
दिल से बधाई बिटिया के लिए, हम सबका माथा चौड़ा हो गया है
अपने घर में एक बेटी की कमी थी, मेरे माँ और पिताजी को बेटी की बहुत चाहत थी - पर हम तीन भाई हुए - जब मेरा तीसरा भाई हुआ तो उन्हें निराशा हुई, लिहाज़ा छोटे भाई को बहुत वर्षों तक खूब तैयार करके झबले आदि पहनाते रहें, अपने हाथ से उसे तैयार करते थे और अक्सर हमें कहते एक लड़की होती तो अच्छा रहता, हम तीनों भाई भी सगी बहन के अभाव में तमाम रीति रिवाज़ों, राखी, भाई दूज आदि के लिए मौसेरी, ममेरी और चचेरी बहनों पर निर्भर रहें और इन प्यारी बहनों ने कभी कोई कमी महसूस नही होने दी आजतक ; माँ और पिता भी आज जहाँ है वहाँ से निहार रहे होंगे इस बेटी को और आशीष दे रहे होंगे
हमारी अगली पीढ़ी में हमें तीन प्यारे से लड़के मिलें Siddharth, Aniruddha Naik और Amey Sangeet Naik - जो देखते देखते बड़े हो गए उत्कृष्ट पढ़ाई करके नौकरी में आ गए है, दो की शादी भी हो चुकी है और दो बेटियां घर आई है - जो अब हम सबको सम्हाल रहीं है पूरी जिम्मेदारी से, फिर तीसरी पीढ़ी की शुरुवात हमारे लाड़ले हीरो #Sharwil से हुई - जो आज तीन वर्ष के हो चुके है
कल जन्माष्टमी पर मुम्बई ठाणे के ज्यूपीटर अस्पताल में बड़ी बहू सौं. स्नेहल ने एक खूबसूरत परी को जन्म दिया तो हमारे घर और खानदान में खुशी की लहर दौड़ गई, यह हम सबके लिए दशकों पुरानी खुशी का पूरा होना था - अभी नाम तय नही किया है , पर मैंने तुकबन्दी करते हुए शरबानी रख दिया है - शरविल और शरबानी
कल शाम में शरविल बाबू अपनी "छोटी सिस्टर" से राखी भी बंधवा आये है अस्पताल जाकर और मुझसे साफ कह दिया है कि उनके "सारे खिलौने, झूले, बाबागाडी छोटी सिस्टर के होंगे और कोई देवास नही ले जाएगा" , नाम क्या रखना है पूछने पर बोलें कि अभी छोटी सिस्टर सही है फिर देखेंगे
बहरहाल, सब स्वस्थ है ; इस संसार में बच्चों से ही दुनिया है और हमें वो सब जरूर करना चाहिये जिससे हम बच्चों के लिए दुनिया को हर पल बेहतर बना सकें
दूसरी बार असली वाला दादा जी बन गया हूँ, लगता है बूढ़ा गया हूँ पर मन नही मानता - शैतानियाँ एवं बदमाशियाँ करने से, इसी क्रम में अपनी लॉ की कक्षा के सहपाठियों से वाट्सएप समूह में कल कह रहा था कि सारे दाँत तोड़कर नकली बत्तीसी लगा लूँ - ताकि कुछ तो बुढ़ापे की फीलिंग आएगी - पोपले मुंह से दोनो बच्चों को कहानियाँ सुनाते हुए ; पाकिस्तान की प्रसिद्ध गायिका मुन्नी बेगम का गीत याद आता है - "अब आ गया बूढ़ापा, सुधर जाना चाहिये - आवारगी में हद से गुजर जाना चाहिये"
बहरहाल, शरबानी का स्वागत, अपनी दुआओं से नवाजिये और भरपूर आशीष दीजिये
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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की देशवासियों और सभी मित्रों को
बधाई
श्रीकृष्ण सी चंचलता, बदमाशियाँ, मख्खन से प्रेम और राग - विलास बना रहें वही दर्शन में गहरी आसक्ति - सघनता और दोस्त - दुश्मन की पहचान बनी रहें, आपके लिखें विचार और साहित्य गीता की तरह अमर रहें और हमेंशा सन्दर्भित होते रहें
अपने - अपने अर्जुन और कुरुक्षेत्र तलाशते रहें और जीवन के महाभारत में जीत सुनिश्चित हो
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