आरक्षण पर बात नहीं पर कल एक दलित युवा मित्र से बात हो रही थी जिसने बड़ी अच्छी बात कही - उसने कहा कि आरक्षण हटा देना चाहिए क्योकि जो वास्तव में हकदार है उसे कुछ मिल नहीं रहा, दलित या आदिवासी अधिकारी या जमींदार का बच्चा अंग्रेजी माध्यम से बड़े शहरों में पढ़कर आता है और किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में बैठकर उत्तीर्ण हो जाता है और कोटे से चयनित भी हो जाता है परन्तु हम जो है गाँव के सरकारी स्कूल से पढ़े है, हमें कुछ ज्ञान नहीं, पढ़ाई के अंत में हम सिर्फ डिग्री धारी है बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं के फॉर्म भरने लायक भी रूपये नहीं होते है
जाति के भीतर जाति और आर्थिक असमानता का क्या कोई हल आरक्षण के दायरे में है, राजस्थान का उदाहरण देते हुए वह बोला आदिवासी मीणा समुदाय है जहां एक गाँव से चालीस पचास ब्यूरोक्रेट्स है और एक हमारा गाँव है जहां से एक हेंड पम्प मेकेनिक या आशा कार्यकर्ता भी नहीं है, नार्थ ईस्ट का भी यही हाल है, बाकी तो छोड़ दो फिर आरक्षण के दायरे में ही आर्थिक आधार क्यों ना हो, कब तक आप अधिकारी के बच्चों को या जो मास्टर, प्रोफ़ेसर, डाक्टर, इंजीनियर और पटवारी या डीएसपी बन गए उनको आरक्षण का लाभ देते रहोगे, उन्हें देना बंद करो और जाति के भीतर ही आर्थिक आधार बनाकर आरक्षण का लाभ दो - वरना कोई मतलब नही
उस मित्र को टैग नहीं कर रहा, वो देश के चोटी के विवि से परास्नातक है और इन दिनों मानसिक रोगों से बुरी तरह ग्रस्त है, कल उसने खुद फोन करके यह सब कहा और आग्रह किया कि उसकी बात सुनी, कही और लिखी जाएँ
[ बदतमीजी ना करें और शालीनता से बात करें ]
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कमज़ोर दिल वाले, पढ़े - लिखें और CA, Doctors, Engineers या प्राध्यापक आदि ना पढ़े
सत्ता के मद में डूबे नेताओं को मालूम है कि यही युवा मंदिर की रैली निकालेंगे और नारे लगाएंगे धर्म के
और युवा खुश है दो जीबी पर पोर्न देखते हुए तभी ना जूते खा रहे है - मामा 18 साल से एक ही पद पर नौकरी कर रहा है मामु की और अब अकर्मण्य हो गया है
समस्या हल के बजाय पुलिस को आगे कर सत्ता चला रहा है शातिरी से व्यापमं दबाया, खनिज के मामलों को दबा दिया, खरीदी घोटाले दबाएं, नौकरी से लेकर शिक्षा - स्वास्थ्य सब बर्बाद कर दिया और खेती का भी सत्यानाश कर दिया कमलनाथ से सरकार खरीदकर लोकतंत्र की हत्या कर दी तो क्या कहा जाये
जियो, जियो - प्रदेश के युवाओं - इसे ही जिताओ, अभिभावकों जिन औलादों को खून बेचकर पाला - पोसा, उनको डंडे खाने के लिए पैदा किया था, नही - नही, इन्ही को वोट दो - मोदी शिवराज को और बनाओ हिन्दू राष्ट्र, बच्चो को भेजो शाखा में ताकि कल पूरे निकम्मे और कठपुतली बन जाएं इनकी
गोली चालन होना था, दो - तीन हज़ार मर जाते तो जनसँख्या भी कम होती, प्रतियोगी भी कम होते और मामा सबको दो दो लाख बांटने का पुण्य लेता
जियो, भरपूर जियो मेरे प्यारे युवाओं
फोटो सौजन्य - भाई Deepak Tiwari जी
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मप्र में "शिवराज जल संरक्षण अभियान" के तहत बने नवाचारी तालाब, तुम लोग वामी कामी सब निगेटिव हो गए हों पानी पी पीकर कोसते हो बापड़े मोदी और शिवराज को
ये उज्जैन आगर कोटा नेशनल हाईवे है जो भू जल स्तर बढाने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है , 5 भाजपाई विधायकों और 2 भाजपाई सांसदों के सौजन्य से 52 किमी की सड़क है जो तालाबों से घिरी है
दिग्विजय सिंह ने राजीव गांधी मिशन बनाये थे - जो दस साल चलें - जिसमें अमिता शर्मा, गौरी सिंह से लेकर स्व आर गोपाल कृष्णन जैसे समझदार ब्यूरोक्रेट्स रखें थे और ये मिशन जल संरक्षण से शिक्षा तक का काम करते थे, इसी मामा ने सड़क, बिजली, पानी और शिक्षा - स्वास्थ्य को कोस - कोसकर दिग्गी राजा को बाहर कर सत्ता हासिल की और आज इस सड़क से ज्यादा बुरी हालत पूरे प्रदेश की है - स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी और तमाम सर्विस डिलेवरी वाले विभागों की है ; मामा खुद 18 साल से मुख्य मंत्री के पद पर "स्थाई नौकरी" कर रहा है और वैसा ही हो गया है जैसा एक सरकारी बाबू दस - पन्द्रह साल बाद निकम्मा और महाआलसी हो जाता है और सिर्फ रुपये - पैसे या रिश्वत का हिसाब रखता है बाकी दुनिया जाए भाड़ में
ताली बजा बै और नाच कर
एमपी अजब है, सबसे गज्जब है
[ फोटू सौजन्य आपके अपने भाजपाई और परम संघ प्रेमी Gopal Rathi चच्चा पिपरिया वाले, वैसे फोटू खिंचक कौन है हम जानते है पर बापड़ा सरकारी कर्मचारी है, मरेगा बेवजह - क्यों माड़साब सही है ना - घर जाते समय हिंचा होगा है नी ]
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