बेड़ई और आलू की रस्सेदार भाजी
ग्वालियर, भिंड, शिवपुरी , मुरैना यदि आप जाएं तो नाश्ते में इडली या वड़े के बजाय एक प्लेट गर्मागर्म बेड़ई और आलू का रस्सा खा लें आपको जो स्वाद और ऊर्जा की अनुभूति होगी वह स्वर्गिक होगी - बड़े प्यार और चाव से खाएं जाने वाली यह डिश बनाना बहुत आसान है, यह स्वादिष्ट होने के साथ पौष्टिक भी है
आटे और रवे को बराबर मात्रा में मिला लें उसमे आधा कटोरी दही, दो चम्मच मोयन (गर्म तेल) और नमक मिलाकर गूंथ लें और आधे घँटे के लिए कपड़े से ढँककर रख दें
मूंग की दाल को रात को गला दें पर्याप्त पानी में और फिर सुबह लहसन, हरी मिर्च, अदरख डालकर स्वादानुसार नमक, हल्दी, लाल मिर्च, धनिया पाउडर , गरम मसाला और नमक डालकर अच्छे से पका लें, ऊपर से ताज़ा कटा धनिया डाल दें और ठंडा कर लें
आधे घँटे बाद आटे को पुनः एक बार अच्छे से गूंथ लें और छोटी छोटी लोई बनाकर रख लें, अब हर लोई में पकी हुई मूंग की दाल के भरावन को अंदर भरकर बेल लें और गर्मागर्म तेल में भूरा होने तक तलें
आलू की रस्सेदार सब्जी बनाने के लिए कोई विशेष तकनीक नही है बस खूब ताज़ा मटर, प्याज़, लहसन, टमाटर, हरी मिर्च और धनिये के साथ बढ़िया तीखा रस्सा हो ताकि खाने में स्वाद आएँ
इन दिनों खूब अच्छी बड़े पत्तों वाली मैथी की भाजी भी आ रही है , आप खूब सारा लहसून और लाल खड़ी मिर्च डालकर मैथी की तीखी सब्जी बनाकर भी आलू के रस्से के बदले बेड़ई के साथ खा सकते हैं
गर्मागर्म बेड़ई और आलू के रस्से को खाएं इन सर्दियों में मज़ा आएगा, बच्चे अक्सर अलग अलग प्रकार की दाल खाने में नखरे करते है - इस तरह से आप दालों को खिला भी सकते है और खाने में विविधता भी आएगी
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