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Posts of Dec II Week 2018

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Image may contain: Sandip Naik, Dr-Poonam Tyagi and Dr-Sushil Tyagi, people smiling, people standing and suit
कल ही बात की थी और आज साक्षात और सपत्नीक दर्शन हो गए
Dr-Poonam Tyagi और शिक्षा अध्ययन शाला, देवी अहिल्या विवि, इंदौर से हाल ही विभागाध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हुए प्रोफेसर और गुरुवर, स्नेही अग्रज Dr-Sushil Tyagi जी के संग मिलना हुआ, आज घर मे आदित्य की शादी थी तो मुलाकात हो गई, आदित्य की धर्म पत्नी अश्विनी तारे और उसका भाई भाभी जी यानी डाक्टर पूनम त्यागी के विद्यार्थी रहें हैं
मेरा यह विश्वास रोज़ पुख़्ता होता है कि दुनिया गोल और छोटी है और हम सब एक दूसरे से बहुत मजबूत नेह की डोर से बंधे हैं
बड़ा मजा आया , बड़े दिनों बाद मुलाकात हुई
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खत्म होते साल की यह एक सुनहरी शाम थी और मैं यायावर घूमते घामते यहां पहुंच गया, पता नही कहां जाना था और नियति यहां ले आई, सोचा भी नही था और कोई कल्पना भी नही थी, ज़िंदगी हमेंशा से ऐसी ही मेहरबान रही और अनायास ही मुझे घुमाती रही यहां - वहां और संयोग से ये जगहें अच्छी और चैतन्य रही कि सुकून के कुछ पल आपाधापी में औचक से आये और मैं कुछ और पल जीने की आस में रहूँ - यहां आज आने का भी एक देवयोग ही था, लग रहा कि आज माँ को सिर्फ मुझसे मिलना था - सच मे बस 3- 4 लोग ही थे, करीब आधे घँटे बहुत आत्मिक और शांति भाव से बैठा गर्भ गृह में एकदम इस मूर्ति के सामने , बहुत सोचा - मंथन किया और लगा कि ऊर्जस्वित होकर निकल रहा हूँ बाहर
अभी आठ दिन पहले ही भीड़ थी बहुत , दुनिया भर के नेता आते थे , इसी मंदिर में रानी भी आई , अशोक गेहलोत भी और सचिन पाइलेट भी पर मैंने सीखा यह कि अपने कर्म ही आपको फ़ल देते है , पुजारी से भी पूछा तो बोला अनुष्ठान तो सबके लिए समान किये थे, विधि विधान भी एक था, हार फूल भी समान थे पर अपने कर्मों का भोग ही हर व्यक्ति को भोगना पड़ता है, ईश्वर सबको समान रूप से देखता है
माँ त्रिपुरा सुंदरी के मंदिर, तलवाड़ा, जिला बांसवाड़ा में पर अब शांति है और भीड़ भी गायब
आज इस ऐतिहासिक मन्दिर में श्रीयंत्र पर विराजमान माँ की शक्तिपीठ के दर्शन किये
कुछ तस्वीरें कि सनद रहे
Image may contain: sky, tree and outdoor
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Image may contain: 3 people, including Sandip Naik, people sitting and indoor

वागड़ रेडियो 90.8 एफ एम , वाग्धारा जिला बांसवाडा में कम्युनिटी रेडियो में आज मुलाकात की
सबसे अच्छी बात है इसका संचालन तीन महिलाएं कर रही है जिन्हें महिलाओं की योग्यता पर शक होता है उन्हें यहां आकर देखना चाहिए कि किस व्यवस्थित ढँग से वे मैनेज करती है और बेहतरीन प्रोडक्शन करती है कार्यक्रमों का कि लोग रेडियो उठायें घूमते रहते है और चाव से सुनते है
इनसे मिलकर मित्र Manisha Jain Mamta Singh की बहुत याद आई जो विविध भारती पर बहुत बड़े स्तर पर कार्यक्रमों का निर्माण करती है और जनमानस और लोक में अपनी पापुलर और अनूठी छवि बनाकर रखी है, आज मुझे भोपाल आकाशवाणी की पूर्व उद्घोषिका और पारिवारिक मित्र जया आर्य जी भी याद आई जो बहुत पापुलर उदघोषिका थी इन दिनों वे सेवा निवृत्त हो गई है
सीमा मोहने, छाया जमडा और जागृति भट तीनों बेहद सशक्त, तकनीकी रूप से सक्षम और भाषाई कौशल से परिपूर्ण है जो इस रेडियो को चला रही है, यह वागड़ भाषा में 15 से 20 किमी तक को कव्हर करता है और ग्रामीणों को महत्वपूर्ण जानकारियां देता है
आज के दिन की शुरुवात बेहतरीन है और इससे कुछ अच्छा हो ही नही सकता था
Shuchi Dubey शुक्रिया यहां की जानकारी देने के लिए
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