टोपियाँ बदल गई है
व्यवस्था वही है
[ तटस्थ ]
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सिविल सोसाइटी के नाम पर बने एनजीओ अब इवेंट मैनेजर्स बन कर रह गए है - हर मुद्दे और हादसों के, इन तीन पिछड़े राज्यों में जहां जेंडर की बहस से लेकर खेती किसानी के नाम पर जो अधकचरा विकास फैला हुआ है, शिक्षा - स्वास्थ्य और पर्यावरण के नाम पर गड़बड़ झाले है और यूएन की संस्थाओं का जो खेल रचा गया है उसे तोड़े जाने की जरूरत है जो मूल खेल की राजनीति में गरीबों के हकों को मारकर मीडिया के कुछ छुट भैये पत्रकारों को दो से दस हजार देकर सक्सेस स्टोरी करवाता है और झोला उठाये घूम रहे कंसल्टेंट्स की उजबक सलाहों को मानकर कबाड़े करता है
सबसे पहले इन तीनों राज्यों से यूनिसेफ, UNFPA, UN Women, Action, Impact, Hunger, Death and Life टाईप संस्थाओं को हटाया जाए जो मूल रूप से काले देशी अंग्रेजों से संचालित है , इन ससुरों की गाड़ियां जब्त कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इन्हें चलवाया जाएं, इनके हवाई खर्च का हिसाब सख्ती से लिया जाये और रोज के DSA के नाम पर ₹ 500 से ज्यादा नही दिया जाए बल्कि यह भी बहुत ज्यादा है
दूसरा अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के माध्यम से आदिवासियों के नाम पर रुपया बटोरकर अफ्रीका से पी एच डी करने वाली और अपने सास ससुर और बच्चों की देखभाल करने वाली बहनजियों की फौज की मौज बन्द की जाएं या इन्हें ठेठ गांवों में भेजा जाए जयपुर, भोपाल या रायपुर से
तीसरा जन अभियान परिषद टाईप लोगों के गैंग्स ने जो कलेक्टरों को डरा धमका कर कागजी और प्यादों को काम दिया था उसका अनुश्रवण कर रुपया वसूला जाएं और काम नही पाएं जाने पर सीधा जेल भेजा जाए - यह बदला नही पर उन गरीबों के नाम और बाम के नाम पर हड़पा गया रुपया है जो टेक्स पेयर्स की जेब से गया है
मीडिया के दल्लों का , आंदि वादी और गांधी वादी ढकोसला नाथो के खादी के कुर्तों और झब्बों और खिचड़ी दाढ़ी से डरने और मोहित होने की जरूरत नही, इनके नीचे पहनी जॉकी का हिसाब कड़ाई से पूछा जाए, इनकी लच्छेदार बाबा आदम की कहानियों से बिल्कुल प्रभावित होने की जरूरत नही क्योकि इनके पास कुछ और है ही नही करने धरने को, इनके ना चलने वाले और अपठनीय अखबार, फीचर और कचरा पत्रिकाएं छपने पर प्रतिबंध लगाया जाये ताकि पेड़ों को बचाया जा सकें - ससुर हर हफ्ते एक पुर्जा छापकर तू मेरा लें - मैं तेरा लेता हूँ के नाम पर गोरख धँधा 1947 से चला रहे हैं
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मध्यप्रदेश में चुनाव के बाद दो पार्टियों के बीच प्रशासन का यह संक्रमण काल होता है , जब लोक प्रशासक खेल खेलते है. मैं माननीय राज्यपाल और माननीय हाई कोर्ट से अपील करता हूं कि निम्न बिंदुओं पर तुरंत ध्यान दिया जाए (हालांकि राज्यपाल का रुख सबको मालूम ही है पर शायद अंतरात्मा जगी हो गलती से)
◆ सभी मंत्रालयों की फाइलों को तुरंत प्रभाव से सुरक्षित किया जाए ताकि भाजपा के कार्यालय के दौरान लिए गए निर्णय, लंबित निर्णय और पेंडिंग फाइलों पर कोई भी ब्यूरोक्रेट कोई नोट शीट ना चला सके और हेरा फेरी न कर सके
◆ वल्लभ भवन और मुख्यमंत्री निवास में कितनी फाइलें होंगी, किस की फाइलें होंगी - यह अंदाज लगा पाना मुश्किल है, अतः मुख्यमंत्री आवास में जो मुख्यमंत्री कार्यालय है उसे और वल्लभ भवन के सभी विभागों का तत्काल प्रभाव से संरक्षण किया जाए ताकि वहां के दस्तावेजों में मुख्यमंत्री के मुंह लगे अफसर मनमानी न कर सके क्योकि यही समय होता है जब ब्यूरोक्रेट अपनी मनमर्जी चलाकर या अपनी सीट सुरक्षित रखने हुए फाइलों में हेरा फेरी कर सकते हैं
◆ मुख्य निर्वाचन आयुक्त वी कांताराव को यह पूछा जाना चाहिए कि जब राजस्थान सहित अन्य राज्यों में चुनाव परिणाम शाम 5:00 बजे तक घोषित हो गए थे तो यह महाशय आज सुबह 5:00 बजे तक क्या कर रहे थे, यह शख्स सिर्फ सरकार के प्रति जवाबदेह ही नहीं है - बल्कि जनता के प्रति जवाब देह ज्यादा है ; इसका अर्थ यह है कि इस आदमी ने जब कांग्रेस ने शुरुवात में 6500000 फर्जी मतदाताओं की सूची की बात की थी तो यह झूठ बोलता रहा - सुप्रीम कोर्ट में भी झूठ बोला था, तब से आज सुबह 5:00 बजे तक शिवराज सरकार के लिए वफादारी निभाई है और इतना सब करने के बाद भी सरकार नहीं बन पाई , नई सरकार को तुरंत इसे हटा कर कहीं लूप लाइन में डालना चाहिए और नया निष्पक्ष और तेज निर्वाचन आयुक्त नियुक्त करना चाहिए वरना यह आदमी लोकसभा के चुनाव में भी अपनी प्रतिबद्धता दर्शायेगा और कबाड़ा करेगा. सिद्धांत रूप से मुख्य निर्वाचन आयुक्त को देर से चुनाव घोषित करने के लिए श्वेत पत्र जारी करना चाहिए और यह स्पष्ट कारण बताना चाहिए कि आखिर ऐसे क्या कारण हुए कि 230 सीट के लिए सुबह 5:00 बजे तक का समय लिया गया
◆ भोपाल और अन्य मीडिया के मित्रों से निवेदन है कि इस बारे में विस्तृत जानकारी लें और जनता को बताएं कि राजस्थान में 199 सीट थी जबकि मध्य प्रदेश में मात्र 31 से ज्यादा थी, ज्यादा से ज्यादा शाम 7:00 या 8:00 बजे तक परिणाम घोषित हो सकते थे परंतु पूरी रात भर यह कांताराव गड़बड़ी करता रहा और पूरे देश को अंधकार में रखा, इस एक व्यक्ति के वजह से जनता को निर्णय से अवगत नहीं कराया गया और पूरा प्रशासन शासन राजनीतिक पार्टियां मीडिया परेशान रहा क्यों न इस आदमी की सेवाएं तत्काल प्रभाव से बर्खास्तगी जाए यह आदमी यह जानता है कि ईवीएम मशीनों की में गणना तुरंत होती है और विवि पेट में मात्र 10% सैंपल का ही गणना करना होती है तो आखिर क्यों सुबह 5:00 बजे तक का समय लिया गया हूं यह असंवैधानिक है और चुनाव आयोग के नितिन निर्देशों के अनुरूप भी नहीं हैं
◆मेरी राय में भी कांता राव को कारण बताओ नोटिस देते हुए तुरंत प्रभाव से बर्खास्त करना चाहिए और नए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की जाना चाहिए अन्यथा मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के समय यह पुनः इसी तरह के नाटक करेगा
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शिवराज - बहन जी मैं नही तो कोई नही
मायावती - मैं क्या करूँ गर मोदी ने सीबीआई पीछे छू की तो
शिवराज - अरे अभी सदमे ने है कुछ नही करेगा , मैं भी एम पी में भाजपा को नही आने दूँगा, जब 15 साल कोई नही बनाया तो अब मैं नही तो कोई नही " सरेंडर" कर रहा हूँ, तुम भी कांग्रेस के साथ जाओ तीनों राज्यों में सत्ता भोगों हिसाब बराबर करो
मायावती - जी , जय महांकाल , बम बम , जय शिव, जय शिव, अलखनिरंजन
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पत्तल कारों से मायावती - भाईयों, माननीय कांशीराम जी की आत्मा ने मुझे कहा कि जनता की सेवा के लिए कांग्रेस को समर्थन दें
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गिरगिट और लोमड़ियों का कोई जमीर होता है ?
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शिवराज जी को अब विदिशा संसदीय क्षेत्र में मेहनत शुरू करना चाहिए
वही मुक्ति है अब लोकसभा यानी कुरुक्षेत्रे
मप्र में आपके काम को याद रखा जाएगा लाड़ली लक्ष्मी से लेकर भावान्तर, व्यापमं से लेकर नर्मदा यात्राएं और खनिज खनन के लिए
आपको आपके लोगों ने हराया है और एक लम्बी सूची है इन करीबी आपके भाजपाईयों की और अब बताने जताने की जरूरत नही
बहरहाल, शुभकामनाएं अगली केंद्र सरकार यदि भाजपा की बनी तो खेती किसानी का राज्यमंत्री बनने के लिए तैयार रहिएगा
परिवार सहित सुखी रहिये दूध की फूलों की दुकान है ही, दो जवान बेटे है जो सहारा है , ख़ुश रहिये - आप सब दे चुके है
माँ नर्मदा आपका भला करें
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सुप्रीम कोर्ट से लेकर अन्य संस्थाओं में काम करने वालों को अब नैतिक समर्थन मिलेगा
पंथ निरपेक्ष वालों को अब अपनी बात कहने का मौका मिलेगा
बहुत गुंडागर्दी हो गई थी और विषाक्त माहौल बना दिया था इन दो लोगों ने , उन लोगों को सलाम जो तमाम तरह की बातों के बाद भी अपनी बात कहते रहें
अब सब मतभेद भूलकर भुलाकर पुनः विकास के लिए सर्वजन हिताय काम करें
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वो मिजोरम , एमपी की बात करेंगे
तुम छग, राजस्थान और तेलंगाना पर अड़े रहना ☺️☺️☺️
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कांग्रेस मुक्त नही पर कांग्रेस की निगरानी में भी सरकारें चलाना पड़ेगी मोदी जी
तुम लोग 60 साल सत्ता से दूर रहें और जब आये तो तुम्हारे नेतृत्व ने पूरे जनसंघ, विहिप, बजरंग दल, संघ और बाकी सारे आनुषंगिक संगठनों को ध्वस्त कर दिया
भाजपा की हार नही, यह मोदी और अमित शाह की जोड़ी के अहम, अम्बानी को एक तरफा मदद, आम जनता को चार साल में त्रस्त कर हादसों में जीने को अभिशप्त करने और आम लोगों से मीडिया, न्याय पालिका और कार्यपालिका को डरा धमकाकर काम करने का नतीजा है
लोकसभा के चुनाव सामने है देश हित में ना मोदी और ना योगी कोई और हो तो बात बनें
और अब पप्पू से लेकर बाकी सब सम्बोधन अपने जमाई, फूफा और मामाओं के लिए रखो , दादागिरी और गुंडागर्दी करके कभी कोई दिलों पर राज नही कर पाया है
समझों इशारे
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अब तो मान लो कि नोटबन्दी एक भयानक साजिश थी और दो आदमियों का अम्बानी जैसे घरानों के कहने पर की गई 138 करोड़ लोगों के साथ धोखाधड़ी थी
यह भी मान लो कि अयोग्य , निरंकुश और नाकारा शासन पद्धति के जनक चार वर्ष सिर्फ जुमलों, घूमने फिरने, रुपयों से लेकर संविधानिक संस्थाओं को बर्बाद करने में ही लगे रहें और देश बर्बाद हो गया
यह गंभीर आर्थिक आपातकाल है मित्रों और धैर्य रखें, सोचिए विचारिये और नए ऋण या कर्ज लेने से पहले, निवेश करने से पहले, शेयर बाजार या हवाला, सट्टे या कही और रुपया लगाने से पहले दस बार सोच विचार करें, प्रॉपर्टी खरीदने से पहले, विदेश घूमने जाने से पहले पचास बार सोचिए
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दो पोस्ट का दायित्व और मिला प्रत्यक्ष रूप से
इस तरह मोदी जी ढेर सारी संविधानिक संस्थाओं के साथ पहली बार रिजर्व बैंक के गवर्नर और डिप्टी गवर्नर बनने वाले दुनिया के सबसे पहले प्रधानमंत्री भी बनें
बधाई प्रातः स्मरणीय , वंदनीय परम पूज्य दामोदर पुत्र श्रीयुत 1008 नरेंद्र भाई मोदी जी
आपके हाथ पांव में देश सुरक्षित है, हम दरिद्र नंगे भूखे अम्बानी के गुलाम भारत वासी एवं गौ पूजक आप पर अगाध आस्था और विश्वास रखते हुए 2019 में आपको वोट देने का वादा करते है
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