योगेन्द्र यादव को शायद महाराणा प्रताप को लेकर लिखी कविता याद आ गयी होगी इसलिए वे कह रहे है कि बुन्देलखण्ड में लोग घास की रोटी खा रहे है, हाँ गरीबी बहुत है पर लोगों ने उसका रास्ता निकाल लिया है पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, हरपालपुर, महोबा जैसे छोटे शहरों से रोज 10-15 बसे दिल्ली जा रही है और लोग देश के दूरस्थ इलाकों में पलायन पर जा रहे है काम की तलाश में और काम करने. रोजगार ग्यारंटी योजना बुरी तरह से फेल हो गयी है खासकरके आदिवासी इलाकों में..बुन्देलखण्ड के गाँवों में जितना मै घूमा हूँ उतना तो योगेन्द्र यादव नहीं घूमे होंगे, हाँ किसी एनजीओ ने अपनी दूकान चलाकर अतिश्योक्ति वाले सर्वे उन्हें दे दिए हो तो बात अलग है.. ******************* आमिर खान और किरण राव के चलते महिलाओं को लेकर जेंडर को लेकर पूर्वाग्रह से रचे बसे अभद्र कमेन्ट जो लोग कर रहे है उनमे से सात-आठ को अभी चलता किया. बदतमीजी की हद है और बहुत ही घटिया तरीके से सन्नी लियोन और किरण राव को लेकर चुटकुले और कमेन्ट कर रहे है. इसमे कुछ बुजुर्ग भी है जिनके मरने में मुश्किल से दो साल भी बचे नहीं होंगे पर गंदा दिमाग और...
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