डा बी आर आंबेडकर और मो. क. गांधी से मुक्ति पाये बिना इस देश का उद्धार नही हो सकता। गांधी ने निकम्मे और भृष्ट गांधीवादी और कांग्रेसी पैदा किये जो मठ बनाकर बैठे है और आंबेडकर ने आरक्षण के नाम पर अयोग्य और घटिया लोगों को तंत्र में बिठा दिया जो ना कुछ करना चाहते है ना सीखना! जिन भी लोगों को जीवन में एक बार भी आरक्षण का लाभ मिल गया है चाहे शिक्षा में, किसी कोर्स के प्रवेश में, छात्रवृत्ति में, नौकरी में, प्रमोशन या सरकारी सुविधा लेने में या मकान दूकान लेने में या किसी अन्य प्रकार के सुख उठाने में अब उनसे जाति प्रमाणपत्र छीन लो और भीड़ में शामिल करो और सामान्य मानो क्योकि अब बहुत हो गया दलितों को लम्बे समय तक बरगलाते हुए दूसरे वर्ग के इंसानों को बेवकूफ बनाना . बंद करो आरक्षण का नाटक या दम हो तो मंडला, डिंडोरी, खालवा या कवर्धा के आदिवासियों को नौकरी दो उन्हें डाक्टर इंजिनियर बनाओ ये शहरी दलितों को जो इंदौर भोपाल में पढ़कर छात्रवृत्ति लेकर दिल्ली से लाकर विदेशों तक में जाकर पढ़ आते है और बेशर्मी से जाति का कार्ड खेलकर किसी भिखारी की तरह से सरेआम फ़ायदा लेते है उनको समाज से बहिष्कृत करो. धर्म शि...
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