अगर अपने पास भी बचपन में रुपया और जवानी में समय होता तो आज कुछ नहीं कर पाते, मै या हम जैसे लोग इन दो चीजों की ना होने की वजह से ही "सेल्फ मेड" हो पाए है और परिवार की सीख थी कि हारना मत, कुछ भी हो जाए, क्योकि मुश्किलों में भी मैंने / हमने अपने माता - पिता को मुस्कुराते हुए ही देखा था और आज यही काम आ रहा है कि कितना भी मुश्किल समय हो एक जगह खड़े रहना सब कुछ गुजर जाएगा और सब कुछ ठीक ही होगा...........
- एक मुश्किल समय अपने आप को दिलासा देते हुए.
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जब आपसे एक दोस्त जुड़ता है तो यकीन मानिए आपका खर्च बढ़ने वाला है, जैसे परिवार में एक सदस्य के जुड़ने से खर्च बढ़ता ही है ना !!!
ज़रा सम्हल कर, महंगाई का ज़माना है मित्रों, दोस्ती सोच समझकर करें.
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