जनक दीदी के बारे में कल ही राहुल जैन से लम्बी बात हुई और फिर उनके काम और बहाई अध्ययन केंद्र , बरली केंद्र इंदौर आदिवासी लड़कियों के कौशल उन्नयन की बातें, फिर साधना और हेर्विग के काम और कवछा में कल्याणी संस्थान के काम, समाज सेवा और तमाम बातें.
अच्छा यह है कि अब गर्व से कह सकता हूँ कि मै चार पदमश्री प्राप्त लोगों को व्यक्तिगत रूप से जानता हूँ और इन लोगों से बहुत कुछ सीखा है और अभी बहुत कुछ सीखना बाकी भी है. संगीत के क्षेत्र की आदरणीय वसुंधरा ताई, शिक्षा के डा जे एस राजपूत, कबीर गायक प्रहलाद सिंह टीपान्या और अब समाज सेवा की जनक दीदी.
बधाई और बहुत मुबारकबाद जनक दीदी को, आपने जो काम किये और शुरू किये है और अभी भी सक्रीय है, यह तसल्ली की बात है और इन दिनों जैविक खेती, सब्जियों और उत्पादों का आप जो अदभुत काम कर रही है वह सराहनीय है.
जनक दीदी से अभी बात की तो मैंने कहा कि अब जैविक मिठाई बनाओ तो खाने आता हूँ, बहुत सहजता से और प्यार से आमंत्रित करते हुए बोली कि "संदीप, यह सब तुम लोगों के सहयोग और लम्बे साथ की वजह से ही संभव हो पाया है, और जैविक मिठाई का आईडीया भी अच्छा है, जल्दी से आ जाओ, बस जा रहा हूँ, आईये, आप लोग भी मजा आयेगा सच में.
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