जब बहुत ही घटिया काम के हालात हो, कोइ भी व्यवस्थाएं ना हो, जो विकास के विभाग है उनके दफ्तरों में पानी चु रहा हो और कर्मचारी हाथो हाथ धर के बैठे हो, पुरे समाज के लोगो का रिकार्ड भीग रहा हो तो हम क्या उम्मीद करे कि ये कर्मचारी सबका भला कर देंगे जो अपनी देखभाल नहीं कर सकते वो देश समाज की क्या करेंगे ? शर्मनाक है ऐसे देश में रहना और देशभक्ति के कोरे गुण गाना....अब कुच्छ होने की संभावना खत्म हो गयी है.
जब बहुत ही घटिया काम के हालात हो, कोइ भी व्यवस्थाएं ना हो, जो विकास के विभाग है उनके दफ्तरों में पानी चु रहा हो और कर्मचारी हाथो हाथ धर के बैठे हो, पुरे समाज के लोगो का रिकार्ड भीग रहा हो तो हम क्या उम्मीद करे कि ये कर्मचारी सबका भला कर देंगे जो अपनी देखभाल नहीं कर सकते वो देश समाज की क्या करेंगे ? शर्मनाक है ऐसे देश में रहना और देशभक्ति के कोरे गुण गाना....अब कुच्छ होने की संभावना खत्म हो गयी है.
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