महाराष्ट्र के युवा डॉक्टरों का एक दल इन दिनों मध्य प्रदेश में है, ये सभी युवा साथी अपने मेडिकल ज्ञान में तो दक्ष है ही, परंतु समुदाय के लिए कुछ करना चाहते हैं, अधिकांश इसमें से पोस्ट ग्रेजुएट हैं और यह पिछले कई वर्षों से युवाओं के साथ काम कर रहे हैं
हाल ही में इन्होंने छत्तीसगढ़ में अपना काम व्यवस्थित रूप से शुरू किया है जहां पर ये युवाओं के साल भर में 3 आवासीय शिविर लगाएंगे और 6 - 6 दिन उन्हें निश्चित अंतराल पर अपने साथ रख कर विभिन्न चरणों में प्रशिक्षित करेंगे - पहले चरण में "अपने अंदर की यात्रा", दूसरे चरण में "बाहरी जगत की यात्रा" और तीसरे चरण में "जीवन में क्या करना है" - इस बारे में कौशल और दक्षता में विकसित करेंगे
भोपाल, हरदा और अंततः इंदौर में कई स्वैच्छिक संस्थाओं के साथ में ये युवा मित्र मिले, खुशी की बात यह है कि इनमें से एक मेरा प्रिय श्रीनिधि दातार है - जो वर्धा में महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहा था, तब से मुझसे जुड़ा हुआ है और आज श्रीनिधि का सिलेक्शन पोस्ट ग्रेजुएशन में हो गया है और वह शीघ्र ही देश के किसी प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में अपनी पीजी की पढ़ाई के लिए ज्वाइन करेगा श्रीनिधि देवास घर भी आ चुका है, श्रीनिधि से मुलाक़ात विनोबा भावे के पवनार आश्रम, [ महाराष्ट्र ] पर हुई थी - जब वह अपने मित्रों के साथ वहां घूमने आया था आज से चार पांच साल पहले, मै भी आश्रम में था कुछ सीख रहा था उन दिनों वहाँ की शांति और समझ के वातावरण में, श्री से सहज बातें हुई और समाज - स्वास्थ्य आदि मुद्दों पर लम्बी बात हुई, मैंने इन मित्रों को देवास आमंत्रित किया था, ये जब एमबीबीएस के फाइनल में थे तब घर आये थे, तब से आत्मिक लगाव और एक पारिवारिक रिश्ता भी बन गया ; अभी 2 दिन उसके साथ रहा काफी अच्छा अनुभव रहा मेरा डॉक्रटर श्रीनिधि अब एक परिपक्व और अपने विषय का पारंगत डॉक्टर बन गया है और उसकी सामाजिक तथा कम्युनिटी मेडिसिन को लेकर काफी गहरी समझ विकसित हुई है
पूना, मुम्बई और अनेक महानगरों से जुड़े साथी इनके साथ है और ये सभी भी पूना - मुम्बई के है, पर दूर दराज छत्तीसगढ़ में काम कर रहें है, छग में ये लोग बिलासपुर के पास गनियारी के अस्पताल और साथ-साथ स्व शंकर गुहा नियोगी द्वारा स्थापित "शहीद अस्पताल" के साथ भी काम करते हैं और समाज के हाशिये पर पड़े हुए लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं कैसे मुहैया कराई जाए - उस बारे में प्रतिबद्धता के साथ काम करते हैं, इस समूह के साथ दो दिन साथ रहने पर मुझे भी बहुत कुछ सीखने को मिला, इनमे से दो मित्र Doctors without Borders के साथ जुड़े है और निस्स्वार्थ भाव से जुटे है
बहुत शुक्रिया श्रीनिधि, सेजल, उमेश, श्रेयस, संजय जी और निशित
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