महाराष्ट्र में देखिए सत्ता पाने के लिए नाटक
सत्ता के बिना रह नही सकते, मर जायेंगे, षडयंत्र रचेंगे, इस्तेमाल करेंगे पर सत्ता को पाने के लिए कुछ भी करेंगे
लोकतंत्र की इज्जत नही, काहे चुनाव के नाम पर नाटक करवा रहें हो बै, हर बार खरीदी बिक्री करनी है, षड्यंत्र करना है और किसी भी तरह की नीचता से कुर्सी पाना ही है तो बंद करो और बैठ जाओ और कहते हो कि हम अनुशासित, सुसंस्कृत, सभ्य और लोकतांत्रिक पार्टी है , तुम लोग घण्टा, घड़ियाल, थाली और झाँझ - मजीरा पार्टी हो बस
कंगालों को साल भर से रोटी नही मिल रही, देश की आर्थिक राजधानी में भूखे मर रहें है तो चौबीसों घँटों लगे है मुम्बई से दिल्ली तक
हद है मतलब बर्दाश्त ही नही कर सकते कि सत्ता से दूर रहें मप्र में सत्ता खरीद ही ली भूखे भेड़ियों ने, राजस्थान में कुत्सित प्रयास किया पर सफल नही हुए छग में भी जूते खाएं, बिहार में नीतीश को बेवकूफ बनाकर बेशर्मी से कुर्सी पर बैठे ही है, बंगाल में गुंडागर्दी की सारी हदें पार करके रुपयों के बल पर और अन्य चार राज्यों में कुर्सी खरीद ही लेंगे व्यापार खून में है - कल कल्लू मामा बोला था ना
बस मुम्बई बस में नही आ रही थी तो घटिया किस्म के षड़यंत्र करके रोना धोना मचा रहें है, वैसे अम्बानी इनका क्या लगता है - उसने तो कोई रिपोर्ट नही की कि उसे खतरा है, देवेंद्र फड़तूस जबरन मुद्दा बना रहा है - इसको आंगनवाड़ी का दलिया भिजवाओ रे कोई
पच नही रहा कि शिवसेना अकेले 100 करोड़ हर महीने खा लें फिर इनको क्या मिलेगा
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