ये गोरमेंट बिकी हुई थी तभी चुनी गई 31 % लोगों द्वारा
जम्मू कश्मीर में विधानसभा भंग, महबूबा से नाता तोड़ घटियापन चरम पर - स्वस्थ राजनीति का एक और चरम स्तर से अविकसित फ़ैसला और दूर दृष्टि का अभाव दिखा, ये देश चलाना तो दूर चाय की टपरी नही चला सकते और चायवाला बनकर देश बर्बाद कर दिया , लोकतंत्र को गिरवी रख दिया - कितना और गिरेंगे ये लोग
कुछ नही, हड़बड़ा गए है बुरी तरह - अब जब 2019 सामने दिख रहा है तो कुछ समझ नही आ रहा कि क्या करे और क्या जवाब दें , भाषण में मुख मुद्राएं देखिये, भाषण सुनिए - सिवाय झूठ , गलत तथ्यों और घटिया किस्म के मसखरों की भांति एक्टिंग के अलावा कुछ है और
लिख लीजिए ना शिवराज, ना रमण, ना वसुंधरा जीतेंगे - ये ही हराएंगे अपने प्रतिद्वन्दियों को बुरी तरह , विदुषी सुषमा जी ने आज मना कर दिया कि वो चुनाव नही लड़ेंगी यह पूरी नैतिक जिम्मेदारी से उन्होंने कह दिया, सुमित्रा महाजन भी बाहर मानिए और मुरली मनोहर से लेकर आडवाणी पहले ही बाहर है, मुंडे से लेकर अटल जी है ही नही अब , बचे जेटली - गडकरी टाईप लोग जिनकी रीढ़ की हड्डी ही नही और विशुद्ध बनिया बुद्धि है तो इन्हें साफ करना कौनसी बड़ी बात है
बाकी जो है वो बिल्ली के ...
अब बचा कौन सिर्फ दो - जो भाजपा को बर्बाद कर दिए है कार्पोरेटस की गुलामी करते हुए
कांग्रेस के खात्मे के साथ कांग्रेस मुक्त भारत की बात कर रहें थे और देखिए भाजपा, संघ, बजरंग दल, विहिप, जनसंघ मुक्त भारत हो गया तोगड़िया से लेकर साधु संतों को ठिकाने लगा दिया दो लोगों ने
भक्तों , जाओ नारियल चढ़ाओ - ना गंगा साफ हुई, ना मंदिर बना, ना 15 लाख मिलें, ना कश्मीर मिला, ना पाक पर हमला हुआ - तुम्हारे हिन्दू राष्ट्र की धज्जियां उड़ा दी तुम सबको ही बेवकूफ बनाकर , 50 दिन नही 500 दिन बीत गए है और चौराहे पर किसान, बेरोजगार युवा और महिलाएं मर रही है और जिसने वादा किया था वो तो मीडिया के सामने नही आया तो चौराहे पर क्या आएगा भक्तों
मैं बहुत खुश हूँ आज कि ये फिर जीतेगा और 2024 तक रहेगा तब तक तुम सबकी वाट लगा देगा - उखाड़ लेना क्या उखाड़ सकते हो
तुम्हारे वसुधैव कुटुम्बकम, जम्बू द्वीप, अखण्ड भारत और सारे स्वप्न ध्वंस होने की बधाई
बस एक बार पूछो कि रात में ये कौन सा तगड़ा वाला मसाला लेते है कि सीबीआई में भी रात को घुसते है, नोट बन्दी भी रात को करते है, कश्मीर की विधानसभा भी रात को भंग करते है
काश एक घर बसा लेते तो शाम को थक हार कर सब्जी लेते घर जाते और बाल गोपाल, कृष्ण कन्हैयाओं के बीच बैठकर स्मृति ईरानी का "सास भी कभी बहु थी " देखतें
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बनाई आज बंगाली चटनी
खूब सारे काजू, बादाम, खारिक, अखरोट , छोटी इलायची खूब सारी, किशमिश, आम का पापड़ और चेरी भी है
टमाटर की खूब सारी प्यूरी में गुड़ के साथ नींबू , मूंगफली , हरी मिर्च, लहसून, अदरख और सौंठ का पाउडर भी डाला है - नवाचार के तौर पर ताकि यह ठंड के मौसम अनुरूप गर्म भी और स्वास्थ्य वर्धक भी रहें
क्या महक और स्वाद , शुक्रिया नए स्वाद से परिचित करवाने के लिए चैताली
स्वर्ग सा एहसास , गजब की चटनी
यह बंगाली प्रकार की चटनी थी जो मित्र Chaitali Nandy ने सीखाई थी पर अपुन ठहरे मालवी आदमी सो अपनी इस्टाइल से बना ली , हाँ भिया सेव नी डालूवां - ये पक्का तय कर रखा हेगा
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