सभी डॉक्टर्स को डॉक्टर दिवस की
बधाई
मैक्स प्लेयर पर अभी एक सीरीज़ "डॉक्टर रोमांटिक" देखी, 20 एपिसोड वाली इस सीरीज़ को सभी किशोरों को देखना चाहिये जो मेडिकल में जाना चाहते है, इसका नाम जरूर अजीब है, शायद अनुवाद की समस्या हो मूल कोरियाई भाषा से, पर कोरिया के एक छोटे कस्बे में सीमित सुविधाओं के साथ काम करने वाले चार - पाँच डॉक्टर्स के संघर्ष, समर्पण, शोध और उनके जुझारूपन को देखकर सच में यह विश्वास हुआ कि जीवन वैसा नही है - जैसा दिखता है - कोई भी डॉक्टर बीमार मरीज़ को मारना नही चाहता - यह उसके कौशल और दक्षता पर सवाल होता है, उसके दीर्घकालीन प्रशिक्षण और पढ़ाई पर सवाल होता है - भले ही लालच, स्वार्थ सब संग साथ हो पर फिर भी वो मरीज़ को मरने नही देता, हर हाल में वो मरीज़ को ज़िंदा रखना चाहता है
कोरोना काल में दो साल से पर्दे के आगे और पीछे हमारी भलाई के लिए काम कर रहें करोड़ों हाथ इसके गवाह है कि आज हम यहाँ है और जीवित है, मेरा डॉक्टर्स के साथ 40 साल का विलक्षण अनुभव है और देश के सर्वोच्च सुविधाओं वाले अस्पतालों का अनुभव है पिताजी, माँ, भाई के साथ तमाम रिश्तेदारों और मित्रों के बीमारियों और इलाज के अनुभव है और सबसे बड़ी सीख यह है कि डॉक्टर्स गिव अप नही करते - "they don't give up in any situation "
एक बड्डे वाला शुक्रिया और खूब प्यार मुहब्बत आपको - गालियाँ खाना ही पड़ती है, बावजूद इसके आप लगें हैं यह काबिले तारीफ है
बधाई और स्वस्तिकामनाएँ डॉक्टर्स साहेबान
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254 का जन्मदिन है आज अपनी लिस्ट में
इन सबको
बधाई
स्वस्तिकामनाएँ
साथ ही एक बड्डे वाला थेँकू भारतीय समाज के राष्ट्र निर्माता माड़साबों को भी जिनकी बदौलत ये सब अपना जन्मदिन पा गए और ठीक ठाक जीवन में आ गए वरना तो ...
रैन दो यार सुबू सुबू कायकू मगज मारी करने का माड़साब से, तुम सब लोग मस्त रहो रे, खीर पूड़ी खाओ, मुर्गा मटन मछली सब खाने का, सतनारायण की कथा बांचने का, प्रसाद बांटने का, नई गाड़ी खरीदने का, सबसे नम्मरता से बोलने का, पाँव पड़ने का, जबरन गले लगने का, रंग बिरंगे केक काटके खाने का - चूसकर नई, खूब पूजा पाठ करने का, रात को बाटली भी फोड़ने का, अपनी चम्पा से दिन भर बात करने का, विराधाश्रम जाने का दो किलो एपल और चार दर्जन केले बांटने कूँ, गरीब गुर्गों को खिलाने का, गौशाला बी जाने का घास लेके, कोई विधायक - ईधायक, पार्षद गोलू मोलू भिया आये तो उनके साथ भी फोटू लेने का कैमरे की तरफ देखते हुए समझा कि नई - एकदम चकाचक और झकास वाला मनाने का जन्मदिन कूँ और सबसे आखिरी में रात कूँ जब कल की चिंता सताने लगें तब्बी के तब्बी ईडर आके सबको एक इमोशनल वाला थेँकू बोलने का और वो सब फोटू चैंपने का जो आज दिन भर हींचे हेंगे
खुस रहो, मौज करो
बोले तो ढेर सारा लभ यू रहेगा और दुआएँ , आसीस भी
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◆ "ग्रहण" सीरीज़ अच्छी है, पर 1984 के दंगों का सच सिर्फ इतना सा नही है , स्मृतियों में ताज़ा है बीएससी प्रथम वर्ष का छात्र था, मैंने देखे है दंगे और फ़साद - इंदौर के राजवाड़े का जलना या देवास में सिखों की दुकानों को लूटना और उनके बाल काटने से लेकर हत्या कर देना, घर के ठीक सामने पाल साहब की केमिस्ट की दुकान थी वो दंगाइयों ने लूट ली थी - कहने की ज़रूरत नही किसने और 1992 में 6 दिसम्बर भी याद है और उसमें कौन थे यह भी कहने की ज़रूरत नही - बहरहाल, ठीक सीरीज़ है
ये हॉट स्टार पर है, जो टेलीग्राम पर देखी
◆ "The Violin Player" शानदार फ़िल्म है, बाज़ार, गरीबी और रोज़गार के घटते अवसरों के बीच समझौतों में क्या से क्या स्वीकारना पड़ता है - उत्कृष्ट फ़िल्म है
ये नेटफ्लिक्स पर है
◆ "प्रवास" अमेज़ॉन पर है, अशोक सराफ और पद्मिनी कोल्हापुरे की फ़िल्म मृत्यु के मुहाने खड़े जीवन में उम्मीदों और मरने तक प्रयास करते रहने का काम ही हमारा मुख्य कर्तव्य है, मराठी फिल्म जबरदस्त है जिसमें आप हर क्षण उत्साहित होते रहते है रोते रहते है - अपने भाई को 13 वर्ष तक डाइलिसिस करवाया है इसलिए इस फ़िल्म ने तोड़कर रख दिया आज - फिर से वही कालक्रम घूम गया दिमाग़ में
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