बैंगन,करेला और आलू भूँजा
बैंगन, करेले और छिले हुए आलू को साफ धोकर लम्बा लम्बा काट लें ( चार चार करेले बैंगन और आलू मात्र दो )
● मूंग मोगर को धोकर पानी में गला दें
● अब करेले और आलू को हल्दी और नमक लगाकर पंद्रह मिनिट के लिए रख दें
● पंद्रह मिनिट बाद साफ पानी से इन सबको धो लें - हल्का सा सूखा लें और फिर गर्म तेल में डीप फ्राई तब तक तलें - जब तक वो हल्के भूरे और कड़क ना हो जाये
● अब इसी तेल में मूंग मोगर की दाल का पानी निथारकर तल लें कड़क होने तक
● अब सभी को एक बड़े बाउल में मिला लें , ऊपर से सफ़ेद तिल बुरक दें और थोड़ा सा जीरावन और नींबू डालकर गर्मागर्म खाएँ
[ कल सीमा व्यास ने आलू भूँजा की बात की थी , Chaitali Nandy ने भी इसे लोकप्रिय बंगाली डिश बताया था जो माछ भात या दाल चावल के साथ खाई जाती है, पर अपुन ने इसका मालवी संस्करण बनाया एकदम नवाचारी - मूंग मोगर इसलिए डाली कि पर्याप्त प्रोटीन भी मिल सकेगा कार्ब्स के साथ, तिल से तेल यानि वसा और नींबू से विटामिन सी भी, जीरावन इसे स्वाद देगा और पाचक बनाएगा ]
● सभी चीजें सस्ती और सब जगह उपलब्ध होने वाली है
● खाईये खिलाइए और अपनी ऊर्जा सही जगह लगाइए
● शुगर पेशेंट्स के लिए पौष्टिक और परहेज का भोजन है - ध्यान रहें नमक जीरावन कम हो बस
● सभी चित्र विधि अनुसार क्रम में है
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पौष्टिक चीजोनियन उत्तपम
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● तीन कटोरी चावल और एक कटोरी उड़द दाल साफ करके पानी में रात को गला दें
● सुबह दोनो को मिक्सी में पीस लें और कम से कम चार घँटे या खमीर आने तक ढाँक कर रख दें
● अब एक तवा गर्म करें और एक चम्मच तेल डालकर फैला दें और मिश्रण को गोल आकार में फैलाएं - इसकी परत थोड़ी मोटी रखें
● अब इस पर बारीक कटा प्याज, टमाटर, बंद गोभी और हरी मिर्च का सलाद फैला दें , बारीक कटा धनिया भी डाल दें
● एक ओर सिंकने पर पलट दें और सिंकने दें
● अब पुनः पलट दें और एक चीज़ स्लाइस बारीक टुकड़ों में तोड़कर लगा दें
● बस तवे से उतारकर गर्मागर्म खाएं और घर के लोगों की दुआएँ लें
● निश्चित रहिये कोई दोस्त नही आने वाला - कर्फ्यू जो है
● छुट्टियाँ है किचन में प्रयोग करिये और अपनी ऊर्जा का सार्थक इस्तेमाल करिये, बहुत ज्यादा पढ़ना लिखना भी नही हो सकता क्योंकि यह सकारात्मक समय नही है -दिमाग तनाव में हो तो कुछ सार्थक नही हो सकता, कम से कम मैं नही कर पा रहा
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