90 % बलात्कार वैवाहिक बलात्कार है, परिजनों द्वारा किये गए है
फांसी दिलवा दो वकीलों , न्यायविदों और फेसबुक के ज्ञानियों
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देश में सुप्रभात है आज
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आखिर 4 लोगों को फांसी दे दी गई आज सुबह
हमारे पास कोई और चारा था ही नही, उस निर्भया की माँ को शांति मिल ही गई होगी जो 7 साल से लगी थी सजा दिलवाने में - खूब मीडिया के सामने तमाशा किया, माँ शब्द के मायने क्या रह गए है अब
वो वकील फेल हो गए जो कल तक जुगाड़ में लगे रहें कि 4 लोग बच जाए, सारी न्याय व्यवस्था भी कितनी पंगु हो गई थी, राष्ट्रपति के पास कोई विकल्प नही बचा था, हमने सुधार के सारे विकल्पों पर पानी फेर दिया है
कितने सभ्य है हम यह भी साबित हो गया , तमाम बहस और मानवतावादी दृष्टिकोण और वसुधैव कुटुम्बकम , विश्व कल्याण की बात करने वाले लोग हम भारत के लोग - चार युवाओं को सुधारने में नाकाम रहे - अब जग सिरमौर बनेंगे - अम्ब विमल मति दें
न्याय हो गया - मुबारक हो, बलात्कार आज से बंद - ख़ुश हो जाओ महिलाओं - आज से पुरूष प्रधान समाज की बंदिशें खत्म है , सब ओर खुशियाँ है
निर्भया की आत्मा को भी खुशी है और वो अब मुक्त हो गई है, स्वर्ग में है और देश की बेटियों को निहार रही है और सुबह 530 के बाद 5 बलात्कार हो गए - कमला भसीन बोली अभी
फांसी बढ़िया और अचूक हल है सबका अब इसे ही एकमेव सदैव जीवित विकल्प के रूप में अपनाना चाहिए - साला कोई भी दुश्मन हो
हम कितने क्यूट है - सुप्रीम कोर्ट ही नही पूरी ज्यूडिशियरी बेहद बर्बर, पाशविक और नृशंस है - यह मान लीजिए और यदि यही निर्भया का भाई करता किसी लड़की से तो उसकी माँ यह मांग करती
इस ज्यूडिशियरी की हिम्मत नही कि आशाराम, चिन्मयानंद , राम रहीम, सेंगर, माल्या, नीरव मोदी से लेकर तमाम राजनैतिक सामाजिक आर्थिक अपराधियों को फांसी दे दे
एक बार दिल पे हाथ रखकर पूछिये कि क्या हमने कोई अपराध नही किया है
हम कानून के विद्यार्थियों को फांसी उचित / अनुचित पर निबंध आता है लिखने को तमाम संदर्भों और प्रसंगों की व्याख्या करनी होती है
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