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Malini Gautam is Awarded with Gujrat Sahitya Academy award for 2016 for her Poetry book

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मालिनी गौतम को गुजरात साहित्य अकादमी के सन 2016 के पुरस्कार के लिए हार्दिक बधाई
डॉक्टर मालिनी गौतम झाबुआ , इंदौर, उज्जैन से अंग्रेज़ी साहित्य पढ़ी है और अंग्रेज़ी साहित्य में ही पीएचडी है, इन दिनों वे गुजरात के संतरामपुर में एक महाविद्यालय में अध्यापन करती है
इसके अलावा वे देश भर में अपनी ग़ज़लों, गीत और कविताओं के लिए एक अलग पहचान बना चुकी है, एक कवि होने के साथ वे बेहतरीन इंसान और सबसे ज़्यादा अच्छी संवेदनशील दोस्त है

यह हम सबके लिए बेहद प्रसन्नता की बात है जिस कविता संग्रह [एक नदी जामुनी सी] को पुरस्कृत किया गया है उसका विमोचन देवास में Madan Kashyap और राजेश जोशी ने किया था और तभी से उनसे हमारा साहित्यिक मित्र के रूप में नया साथ जुड़ा - अन्यथा मैं और मालिनी विक्रम विवि, उज्जैन के अंग्रेज़ी विभाग के बहुत पुराने सहपाठी है , बाद में हमने कई जगहों पर काव्य गोष्ठियों में मंच साझा किए है और अभी भी साहित्यिक क्षेत्र में साथ साथ है और परस्पर ऊर्जा लेकर सीखते है, मेरी हिंदी की वर्तनी सुधारने में वो कोई मौका नही छोड़ती पर बेहद शालीनता से !!!
इन दिनों मालिनी ने गुजराती कवियों की कविताओं का हिंदी अनुवाद करके हिंदी के बड़े जगत तक इन कविताओं को पहुँचाया है जो बहुत ही बड़ा काम है, अनुवाद सिर्फ शाब्दिक नही वरन विरल और दृष्टि सम्पन्न कार्य भी है जिसके लिए भी वो बधाई की पात्र है
मालिनी को मप्र हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा भी वागीश्वरी पुरस्कार देने की घोषणा हुई है, मेरा मानना है कि पुरस्कार ज़्यादा जिम्मेदारी लाते है और इससे एक ओर जहां हौंसला बढ़ता है, प्रतिष्ठा बढ़ती हैं , प्रोत्साहन मिलता हैं - वही नया सृजन करने और नित नूतन रचने की और बड़े स्तर पर साहित्य को 'मास' तक पहुंचाने की जवाबदेही भी बढ़ती है
मालिनी निश्चित ही इस जिम्मेदारी और सृजन के लिए उपयुक्त व्यक्तित्व भी है और सक्षम अधिकारिणी भी - आशा है आने वाले समय मे वे ये सब काम बहुत खूबसूरती और रचनात्मक ढँग से करेंगीं
बहरहाल, बहुत स्नेह, दुलार और शुभकामनाएं मालिनी को
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