तुम्हारे लिए...........सुन रहे हो ............कहा हो तुम........
एक शहर जिसे मैंने छूना ही शुरू किया था और अपने अंदर गहराई से महसूस कर
रहा था और एकाकार होने लगा था यहाँ की मिट्टी से, लोगों से और हवा
से.............अचानक अच्छा लगाने लगा था..... गलिया, रास्ते, दुकानें,
भाजी -पाले वाले, पेट्रोल पम्प वाले और वो हर कोई जिसके होने से ये शहर शहर
बनता है और इसे सबकी धड़कनों में ज़िंदा रखता है पर छूट रहा है
और एक नए शहर की ओर ले जा रहा है जीवन का दुष्चक्र और फ़िर एक बहते प्रवाह
को सुना तो था पर अब प्रत्यक्ष देखने का मौका लगेगा और शायद यह नयापन कुछ
जादू कर जाए................पर इस शहर को छोडने का दुःख तो है जीवन के इस
पड़ाव पर खट्टे मीठे अनुभवों ने इस शहर को मेरे भीतर लगभग एक पूरी सभ्यता को
बसाकर लगभग फ़िर से उजाड दिया है...............सीहोर यह शहर हमेशा याद
रहेगा. दोस्त और लोग, सडके और राजनीती, टाकीज़ और मंदिर, प्रशासन और अपने
पुराण बस सब धडकता रहेगा ...............गिरीश शर्मा जैसे दोस्त जिनसे क्या
नहीं सीखा और किस मुद्दे पर बात नहीं की.....लाखन जैसे प्यारे दोस्त जो
जीवन भर की अमानत है .......पिंकी, प्रीती, निर्मला, पूजा और अभय जैसे
प्यारे लोग जिनकी मदद के बिना मै कुछ कर ही नहीं सकता था, योगेद्र, नीरज,
कपिल और प्रदीप मेवाडा, फूलसिंह ने जो मदद गाहे बगाहे की है वो अतुलनीय है
सबका शुक्रिया और वादा है कि जब भी गुजरूँगा इधर से, जरूर उतर जाउंगा कि
चलो सालों मै यानी कि शैतान फ़िर से आ धमका हूँ परेशान करने..........
एक शहर जिसे मैंने छूना ही शुरू किया था और अपने अंदर गहराई से महसूस कर रहा था और एकाकार होने लगा था यहाँ की मिट्टी से, लोगों से और हवा से.............अचानक अच्छा लगाने लगा था..... गलिया, रास्ते, दुकानें, भाजी -पाले वाले, पेट्रोल पम्प वाले और वो हर कोई जिसके होने से ये शहर शहर बनता है और इसे सबकी धड़कनों में ज़िंदा रखता है पर छूट रहा है और एक नए शहर की ओर ले जा रहा है जीवन का दुष्चक्र और फ़िर एक बहते प्रवाह को सुना तो था पर अब प्रत्यक्ष देखने का मौका लगेगा और शायद यह नयापन कुछ जादू कर जाए................पर इस शहर को छोडने का दुःख तो है जीवन के इस पड़ाव पर खट्टे मीठे अनुभवों ने इस शहर को मेरे भीतर लगभग एक पूरी सभ्यता को बसाकर लगभग फ़िर से उजाड दिया है...............सीहोर यह शहर हमेशा याद रहेगा. दोस्त और लोग, सडके और राजनीती, टाकीज़ और मंदिर, प्रशासन और अपने पुराण बस सब धडकता रहेगा ...............गिरीश शर्मा जैसे दोस्त जिनसे क्या नहीं सीखा और किस मुद्दे पर बात नहीं की.....लाखन जैसे प्यारे दोस्त जो जीवन भर की अमानत है .......पिंकी, प्रीती, निर्मला, पूजा और अभय जैसे प्यारे लोग जिनकी मदद के बिना मै कुछ कर ही नहीं सकता था, योगेद्र, नीरज, कपिल और प्रदीप मेवाडा, फूलसिंह ने जो मदद गाहे बगाहे की है वो अतुलनीय है सबका शुक्रिया और वादा है कि जब भी गुजरूँगा इधर से, जरूर उतर जाउंगा कि चलो सालों मै यानी कि शैतान फ़िर से आ धमका हूँ परेशान करने..........
- Get link
- X
- Other Apps
Comments