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कुछ छूट-पुट फेसबुक पर लिखी और देखी भाली जो बहुत चर्चित हुई है

म प्र में इन दिनों लोकायुक्त जम के छापे मार रहे है राज्य शासन के चपरासी से लेकर डी एफ ओ और इंजिनियर भी नहीं बच पा रहे है ताजा मामला रतलाम का है जहां पलाश साहब को पचास करोड के मामले में पकड़ा गया है और उन्होंने कहा है कि यदि मेरी संपत्ति पचास करोड निकली तो मै नौकरी छोड़कर आत्महत्या कर लूंगा यह खबर कई अखबारों में मुख पृष्ठ पर है

मुझे लगता है कि आपसी प्रतिस्पर्धा और कमाने की होड और उपरी स्तर पर विधानसभा के चुनावों के मद्देनज़र यह सब हो रहा है जमकर लोगों से रूपये ऐंठे जा रहे है और अधिकारी काली कमाई करके ऊपर भी दे रहे है और अपना भी भला कर रहे है. यह सब बेहद शर्मनाक है

लोकायुक्त महोदय से निवेदन है कि अपने लोकायुक्त पुलिस के घर भी छापे लगवाएं और साथ ही विधायको, मंत्रियों, स्थानीय निकायों के पदाधिकारी, सरपंच और प्रशासन में बैठे कलेक्टरों, एस् पी साहेबान, टी आई और जिला अधिकारियों के घर में ताक-झाँक करे ताकि इसी प्रदेश के हर जिले, ब्लाक और गाँव तथा मोहल्ले में टीनू और अरविंद जोशी निकलेंगे.........

जहां से मै देख रहा हूँ वहाँ से हालात इतने खराब हो गए है कि अभी अप्रेल खत्म ही हुआ है और कुछ विभागों ने कलेक्टर के साथ सांठ-गाँठ करके पहले तिमाही का करोडो रूपया निपटा दिया है यानी कि बजट आया, केस बने, स्वीकृती हुई और अब बिल भी लग गए......क्या इससे तेज काम किसी संयुक्त राष्ट्र कोष में हो सकता है ............

बहुत ही बुरी स्थिति है और लोगो की हालात लगभग मरने के कगार पर है, क्यों ना पांच या हजार किसान मई दिवस पर आत्महत्या करे...............?
सुकमा के जिलाधीश कल रिहा हो रहे है अभी तक तो यह खबर है

मुझे लगता है कि अब उनपर दो गार्ड की इरादतन ह्त्या का मामला दर्ज करना चाहिए क्योकि वे पुलिस मुख्यालय को बगैर बताए उन्हें ले गए और उस जानलेवा हमले में उनकी ह्त्या हो गयी............जहां सरकार एक और भाप्रसे के अधिकारी के लिए सब मानने को तैयार हो गयी वही उन दोनों गरीब गुर्गों की हालत क्या हुई उनके परिजनों का क्या हाल है, उस पर मीडिया की भी चुप्प
ी खतरनाक है और शोचनीय है

भाई आशीष अंशु ने इस मुद्दे को उठाया और अब इसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए हम सबको कमर कसनी चाहिए क्योकि एलेक्स पाल मेनन के सामने तो गर्भवती पत्नी का ठोस बहाना है दूसरा वे ताजा ताजा अपहरण से छूटकर आये होंगे सो सरकार उन्हें सर आँखों पर चढ़ाकर रायपुर भेज देगी और धीरे से वे प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली आ जायेंगे पर उन गरीब जवानों के परिजनों का क्या अपनी अनुकम्पा नियुक्ति और पी एफ का रूपया लेने के लिए रिश्वत और नारकीय पीड़ा से गुजरना होगा उस पर किसी का ध्यान है......................? Ashish Kumar 'Anshu' क्या कहते हो.............?
सेंव एक अदभुत चीज़ है और घर में अगर पडी हो तो यह वरदान है आप जब चाहे जब भी चाहे कुछ भी इससे बना सकते है................भैया तभी तो मालवे का आदमी इसका मुरीद है सबके घर में अक्सर मिल जायेगी और मालवे का आदमी चौबीसों घंटे पोहे के अलावा कुछ और खा सकता है तो सेंव ............बस आज अपुन ने भी यही किया टमाटर सेंव की सब्जी से बेहतर क्या हो सकता है जब भी घर जाता हूँ तो एकाध किलो ले आता हूँ......................अभी देखो काम आ गई सेंव की सब्जी और गरमा गरमा रोटियां................वाह...............आ जाओ भाई लोगो..............और बहनों भी, नहीं तो अभी जेंडर बायस्ड का आरोप लग जाएगा.............
नए शहर की ओर फ़िर बसेरा होगा...............बचपन में एक खेल खेलता था "यहाँ की नगरी कहाँ बसी " ...............बस पिछले पन्द्रह बरसो से जब से अपना घर और प्यारा शहर देवास छोड़ा है तब से यही कर रहा हूँ................................जहां पे सवेरा हो बसेरा वही है एक गीत याद आ गया.......

अब नया बसेरा है नर्मदा के तीरे बसा शहर होशंगाबाद.....................
.जहां ढेर प्रयोग हुए है -शिक्षा, कृषि और ना जाने क्या- क्या .........ढेरो दोस्त है और ढेरो पुराने साथी जो संघर्षों में साथ रहे थी और आज भी है..........................अब यहाँ से इसी नर्मदा के किनारे से और सेठानी घाट से बैतुल, हरदा, होशंगाबाद और इस सीहोर में घूमता रहूंगा और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करने का प्रयास करूँगा.............

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