अभद्र, अश्लीलता और नीचता की हार ।
अबकी बार कही नही मोदी सरकार ।।
"केंद्र सरकार इस्तीफ़ा दो" का नारा लगाकर भरी गर्मी में अखिलेश के साथ जुलूस निकालने का मन कर रियाँ है जोगी के नखलऊ में
***
नीचता की हदें पार कर दी थी भांड ने इस बार और इस तरह से दुनिया का सबसे घटिया व्यक्ति साबित हुआ फिर से, रोड शो से लेकर जितना विष वमन किया, उलजुलूल हरकतें की, मंच पर अश्लील इशारे किए और अभद्र भाषा का प्रयोग किया और देश का समय और हम सबके रुपयों की बर्बादी की - वह सब इस हार के सामने सबक सीखाने के लिये पर्याप्त नही है
सड़े अंडे बासी टमाटर और होते इस गधे के पीछे तो मैं हिमालय निकल जाता झोला उठाकर
चित्र सौजन्य DrSanjay Jothe
10, 12 वीं में जिस तरह के अंक मिल रहे है वे कतई योग्यता या मेहनत के पैमाने या उपलब्धि नही है यह सब शिक्षकों के आलस और निकम्मेपन का नतीज़ा है
कृपया आप एकबार सोचकर देखें कि कितना पढ़ पाते है एक दिन में और हजारों की संख्या में कॉपी पढ़ना, मूल्यांकन करना और अंक देने की, इंट्री करने की हम्माली करना क्या सच में हमारे आज के शिक्षक इतने ईमानदार है - बिल्कुल नही मैं लम्बे समय से इस व्यवसाय से जुड़ा हूँ और इस समय पिछले 6 वर्षों से छात्र भी हूँ तो यह ग्यारंटी से कह सकता हूँ, कोई नही पढ़ रहा है कुछ भी खासकरके उत्तर पुस्तिकाओं जैसा काम तो सबसे आखिरी काम है जीवन का - हां अपवाद जरूर होंगे कुछ ज्ञानी - ध्यानी जो यहाँ भी रायता फैलाते रहते है
यदि हिंदी, अँग्रेजी या समाज विज्ञान में 98, 99 अंक आ रहे है तो किसी कुंभकर्ण या कुशिक्षक ने जाँच की है पुस्तिकाओं की
ख़ैर आप खुश हो लीजिये पर आपके यही होनहार नीट या जेईई निकाल लेंगे ?
यहाँ अंकों का भौंडा प्रदर्शन करके बच्चों का हौंसला ना गिराइये और ना ही उनमें हीन भावना पैदा कीजिये यह बेहद शर्मनाक है, मास्टरों की गलती को यहां दिखाकर अपने परिवार, बच्चों और समाज को अपमानित ना करें
माफ करिए एक बार आत्म मुग्धता छोड़कर सोच लीजिये कि आप कर क्या रहें है यह , मतलब आपके बच्चे ने किंडरगार्टन पास किया और आप उसे ग्रेज्युएट बता रहें है - शब्दों की तो मर्यादा रखिये कम से कम
आपके बच्चे आपके असेट है - उनका प्रदर्शन कर आप प्रदर्शनी मत लगाइये
***
मुझे तो तो चिंता है कि कर्नाटक में परिणाम इनके ख़िलाफ़ गया तो ये लोग पगलाए तो है ही, फिर क्या करेंगे - मन की बात से लेकर विकास का क्या होगा, और मीडिया - मीडिया में तो एक से एक जबरदस्त लोग है फिर ये किसके पाँव चाटेंगे और ... बाकी तो आप समझदार ही है
एक चेहरा देश का कैसे चेहरा बन सकता है, उस एक चेहरे पर अब दया आती है जो 2014 से सिर्फ उजबक, अनपढ़, कुपढ़, अपराधियों, गुंडों - मवालियों और भ्रष्ट साथ ही मणिशंकर अय्यर के शब्द को सिर्फ़ जीताने में लगा है सिर्फ़ इतना समझिये कि जिस रुपये की ताक़त से विपक्ष को पप्पू साबित किया उसी रूपये के गुरुर ने इन्हें इतना मजबूर कर दिया कि आज दुनिया की सबसे बड़ी कहलाने वाली पार्टी के पास एक जोकर, परिधान बदलने वाला और डींग हांकने वाला आदमी ही शेष है बाकी संघ हो या आनुष्ठानिक संगठन सब बर्बाद हो गए, जैसे कांग्रेस का सर्वनाश हो गया वैसे ही आईटी और रूपये के अवैध तालमेल ने जनसंघ, संघ और दक्षिणपंथ को सिर्फ़ एक व्यापारी और कारपोरेट के गुलाम तक सीमित कर दिया - चलने दो, हवा बहने दो जब तक लोग समझेंगे तब तक ये कांग्रेस से ज्यादा वीभत्स और खोखले हो चुके होंगे और ब्यूरोक्रेसी से लेकर मीडिया ध्वंस कर चुके होंगे अपने आप का तर्पण करके
यह देश का दुर्भाग्य है कि 76 -77 वर्ष बाद वैज्ञानिक और लोकतांत्रिक होने के बजाय देश धर्मांध, कट्टर और एक अनपढ़ आदमी पर आकर केंद्रित हो गया - जो ना मात्र बरगलाता है बल्कि अजीब हरकते करके अहमकों की तरह देश के साथ धोखा कर रहा है
इतिहास इस बात को याद रखेगा, बहरहाल आप मीडिया को देखिये मज़ेदार है और इस शुद्ध सात्विक कर्म में सब शामिल है
गुप्त वार्तालाप
"क्यों इतिहास यह है कि पद से हटने के बाद दुनिया में बहुत प्रधानमंत्रियों को गिरफ्तार किया गया, कईयों को फांसी भी चढ़ा दी, आज इमरान को भी गिरफ्तार कर लिया, हुसैन शहीद को 1962 में गिरफ़्तार किया था, जनरल भुट्टो को तो फांसी चढ़ा दी थी, बेनजीर भुट्टो को तो 4 - 5 बार किया था और भीड़ में ही उड़ा दिया, नवाज़ शरीफ़ को भी गिरफ़्तार किया था, शाहिद खाकान अब्बासी को भी, शहबाज़ शरीफ को भी गिरफ़्तार करके निपटाया था - अपना क्या होगा, भोत घबराहट हो रही है" और ये भी बोलो फोन टेप तो नही करवा रहें तुम ?
"मैं क्या बताऊं, मैं तो प्रधानमंत्री हूं नहीं, जीएसटी से लेकर नोटबन्दी और सरकारी संपत्ति बेचने, बीफ़ से लेकर लिंचिंग के और युवाओं को बेरोजगार रखने के निर्णय आपके थे, आपकी आप जानो और मैं बनने वाला भी नहीं हूं प्रधान, आपके बाद किसी और को बना देंगे, मतलब देश तो दो कार्पोरेट्स के हाथ में है ना और यही बना देंगे किसी भी लोकप्रिय बाबा, साधु संत या कर्मयोगी को, यह सब तो मुझे मालूम है इसलिए मैं इस दौड़ में नहीं हूं और पुलिस और सेना को अपने कब्ज़े में रखता हूँ ताकि मैं सुरक्षित रहूँ - अब थेपला खाओ, नींबू निचोड़कर इनो पियो और सो जाओ अब"
***
बात एक - दो मूर्खो और उजबकों की ही नही, पढ़े - लिखे लोग भी सँविधान भूलकर हिन्दू मुस्लिम कर रहे है और यह घातक है और शर्मनाक भी
दो कार्पोरेट्स के गुलाम जोकर्स ने देश बर्बाद कर रखा है 2014 से नोटबन्दी से लेकर जीएसटी और हबीबगंज स्टेशन का बिकना भी, पर हिन्दू और धर्म की आड़ में देश को बर्बादी के कगार पर ला दिया है
भाजपा और खाजपा को यह चांटा जोरदार पड़ा है और उम्मीद है अब सतर्क होकर थोडा सोचेंगे और विचारेंगे यदि दिमाग हुआ तो
Comments