ना जाने क्यों मंडला के गौंड राजा का किला कल पूरी रात सपने में आता रहा जब उसमें घुसा था तो ढेरों चमगादड़ चीख उठे और उड़ने लगे, भयानक बदबू थी और अँधेरे में बन्द उस कमरे में अजीब घुटन थी
हर खंडहर की अपनी दास्ताँ है और जब किसी भी खंडहर में हम अंदर जाते है - तो जो चमगादड़ उड़ते है, वे टूटे प्यार की निशानियाँ होते है - इसलिये बहुत सम्हलकर और सतर्क होकर खंडहर में जाये फिर वो ईंट, गारे, पत्थरों का हो या अतीत की असफ़लताओं एवं भावनाओं के कोमल तंतुओं से बना हो
_____
Comments