|| चमकती धूप के अनमोल सितारे ||
मेरा मानना है कि किसी शहर में यदि आपको लोकप्रिय होना है तो छोटे-मोटे स्कूल में दो - चार साल पढ़ा लो तो अगले 10 - 15 साल बाद आपको पांव पड़ने वाले और हमेंशा याद करने वाले बहुत लोग और नागरिक मिल जाएंगे, खैर यह तो मजाक की बात है
परंतु उस समय जो तीन साल मैंने उस विद्यालय में अँग्रेजी और जीव विज्ञान मेहनत और लगन से पढ़ाया और उन बच्चों से जो आत्मिक संबंध बने - वे आज तक जिंदा है, लगभग 35 साल से ऊपर का समय बीत चुका है, बच्चे सिर्फ बड़े ही नहीं हुए - बल्कि जिम्मेदार नागरिक और जवाबदार माता - पिता भी बन चुके हैं, ये बच्चे देवास - इंदौर में ही नहीं बल्कि देश - विदेश में कहीं - कहीं काम कर विकास और तरक्की में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं
ऐसे ही एक विद्यार्थियों और अब आज के मित्र या औलाद कहूं तो अतिशयोक्ति नहीं होगी - Piyush Swami आज मिलने आए जो पिछले कई वर्षों से कैंब्रिज, यूके, में काम कर रहे हैं, इस वे समय लगभग 40 साल के हैं और विश्व विख्यात सेमीकंडक्टर कंपनी में वरिष्ठ वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत हैं, सन 1989 के बाद पीयूष से मिलना आश्चर्य ही नहीं - बल्कि बहुत बड़ी खुशी की बात है कि बच्चे बड़े ही नहीं हुए, बल्कि अपने गुरु को दिल से याद भी करते हैं सम्मान भी देते हैं, मेरे लाख मना करने के बाद भी उसने आते - जाते समय पांव पड़े, पीयूष से खूब लंबी बात हुई, पर कहते हैं ना समय हमेशा कम पड़ जाता है, पीयूष ने वादा किया है कि जब अगली बार आएगा तो एक पूरा दिन मेरे लिए जरूर रखेगा, कल वापसी है तो जाने के पहले बहुत काम करने थे
हम सबने पुराने सभी संगी साथियों को याद किया Manish Vaidya तुम्हे भी और तुम्हारे गणित पढ़ाने की खूब तारीफ की पीयूष ने, Sonula Shrivastava से लेकर चैतन्य, गिरीश, जयशंकर, प्रीति, वैभव, विशाल प्रकाश, शेखर, दीपा, और लगभग उस समय के समकालीन दोस्तों और स्टॉफ़ को याद किया, लगभग एक नॉस्टेल्जिया की तरह और यह सब याद करके पुरानी स्मृतियाँ उभर आई, उस स्कूल के साथ कान्वेंट, आर्मी स्कूल और एक दो निजी महाविद्यालय के वे सभी छात्र आज बेसब्री से याद आ रहे है जिन्हें पढ़ाया था, खूब प्यार से और स्थाई रिश्ते बने थे जो आज भी उत्साह के साथ ज़िंदा है, इस मामले में मैं दुनिया का सबसे बड़ा अमीर मानता हूँ अपने आपको, ये बच्चे आज इस दुनियाभर में यहाँ वहाँ बिखरे है , मैनचेस्टर की बात निकली तो मेरी लाड़ली बिटिया और डाक्टर Isha Samadhiya Dwivedi की भी याद आई जो यूके में है और अब प्रतिष्ठित डाक्टर है और मेरे दामाद भी, दुनिया कितनी गोल और छोटी है बस हमें दो पल प्यार के संग - साथ बीताने है बस और किसी को किसी से कुछ नही चाहिये - यह स्नेह और प्यार ही है जो हमेंशा काबिज रहेगा और दुनिया में हमेंशा राज करेगा
बहुत शुभकामनाएं बेटा और बहुत प्यारे से गिफ्ट के लिए भी बहुत-बहुत धन्यवाद
Go safe and Look forward to meet you for a longer period with your wife and son. Stay Blessed
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ढोंगी और पाखंडियों ने फोटोज़ डाले है दिनभर और अभी चाँद वाले, कुछ ने भले सीधे चलनी से अपनी पूजा करवाते नही, पर परिवार, ड्राइंग रूम या नदी नाले किनारे खड़े लेकर या प्यार मुहब्बत के ढकोसले करते तो डाले ही है - चेहरे की रंगत और कोने से उभरती हँसी दर्शाती है कि ये करवा चौथ के ही ताज़े फोटोज़ है, इसके विपरीत प्रगतिशील महिलाओं ने भी सजे धजे फोटू चस्पा किये है मेहंदी लगे या साढ़े तीन किलो का मेकअप चोपडकर
सब फर्जी है और विचारधारा व्यवहार के नाम पर पक्के ढपोर शंख - इन लोगों को अब लिखने कहने दो जेंडर, फेमिनिज्म, पितृसत्ता या शोषण आदि आदि
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"चलते चलते वो भी आख़िर भीड़ में गुम हो गया
वो जो हर सूरत में आता था नज़र सब से अलग
सब की अपनी मंज़िलें थीं सब के अपने रास्ते
एक आवारा फिरे हम दर-ब-दर सब से अलग"
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ग्वालियर का चित्र है 8 वर्ष पुराना, जब शहरी बस्तियों में समुदाय के युवाओं के aspiration को जाँचने के लिए गया था, तब मप्र की सात प्रस्तावित स्मार्ट सीटी परियोजना के DPR बनाने के लिए मैं DFI के साथ शहरी विकास मंत्रालय के साथ काम कर रहा था
16 को अमित शाह भोपाल आ रहे है, हद यह है कि देवास, शाजापुर, विदिशा, सीहोर, राजगढ़, गुना जैसे निकटस्थ जिलों से शासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों को 100 - 100 छात्र लाने का आदेश उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया है और इसे सेमिनार नाम दिया गया है
इसके लिए कोई राशि भी आवंटित नही की गई, मतलब शिवराज सरकार अब इस स्तर पर उतर आई है कि युवाओं का दोहन कर उन्हें भीड़ में बदला जा रहा है, सबको इसका विरोध करना चाहिये, ये कोई तरीका नही है भाषण पेलने और झिलवाने का और ऑनलाइन पंजीयन कर युवाओं की व्यक्तिगत जानकारी मांग रहें हैं, यह सँविधान प्रदत्त निजता के अधिकार का हनन है और इस बहाने अपना डेटा बैंक आगामी वर्ष में होने वाले चुनाव की तैयारी कर रहें है, धूर्तता की हद है, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा क्या भाँग का घोटा लगाकर बैठे है
नौकरी दे नही सकते और भाषण पेलने के लिए इन्हें युवाओं की भीड़ चाहिए
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