Khari Khari, Application for Bulldozer Loan, Hans and Ashish , CPC and Posts from 18 to 21 April 2022
The Woolf of Wall Street में Leonardo DeCaprio का अभिनय अप्रतिम है और आर्थिक दुनिया की कहानी, मोटिवेशन, टीम भावना, लीडरशिप और अंधी सुरंगों के रास्तों की दास्ताँ समझना और देखकर सन्न रह जाना कितना रोचक, मज़ेदार और शैक्षिक है
अमेज़ॉन पर है - हिंदी में भी देख डालिये, हर्षद मेहता इसी तरह से बनी थी, पर हर्षद से यह ज्यादा सच्चाई के करीब है
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CPC के अनुसार सबै भूमि गोपाल यानी शासन की है, वो जब चाहे तब अधिगृहित कर सकता है पर यहाँ सन्दर्भ "समुदाय, सँविधान और समय" का है जो कि भयानक पूर्वाग्रह से ग्रस्त है बाकी तो जो है सो हइये है, पर आज सुप्रीम कोर्ट ने "यथास्थिति" की बात की, कल देखते है सीजेआई क्या कहते है
अतिक्रमण हटाकर ही ज़मीन का अधिग्रहण किया जा रहा है और राजस्व संहिता का सहारा लिया जा रहा है, इस जमीन का क्या, कैसे उपयोग होगा - यह भी विचारणीय है
खरगोन में अब सरकार मकान बनाकर देगी मतलब इससे भद्दा मज़ाक हम टैक्स पेयर्स के लिये क्या होगा
मतलब एकदम साइकिक हो गए है सारे नेता और सम्पूर्ण शासन - प्रशासन - यह सामूहिक हिस्टीरिया का दौर है और बरबस ही बशीर बद्र साहब याद आते हैं जो कहते है
"लोग टूट जाते हैं एक मकान बनाने में
और तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में"
कमाल है आप को फर्क नही पड़ रहा है, 2014 के बाद मध्यम वर्ग का खत्म हो जाना बहुत घातक है और इस सारी बहस में जीडीपी, महंगाई, रोज़गार और भुखमरी पर बात नही हो रही, स्कूल कॉलेज बन्द करके एक अवांगर्द भीड़ को उन्मादी हिंसक जॉम्बीज में तब्दील कर दिया, भाजपा इसके आनुषंगिक संगठन और इस नरेंद्र मोदी सरकार को इतिहास कभी मुआफ़ नही करेगा और जो लोग चुप है उन्हें बख़्शा नही जाएगा
मेरी निजी राय में राष्ट्रपति और राज्यपाल जैसे सफेद हाथी के पदों को तुरंत प्रभाव से खत्म किया जाना चाहिये जो सबसे मुश्किल घड़ी में मुगल गार्डन के फूल पत्ती निहार रहें है
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अनुज और अलीगढ़ विवि से हिंदी के शोधार्थी आशीष तिवारी को मैंने कहा जब वो पालगोमरा के स्कूटर पर बैठ गये तो - "अबै मोहनदास, पीली छतरी लेकर धूप में निकल और अंत तक प्रार्थना कर छत्तीस तौले का करधन लेकर - नही तो तिरिछ आ जायेगा दिल्ली की लंगोट लेकर" - आशीष चाहते तो वारेन हेस्टिंग्ज के सांड पर भी बैठ सकते थे पर ना जाने क्यों टाल गए
बूझो इस पोस्ट में क्या छुपा है
बहुत शुक्रिया आशीष तिवारी
1986 से जब तक राजेन्द्र यादव जी का हंस चला लगभग आलेख, पुस्तक समीक्षाएं और अपना मोर्चा में लिखता रहा , जितना भी विरोध करो उनका, उनके सम्पादकीय का या कहानी कविता आलेखों पर बहस करो - वे बराबर छापते थे, मिलने पर कहते थे " कभी दफ़्तर आओ सत्संग होगा" एकदम जानदार आदमी थे यादव जी
दरभंगा से भाई Avinash Das , चंपारण से भाई और अब प्रोफ़ेसर Ramesh Gupta और ऐसे कई मित्र थे जो हंस के अपना मोर्चा को ज़िंदा रखें थे, कहाँ गए वो दिन और वो लोग, इसके लिए भी प्रतियोगिता थी होड़ थी छपने की और सुख भी मिलता था क्योंकि बाद में लोग पोस्ट कार्ड भेजते थे, औरत उत्तर कथा विशेषांक में स्व लवलीन की कहानी चक्रवात और स्व प्रभु जोशी के न्यूड चित्रों पर एक साल बहस चली और यादव जी को इसके लिए पन्ने बढाने पड़े थे
शुक्रिया एक मीठी याद और इतिहास का सफा याद दिलाने को भाई
प्रति
मैनेजर ,
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया,
देवास
विषय : बुलडोजर के लिये ऋण देने बाबद
महोदय,
पिछले आठ वर्षों से मैं इस देश मे बेरोजगार हूँ और संविधान प्रदत्त गरिमा के साथ जीवन नही जी पा रहा हूँ, बढ़ती महंगाई और खर्चो से परेशान हूँ और अब भूखों मरने की नौबत आ गई है
■ अनुभव
◆ स्कूल, कालेज में अंग्रेज़ी पढ़ाने का अनुभव 10 साल
◆ आर्मी स्कूल और एक निजी बड़े महंगे स्कूल में प्राचार्य का अनुभव 8 वर्ष
◆ एनजीओ में काम करने का 10 वर्ष
◆ मप्र शासन के योजना आयोग में काम करने का 4 वर्ष
◆ 2014 से अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ कंसल्टेंसी का 8 वर्ष
■ इसके अतिरिक्त घर पर पार्ट टाइम पकौड़ा बनाकर बेचने का अनुभव 8 वर्ष - जब आपने 2016 में नोटबंदी के बाद दुकान के लिये ऋण देने से मना किया था तो छत पर ही शुरू कर दिया था
■ बुलडोजर ही क्यों : वर्तमान में सरकार सघनता से देश से अतिक्रमण हटा कर 2024 तक स्वच्छ धर्म निरपेक्ष हिन्दू राष्ट्र बनाने में लगी है, और हम सब जानते है कि बुलडोजरों की भारी कमी है, समुदाय विशेष की आबादी आजादी के बाद दस गुना बढ़ गई है और इन्होंने कम्बख़्त देश को लगभग बर्बाद कर दिया है, हर जगह भोत बढ़ गए हेंगे
■ आज जब सरकार दंगों, लोयाकरण, 370, तीन तलाक, नोटबंदी, जीएसटी, मोब लिंचिंग, आदि जैसे उपाय के बाद भी जे लोग समझ नही रहें तो बुलडोजर के नवाचार ने सरकार को एक दृष्टि दी है और यूपी, एमपी और दिल्ली के सफल पाईलेटिंग के बाद अब देश भर में यह करने के लिये सरकार कृत संकल्पित है तो बुलडोजरों की भारी कमी हो गई देश में, पकौड़ा उद्योग के बाद इसमें संभावना बहुत है और लड़कों की सड़कों पर भीड़ ने दिखा दिया है कि यह बहुत सफलता से कमाई का बड़ा उद्योग साबित होगा लिख के रख लें तू
■ अतः नम्र निवेदन कर रियाँ हूँ कि ऋण स्वीकृत कर तुरन्त मेरे खाते में जमा करें कम से कम दस बुलडोजर की राशि, ऋण दो साल में वापिस क्योंकि ठेके मेरे को ईज़ मिलेंगे और हर गली, गाँव और शहर में ये समुदाय भोत है और सबकूँ 2024 के पेले निपटाना हेगा
■ इसका फ़ायदा यह होगा कि मैं कम से कम 50 लोगों को रोज़गार दूँगा, सरकार की मदद करूँगा, देशभक्त कहलाऊँगा और एक जागरूक नागरिक बनूँगा
■ मेरी सिफारिश की पर्ची में पार्टी विशेष के नगर प्रमुख, राज्य के प्रचारक, गृह मंत्रालय प्रदेश शासन और तमाम भिया , पेलवान की सिफ़ारिश इस आवेदन के साथ संलग्न है आलपिन के साथ और सबके आयुध और हथियार के लाइसेंस भी लगे हेंगे
■ और सुन ले - कृपया फोन करके आज ही दुफेर तक बता देना कि रुपये हेडने कब आऊँ, तीन बजे तक फोन नी आया तेरा तो बैंक और तेरे चेम्बर में झंडे लगाने यात्रा लेकर आऊँगा - समझ लेना और फिर मेरी जिम्मेदारी नी होगी कोई भी
जय हिंद
आपका अपना
अंगूठा निशान
[ नगर सेवक ]
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