Skip to main content

Khari Khari, aandolanjivi , Fake calls and Library Movement Posts of 8 to 12 Feb 2021

 "क्या तुम नही सुनोगे इन किताबों की बातें"

*********
■ अच्छी बात यह है कि इस अंधेरे में भी मित्र लिखने पढ़ने की जुगत में लगे है जैसे मित्र
Saquib Ahmed
बिहार के सुदूर गांव में फातिमा पुस्तकालय खोलकर अलख जगाने का काम कर रहें है
■ देवास के ग्राम राबड़ीया में
Bahadur Patel
ने भी ग्राम के किशोरों, युवाओं और लोगों के लिए एक पुस्तकालय की शुरुवात कर रहें है, देवास शहर में तो "ओटला" के तहत इसकी शुरुवात मित्रों के साथ मिलकर कर चुके है
■ पिछले दिनों देवास में ही एक और पुस्तकालय की शुरूवात मप्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन की स्थानीय इकाई ने की है
■ उत्तराखंड में भाई
Mahesh Punetha
और सहयोगी यह बड़ा काम कर ही रहें है
■ बागेश्वर ( उत्तराखंड ) में कमलेश त्रयी यानी
Kamlesh Joshi
&
Kamlesh Joshi
,
Kamlesh Atwal
भी किशोरावस्था के बच्चों और युवाओं के साथ बढ़िया काम कर रहें है
■ अब सवाल यह है कि हम इसमें क्या और कैसे सहयोग करें - ये कुछ सुझाव है, इसमें आप भी जोड़ सकते है
------------------
● पुस्तकें गिफ्ट दें
● जो प्रकाशक छाप रहें है वे दो दो प्रतियां दे
● लेखक मित्र मुक्त हस्त से गिफ्ट दें
● संपादक पुस्तकों की समीक्षा छपने के बाद गिफ्ट कर दें
● पुरानी पत्रिकाएँ पुस्तकें गिफ्ट कर दें
● कभी जाकर किसी किताब की चर्चा करें
● साधारण सामग्री जो लगती है उसे दान दें
● बच्चों, किशोरों युवाओं और समुदाय के लोगों को पढ़ने के लिए प्रेरित करें
● घर और आसपास पुस्तकों को उपयोग के बाद दान करने को प्रोत्साहित करें
● एनजीओ कई प्रकार के मॉड्यूल और रिपोर्ट प्रकाशित करते है - वे इन सार्वजनिक पुस्तकालयों पर अपने प्रकाशन भेज सकते है
● महाविद्यालय, विवि के प्राध्यापकों के पास, शोधार्थियों के पास बहुत किताबें होती है - जो धूल खाती रहती है वे गिफ्ट कर दें
● पत्रकार मित्रों को कई अधिकारी, लोग किताबें देते है जो वे पढ़ते नही घर मे ले जाकर डंप कर देते है - वे भी गिफ्ट देकर पुण्य कमायें
● भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के घर में भी ऐसा ही अंबार होता है - वे मित्र भी सहृदय बनें
● कई लोगों के घर में पुराने पुस्तकालयों से मारी हुई, अलग - अलग सरकारी योजनाओं में हर माह आई किताबों की बचत है - जो उन्होंने रखी है जतन से, कुछ बड़े जुगाड़ू है, कुछ सरकारी दरबारी जगहों से मारकर दबाए बैठे है बरसों से अब ये लोग उन किताबों को दान करें
● बच्चों के जन्मदिन, नुक्ते घाटे में पुरखों के नाम दान करें - बजाय पेटू और भुक्कड़ लोगों को खाना खिलाने के
-------------------------
■ संपर्क - इन सभी मित्रों से किया जा सकता है, इस अंधेरे में ये जुगनू भी इतने जगमगाएंगे कि अंधेरा मिलजुलकर हम दूर कर पाएंगे
■ बिहार के मित्रों ने एक पोस्टर बनाया है जो मैं शेयर कर रहा हूँ


***
-------------
Fights between the Friends
●●●
Revisiting Independence, and watching Deepa Mehta's "Mid Night Children" on Netflix
Read the Novel long back in 1992, still I have the copy, met Salman Rushdie long back in Delhi in some program, but watching movie is rejuvenating emotions, then india and beautiful picturization
***
आज सुबह एक फोन आया जिसने कहा कि शर्मा जी बोल रहे हो या मिश्रा जी, मैंने आपके अकाउंट में भी ₹ 20000/- डाले हैं, गलती से चले गए हैं आप पर फोन पे से मुझे वापस कर दीजिए - मैंने कहा भाई मेरे पास कोई पैसे नहीं आए हैं और ना मैं फोन पे यूज करता हूं तो उसने कहा व्हाट्सएप चेक करो, मैंने कहा ठीक है मैं चेक करके बताता हूं
उसके तुरंत बाद फिर उसका फोन आया और बदतमीजी से गंदी-गंदी गालियां देकर बात करने लगा और कहने लगा कि मेरे पैसे ₹ 20000/- अभी वापस करो इसी फोन नंबर पर पर फोन करो, तब तक मैंने देख लिया था कि मेरा जो अकाउंट बैंक से लिंक है उसमें कोई ट्रांजैक्शन नहीं हुआ है, उस बन्दे को मैंने वाट्सएप और कॉल लिस्ट में अभी ब्लॉक किया - मतलब हद हो गई है अब तो
वह अब बिल्कुल धमकी के स्वर में आ गया और कहने लगा कि "उठा लूंगा और बुरी तरह से गालियां देने लगा", - ट्रूकॉलर पर उसका नाम फौजी दर्शा रहा था
फिर बाद में मैंने एक मित्र से फोन पर बात की, जो साइबर क्राइम में एसपी हैं और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी है, तो उन्होंने बताया कि यह फ्रॉड कॉल हो सकता है और यदि आपने उसके नंबर ब्लॉक कर दिए हैं तो वह किसी दूसरे नंबर से अपने ₹ 20000/- लेने के लिए जरूर कोशिश करेगा या कॉल करेगा, साथ ही लेने वाले को गलती होने पर विनम्रता से मांगना चाहिये और लेनदेन के बाद कन्फर्मेशन के लिए मैसेज भी आते हैं, परंतु अभी तक कोई कॉल या मैसेज आया नहीं है
जिस तरह के फ्रॉड आजकल हो रहे हैं, उसमें बहुत सतर्क रहने की जरूरत है और बहुत ज्यादा जागरूकता की भी - उत्तर प्रदेश और बिहार से इस तरह के फर्जी आईडी बनाकर या फोन पे से या अकाउंट हैक करके रूपया लूट लेने की बात बहुत सामान्य हो गई है
मित्रों कृपया सतर्क रहें और कोशिश करें कि अनजान फोन से फोन नही उठाएं और कोई ट्रांजैक्शन करने के पहले अपने बैंक से जरूर संपर्क करें
***
रविवार का अनुतोष -
1 ) - "द लास्ट कलर" - बनारस के घाट, विधवाओं के संत्रास और सुखद अंत वाली बढ़िया फ़िल्म
2 ) - "क़ैदी बैंड" - विचाराधीन क़ैदियों के जीवन को आधार बनाकर युवाओं के माध्यम से क़ैदियों का बैंड बनाकर किस तरह से बदलाव की कोशिशें की गई
दोनो अदभुत फिल्में है, लम्बा लिखने का मन नही पर यदि कानून, अदालत, पुलिस, समुदाय, समाज और व्यवसाय की गहरी समझ बनानी हो तो जरूर देखें
दोनो अमेज़ॉन प्राइम पर उपलब्ध है
***
विशुद्ध अम्बानिजीवी और अडानीजीवी आज प्रवचन के दौरान ये सब बताना भूल गए - सोचा ज्ञानार्थ बता दूँ , मैंने संविधान की समवर्ती सूची में ये बातें आज जोड़ी है, कृपया देखें -
● धर्मजीवी
● षडयंत्रजीवी
● भक्तजीवी
● दंगेजीवी
● चन्दाजीवी
● गालीजीवी
● लिंचिंगजीवी
● ड्रेसजीवी
● वायुयानजीवी
● स्टेच्यूजीवी
● छबिजीवी
● महान्यायमारकजीवी
● नफ़रतजीवी
● चुनावजीवी
● देश की संपत्ति बेचूँजीवी
● आपदा में अवसर ढूंढूजीवी
आदि का ज़िक्र करना भूल गए फेंकूँजीवी
सोचा बता दूँ, माननीय सभापति महोदय, इंद्राज कर लें ये सब भी
[ कुछ छूट रहें हो तो जोड़ लें मित्रों ]
***
हम सब लोग अब्बी अब्बी अर्थ शास्त्र से निपटे ही थे, बजट अब पढ़ रिये हेंगे जब विश्लेषण कर लिए, भड़ास च्चैंप दी यहाँ वहां कॉपी पेस्ट मारकर और अब साली कल ईज बाढ़ आ गई , भोत काम बढ़ गया है बिशेश्ज्ञों का देश में, जख नी मिल रिया , एक मिनिट भी टैम नी है मरने कूँ भी
भगवान करें - कवियों को कविता, कहानीकारों को कहानी, उपन्यासकारों को उपन्यास, ज्ञानियों को नीति पर व्याख्या, आलोचकों को सरकारी योजनाओं में छेद और सरकारी अधिकारियों को मालपुआ मिलें और अपने महामात्य को भोट
दुआएं है......... इस फकीर की
लिंक बोलो रे पर्यावरण की , आज ज्ञान पेलना है बाढ़, सूखा और पर्यावरण का दिन भर

Comments

Popular posts from this blog

हमें सत्य के शिवालो की और ले चलो

आभा निवसरकर "एक गीत ढूंढ रही हूं... किसी के पास हो तो बताएं.. अज्ञान के अंधेरों से हमें ज्ञान के उजालों की ओर ले चलो... असत्य की दीवारों से हमें सत्य के शिवालों की ओर ले चलो.....हम की मर्यादा न तोड़े एक सीमा में रहें ना करें अन्याय औरों पर न औरों का सहें नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." मैंने भी ये गीत चित्रकूट विवि से बी एड करते समय मेरी सहपाठिन जो छिंदवाडा से थी के मुह से सुना था मुझे सिर्फ यही पंक्तिया याद है " नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." बस बहुत सालो से खोज जारी है वो सहपाठिन शिशु मंदिर में पढाती थी शायद किसी दीदी या अचार जी को याद हो........? अगर मिले तो यहाँ जरूर पोस्ट करना अदभुत स्वर थे और शब्द तो बहुत ही सुन्दर थे..... "सब दुखो के जहर का एक ही इलाज है या तो ये अज्ञानता अपनी या तो ये अभिमान है....नफरतो के जहर से प्रेम के प्यालो की और ले चलो........"ये भी याद आया कमाल है मेरी हार्ड डिस्क बही भी काम कर रही है ........आज सन १९९१-९२ की बातें याद आ गयी बरबस और सतना की यादें और मेरी एक कहानी "सत

संसद तेली का वह घानी है जिसमें आधा तेल है आधा पानी है

मुझसे कहा गया कि सँसद देश को प्रतिम्बित करने वाला दर्पण है जनता को जनता के विचारों का नैतिक समर्पण है लेकिन क्या यह सच है या यह सच है कि अपने यहाँ संसद तेली का वह घानी है जिसमें आधा तेल है आधा पानी है और यदि यह सच नहीं है तो यहाँ एक ईमानदार आदमी को अपने ईमानदारी का मलाल क्यों है जिसने सत्य कह दिया है उसका बूरा हाल क्यों है ॥ -धूमिल

चम्पा तुझमे तीन गुण - रूप रंग और बास

शिवानी (प्रसिद्द पत्रकार सुश्री मृणाल पांडेय जी की माताजी)  ने अपने उपन्यास "शमशान चम्पा" में एक जिक्र किया है चम्पा तुझमे तीन गुण - रूप रंग और बास अवगुण तुझमे एक है भ्रमर ना आवें पास.    बहुत सालों तक वो परेशान होती रही कि आखिर चम्पा के पेड़ पर भंवरा क्यों नहीं आता......( वानस्पतिक रूप से चम्पा के फूलों पर भंवरा नहीं आता और इनमे नैसर्गिक परागण होता है) मै अक्सर अपनी एक मित्र को छेड़ा करता था कमोबेश रोज.......एक दिन उज्जैन के जिला शिक्षा केन्द्र में सुबह की बात होगी मैंने अपनी मित्र को फ़िर यही कहा.चम्पा तुझमे तीन गुण.............. तो एक शिक्षक महाशय से रहा नहीं गया और बोले कि क्या आप जानते है कि ऐसा क्यों है ? मैंने और मेरी मित्र ने कहा कि नहीं तो वे बोले......... चम्पा वरणी राधिका, भ्रमर कृष्ण का दास  यही कारण अवगुण भया,  भ्रमर ना आवें पास.    यह अदभुत उत्तर था दिमाग एकदम से सन्न रह गया मैंने आकर शिवानी जी को एक पत्र लिखा और कहा कि हमारे मालवे में इसका यह उत्तर है. शिवानी जी का पोस्ट कार्ड आया कि "'संदीप, जिस सवाल का मै सालों से उत्तर खोज रही थी वह तुमने बहुत ही