सन्डे हो या मंडे रोज़ खाओ अण्डे
◆◆◆
मध्यप्रदेश में कुपोषण एक स्थाई बीमारी है हर वर्ष लाखों बच्चे इसकी चपेट में आते हैं और मर भी जाते हैं
सरल भाषा में कुपोषण अर्थात उम्र के हिसाब से ऊंचाई में कमी या वजन में कमी और शरीर के साथ दिमाग़ का पूर्ण रूपेण विकसित ना होना और बच्चे बार बार बीमार पड़ते है और अंत में मर जाते है यानी कुल मिलाकर बच्चे जो हैं मौत के मुहाने पर हैं , उनके आहार में माइक्रो न्यूट्रिएंट्स देकर और साफ पानी एवं स्वस्थ आदतें विकसित कर हम इससे मुक्ति पा सकते है और यह हमने प्रदेश के 4 जिलों के 100 गांवों में किया है जहाँ आज एक भी बच्चा कुपोषित नही है
मध्यप्रदेश के आदिवासी ब्लॉक्स में स्थिति ज्यादा गंभीर है यहां पर पूर्ववर्ती सरकार ने किसी के कहने में आकर आंगनवाड़ियों में अंडा ना देने का निर्णय लिया था
हम सब जानते हैं कि अंडा प्रोटीन का श्रेष्ठ स्रोत है और यह आसानी से उपलब्ध भी है आदिवासी इलाकों में अंडा, मटन, मुर्गा, या मछली आदि खाने का परंपरागत रिवाज है वहां इन चीजों को लेकर कोई छुआछूत या पैमाने नहीं है, ना ही शुचिता है - फिर क्यों वर्तमान सरकार कुपोषण को मिटाने के लिए अंडा ना देने पर तुली हुई है
मध्यप्रदेश के कम से कम 89 ब्लॉक्स में जो पूर्णतया आदिवासी ब्लॉक है, में अंडा देने का आदेश जारी किया जाए - ताकि इन क्षेत्रों में कुपोषण को जड़ से मिटाया जा सके, इन क्षेत्रों के सांसद, विधायक और जनप्रतिनिधि सरकार पर, प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय कमलनाथ जी पर दबाव बनाए तो यह रणनीति कारगर होगी और बच्चों का स्वास्थ्य सुधरेगा
अभी मुझे डॉक्टर अशोक मर्सकोले जी , जो निवास, जिला मंडला के विधायक हैं, ने बताया कि कल वे एक कार्यक्रम में गए थे जहां विभिन्न प्रकार का पौष्टिक आहार गांव की महिलाओं ने बनाये थे और उनमें से एक अंडा भी था - किसी को भी असहज नहीं लगा और बच्चों ने बड़े चाव से खाया
अनुज डॉक्टर अशोक मर्सकोले, डॉक्टर हीरा अलावा जैसे हमारे पास उच्च शिक्षित डॉक्टर हैं जो क्रमशः जबलपुर मेडिकल कॉलेज और ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली से पढ़े हैं - ज्यादा बेहतर जानते हैं कि बच्चों को क्या पोषक आहार देना चाहिए, महिला बाल विकास की टेक्निकल टीम को ये मार्गदर्शन दे सकतें है, दोनों युवा विधायक है और कुछ करने का जज्बा भी रखते है
अच्छी बात यह है कि आज इन दोनों से बात की तो इन्होंने आश्वस्त किया है कि वे इस अभियान में मदद करेंगें
Comments