Prisma Effect
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श्रद्धाजंलि 1084 की माँ
आप हमेशा भारतीय साहित्य की अन्तरात्मा बनी रहेंगी।
महाश्वेता देवी को नमन ।
लाल सलाम और जोहार, आदिवासियों की सच्ची हमदम चली गई।
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जिस महादेश में एक मुख्यमंत्री लोकतंत्र के प्रधानमंत्री से आतंकित होकर अपनी हत्या की आशंका जाहिर कर रहा हो वहाँ दलितों का पीटना, महिलाओं का पुलिस के सामने धर्म रक्षकों से मार खाना और अखलाख का बाहर खींचकर मार दिया जाना कोई बड़ी बात नही।
इतिहास में इससे बड़ी दुखांत घटना नही मिलेगी और यह जान लें कि अरविन्द केजरीवाल की तार्किक, अकादमिक और बौद्धिक क्षमता मन मोहन से दस हजार गुना बेहतर है और इसलिए अगर वो कह रहे है तो गम्भीरता समझिये कि देश में हम आप किस स्तर पर है, प्रशासन में बैठे लोग कितने दबाव में काम कर रहे है, एनजीओ में कितना आतंक है, न्यायपालिका का क्या हश्र हो रहा है और नागरिकों की जान माल और अभिव्यक्ति की सुरक्षा देने में केंद्र में सरकार नाकाम हो गयी है।
मित्रों यह बेहद संकट की घड़ी है, इसे अरविन्द का नाटक ना समझा जाकर आये दिन रोज हो रहे हमलों, प्रताड़ना, बर्बर युगीन ट्रीटमेंट और फासीवाद के बरक्स देखना चाहिए। मन मोहन और अमित शाह की खतरनाक जोड़ी और देश भर में सत्ता के मद में अंधे होते जा रहे तथाकथित राष्ट्र वादी लोग जिन्हें ना समझ है ना अक्ल, बस अपने धंधे बढ़ाने और रुपया कमाने को हर तरह का जोखिम लेकर देश की संस्कृति, मूल्य और गंगा जमनी तहजीब का सत्यानाश कर रहे है।
लोकतंत्र का काला अध्याय लिखा जा रहा है। इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर विरोधियों को जेल में डाला था पर ये तो सीधे मार रहे है ह्त्या कर रहे है। क्या ख़ाक विदेश में छबि सुधर रही है ।
फिर कहता हूँ मन मोहन भारत के इतिहास में सबसे कमजोर प्रधानमंत्री और निरंकुश तानाशाह है। ये भारत की अक्षुण्णता के लिए सबसे घातक सरकार है जो दो साल में हर मोर्चे पर असफल रहने पर चुने हुए जन प्रतिनिधियों की गिरफ्तारी के साथ ह्त्या भी कर दें तो कोई बड़ी बात ना होगी।
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कल एक मित्र के यहां से जब बाहर निकले तो पाँव पोछ पर ध्यान गया।
शायद पूरी दुनिया की यह हालत है और फेसबुक की भी !!!
क्या कहते है !
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