भारत के गरीबो एक हो जाओ जूते सस्ते और मुखिया के दांत दर्शनीय हो गए है। अस्सी घाट पर भी सुना कि जूतों की बरसात हुई आज। बनारस में लोग कह रहे है। छग सरकार के 2015 में होने वाले साहित्य समागम में इस वर्ष कम दिग्गज जाने की संभावना है। सबने सुन लिया है कि जूते सस्ते हो गए है । सुन रहे हो ना पदम् विभूषितों , ज्ञानपीठियों, भारत भूषणियों , और मोहल्ले, गली- गाँव के टट पुंजिये मास्टर टाइप कवियों, गद्यकारों और कहानीकारों !!! मेरे लिए हर आदमी एक जूता है माई बाप यह कविता की पंक्ति किसी प्रगतिशील कवि ने , जो ज्ञानपीठ की आस में मुंह धोकर बैठा होगा, ने आज जेटली को सुना दी और जेटली ने सरकार पर से दे मारी !!! क्या राहुल को पता था कि जूता सस्ता होने वाला है ? शुक्र है आज सदन में नहीं है वरना इटेलियन लैदर से बने जूते का इस्तेमाल .... उफ़ !!!! जूता, जेटली और जर्रा जर्रा हाल हमारा जाने रे पत्ता पत्ता बूटा बूटा !!! भारत के भक्तो और घोषित बुद्धिजीवियों सावधान हो जाओ जेटली ने जूते सस्ते कर दिए...
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