ताज़े मटर, बटन मशरूम, लहसून, पत्ता गोभी, हरी मिर्च और पास्ता - खूब सारा चीज़, मिंट मियामी सॉस के साथ
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संसार में सुख क्या है बालक
ताज़ी स्ट्राबेरी का फ्रेश क्रीम में शेक बगैर शक़्कर मिलाये पीना
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"आपके पेज का इनवाइट आया अभी" - मैंने फोन पर कहा
"जी भेजा है , सभी मित्रों की कविताएँ लगाऊंगा उस पर , कव्हर पेज कैसा लगा आपको" - लाईवा का जवाब था
"अबै सुनो, साला फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्वीटर, लिंकड़लन, वाट्सएप ग्रुप से लेकर हर जगह दिन में पच्चीस - पचास कविताएँ पेल देते हो खुद की और दोस्तों की क्या लगाओगे - ख़ाक, अब ये पेज बना लिया साला और....... और पेज के कव्हर पर अपने थोबड़े के बजाय शौचालय का फोटो क्यों नही लगा लेते, सरकार स्वच्छ भारत अभियान का ब्रांड एम्बेसडर बना देगी और कुछ अनुदान भी दे देगी .... ससुर जान खा गए हो हमारी..." मैं भयानक गुस्से में था
"जी, आपके पास कोई बढ़िया तस्वीर हो शौचालय की तो भेज दें , आज दो कविताएँ भी इस विषय पर लिखकर पोस्ट करता हूँ, रात को लाईव में पढूँगा....आप रहेंगे ना लाईव में" सज्जनता से जवाब दिया उसने
आत्महत्या करने के आसान तरीके खोज रहा हूँ मैं ...
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और लता दी के बाद अभी बप्पी दा भी विदा हो गए, संगीत के मधुर शोर और डिस्को का मसीहा ही चला गया - अब ना सुर है, ना शोर, कैसे थिरकेंगे और मदमस्त होकर झूमेंगे हम लोग
कौन गवा लेगा अब ऐसी पंक्तियां - "नशा शराब में होता तो नाचती बोतल"
अफ़सोस कि आज की पीढ़ी संगीत के गुणों से वंचित ही रह जायेगी
आपका सोने से लदा गला, अनूठे भड़कीले कपड़े और थिरकना याद रहेगा बप्पी दा - भारतीय फ़िल्म इतिहास में आपके गाने और आपका संगीत अमर है और रहेगा
नमन और श्रद्धांजलि
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