बजट में ज्यादा दिमाग ना लगाए
फायदे के लिए सुधीर चौधरी और नुकसान के लिए रविश कुमार रखे हुए हैं
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अभी एक पाँच सौ का नोट पड़ा मिला - उस पर लिखा था सिर्फ यह - "अमृत काल"
नोट पर गांधी बाबा भी नही थे, आगे - पीछे मेले प्याले - प्याले मोई जी की फोटू थी और पीछे लिखा था - "मेरे हर कर्म से समाज के सबसे गरीब ही नही, बल्कि अमीर आदमी का भी कबाड़ा निश्चित है और यही ताबीज़ अगले 25 वर्षों तक सबको पहनाऊँगा"
'मैं धारक को पाँच सौ रुपये देने का वचन अदा करता हूँ ' - टाइप उदघोषणा नही थी रिज़र्व बैंक के गवर्नर की
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हे कौटिल्य कहाँ हो, हे चाणक्य अवतार लो पुनः इस पावन धरा पर
आओ समझाओ देवताओं - ये अमृत काल
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10 मार्च के बाद का अमृत काल मुबारक हो मित्रों आप सबको
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नए शब्द
पेट्रोल मल्लब पेट - लोड
डीज़ल मल्लब दिल - जल
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अभी आंगनवाड़ी का जो हाल है वही कोई देख लें तो आत्महत्या कर लें - अपग्रेड होने के बाद भगवान जाने क्या होगा, वैसे हमारे मामा के मुंह मे पानी आ गया और महिला बाल विकास विभाग तो नाच रहा है खुशी के
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इस बाई की पीएचडी किसी ने देखी क्या, या ये भी "एंटायर अर्थ शास्त्र" में पीएचडी है - ये साला अमृत काल क्या होता है
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इस्मार्ट सीटी
बुलेट ट्रेन
मेट्रो ट्रेन
रोजगार
शौचालय मल्लब संडास
सिकसा
स्वास्थ्य
उधोग
महिला हिंसा
बेटी पटाओ
नक्सलवादी किसान जैसे घटिया मुद्दों के लिए अमृत काल में क्या प्रावधान रखा माताजी ने बजट रूपी मनलुभावने दस्तावेज़ में
और मोई जी के उड़न खटोले, नई गाड़ी, जूते, चश्में, नाई, फोटुग्राफर, मशरूम आटा, वामियों कांग्रेसियों और मुसलमानों के लिए शूटर, सूट, टोपी, दाढ़ी सेटिंग, चिड़िया, कबूतर एवं मोर, एपल के लेपटॉप, विदेश दौरों, टेलीप्रॉम्प्टर, अपनी माँ के साथ फोटू हिंचाने के, पिट्रोल डीज़ल, स्त्री पीछा करने वाले का मानदेय, लोयाकरण और मोब लिंचिंग का क्या प्रावधान है माते
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कछु बी समझ नई आ रियाँ भोत जल्दी जल्दी बोल री हेगी और समझ नई आ रियाँ कि क्या क्या सस्ता हुआ हेगा - मेंगा तो सब इज हुआ होगा
जे हिंदी क्यों नई बोलती, दस साल में बी नई सीखी क्या और जे भैंजी तो दिल्ली के नेहरू बाले देशद्रोही विवि में पढ़ी हेगी फिर बी, बापड़े भक्तों और सिसु मन्दर से पढ़े लोग्स को बी पल्ले नई पड़ रियाँ और अपने ब्यापारी भाई बैन बी आँखें फाड़कर देख रिये - ज्ञानी लोग समझाएंगे सबकूँ मैंने बोल रखा हेगा और फिर सर्वशक्तिमान एंकर लोग्स बी पिरकाश डालेंगे
सब बोल रिये बढ़िया है, सब टेबल ठोंक रिये है तो बढ़िया इज होगा
बस अपन तो मोई जी को देख रिये है कि कैसे मुस्कुरा रिये हेंगे इसको धड़ धड़ अंग्रेज्जि बोलते देख और टेलीप्रॉम्प्टर बी नई हेगा
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जितनी लूटपाट और गड़बड़ी डिजिटल लेनदेन और पेमेंट से हुई वह अकल्पनीय है और किसी छोटे सब्जी वाले, छोटे दुकानदार या छोटे वेंडर से पूछ लें कि किस तरह से लोग उसे बेवकूफ बनाकर लूट रहें है नकली एप से या फर्जी स्क्रीन शॉट्स से
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जितना बोल रही हो उसका 1% भी जमीन पर और हक़ीक़त में हो जाये तो जनता आपकी आभारी रहेगी, आंकड़ों की जुगाली मत कर बाई - ठोस बात कर
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