सारा सहयोग स्त्रियों के लिए, बेहतर समाज बनाने और उनका सम्मान सब स्वीकार
पर जिम्मेदार और पुलिस महकमे के लोग कहें कि लड़कियां कैंची, चाकू, रेजर, ब्लेड, सेफ्टीपिन, मिर्च पाउडर आदि लेकर निकले और कोई छेड़े तो हमला कर दें यह कोई बात नही , यह सब करने के बजाय लड़कियों और लड़कों को परस्पर सम्मान करना सीखाएं , भेदभाव और मिथकों को तोड़े, जाति और आर्थिक स्तर पर काम करें और फिल्मों से लेकर विज्ञापनों को नये सिरे से परिभाषित कर विकसित करें, अपनी असफलता और व्यवस्थागत कमियों को ढाल बनाकर समाज को हिंसक ना बनायें - आपको लगता है कि स्त्री बहुत ही और इतनी सीधी है कि वह कुछ नही करती - इतना जेंडर से ग्रसित है तो देश छोड़ दें यह बेहतर है - दस साल बाद समाज, विवाह, परिवार और बाकी संस्थानों का क्या होगा
136 करोड़ लोगों के देश में 2 करोड़ भी यह जघन्य अपराध करते है तो उनके लिए न्याय, समता, जागृति, दण्ड आदि का प्रावधान करिये, सीधे चौराहे पर फांसी दे दो कोई दिक्कत नही पर चाकू ब्लेड आप देंगे तो लड़के क्या छोड़ेंगे, वे इतने शरीफ है कि चाकू सह लेंगे , लड़कियां मिर्च फेकेंगी और वे फूल की तरह झेल लेंगे और आखिर में हम किस तरह की घटिया प्रतिस्पर्धा करवाना चाहते है
क्या सास, ननद, बहू या दो महिलाएं आपसी लड़ाई में इनका इस्तेमाल नही करेंगी, क्या हम आईपीसी में बदलाव करने को तैयार है - क्या इतने केसेस को सुलझाने के लिए पर्याप्त पुलिस बल और कानूनी व्यवस्था है, क्या महिलाओं की आपसी लड़ाई या दफ्तरों में इनका दुरुपयोग नही होगा - आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट को 498 बी को संशोधित करना पड़ा कि सीधे गिरफ्तारी नही होगी
एक मेसेज शेयर किया जा रहा है जोकि बढ़िया है पर अंत ये है तो असहमत - आश्चर्य होता है कि बगैर सोचे समझे हम शेयर कर रहें है जो वास्तविकता के अनुकूल नही , पुलिस विभाग या सेना अपने यहां काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा कर लें या सुप्रीम कोर्ट ही कम से कम महिलाओं की इज्जत कर उनकी कार्यवाही को अंजाम दे दें, देखा नही अभी रंजन गोगोई साहब कितने साफ बच गये थे, कितने कलेक्टर्स और मंत्री हनीट्रैप में फंसे है - तरस आता है ऐसे भोले सुझावों पर
हिंसा कोई जवाब नही किसी भी बात का
( नोट - जिसकी बहुत समझ नही है वे रायता ना फैलाये और गैंग चलाने वाली जेन्डरवादी कवियत्रियां और सठियाये साहित्यकार बकलोली ना करें यहाँ - आपकी समझ और ज्ञान की जरूरत नही है किसी पुलिस वाले , प्रशासनिक अधिकारी को खुश करने के लिए यहां उल्टी ना करें )
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