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Manohar Parrikar , CM with Lots of Love and prayers for you 20 Feb 2018

Manohar Parrikar , CM, Goa
 with Lots of Love and Prayers for you 

पर्रिकर ने बीफ़ ज़्यादा खा लिया क्या ? विदेश जाना पड़ रहा है इलाज के लिए
मैं के रिया था एक बार रामदेव को दिखा देते पेले !

धिक्कार है नेहरू से लेकर मोदी सरकार तक जिसने सत्तर वर्षों में देश मे एक भी अस्पताल विकसित नही किया जहां सारी सुविधाएं हो, जांच हो और समुचित इलाज हो सकें। इससे तो सिंगापुर ठीक है छोटा सा बित्ता भर देश जहां विश्व का बेहतरीन अस्पताल है। क्या हमारे डाक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ इतना योग्य नही कि एक आदमी का इलाज कर सकें।
हजारों लाखों बच्चों को मारकर किसकी दुआएं मिलेंगी सोचा कभी, तुम सब इतने कमींन हो कि नवजात बच्चों और गर्भवती महिलाओं का पोषाहार खा जाते हो और उन्हें मरने को छोड़ देते हो तो क्या इलाज की व्यवस्था करोगे ?
मुम्बई में कोकिला बेन अस्पताल भी नही, क्या अपोलो फोर्टिस और एम्स मात्र बिल देने की मशीनें है , PGIs लखनऊ और चण्डीगढ़ सिर्फ डिग्री देने की गौ है ? यह सवाल आपको नही मथते तो आपको अब समझ आ रहा कि स्वास्थ्य में बजट की कमी और शिक्षा में मूर्ख लोगों को लीडरशिप देने का क्या अर्थ है ?
आये दिन उठ सुठकर कोई भी ससुरा पंच पार्षद या प्रतिपक्ष का नेता विदेश चला जाता है और हमारी मेहनत का रुपया बर्बाद होता है इनके इलाज में।
जिस देश की संस्कृति पर गर्व करके आप तमाम पतंजलि और आयुवेदाचार्यों को याद कर फुले नही समाते वे कहां चले जाते है। पोछ दो सुश्रुत, चरक के नाम बन्द कर दो बैद्यनाथ और हमदर्द की दुकान, उस रामदेव को अनुदान देना बंद करो और सब अस्पताल बन्द करके आधार कार्ड बनवाते रहो सुतियों और फिर हवाई टिकिट बांटो।
अब चुनाव आ रहा है जाहिर है उल्टी दस्त तो लगेंगे ही तुम्हे
भाजपा नही विदेश में जाने का विरोध है 

जब तक पूरा नही पढोगे चश्मा हटाकर तब तक कुछ नही पल्ले पड़ेगा वकील साब। 

सही है पर जिस देश मे बच्चों को मरने के लिए छोड़ दिया जाए, स्वास्थ्य का बजट कम करके रामदेव जैसे व्यवसायी को हर प्रकार की छूट दी जाए वहां मनोहर पर्रिकर को विदेश जाने की जरूरत क्यों है। क्या व्यापमं अब देश व्यापी समस्या है ? 
अगर तंज भी समझ नही आ रहा तो क्या करें कोई ?

क्यों नही कैंसर अस्पताल बनवाये और जो है वे क्यों नही दक्ष है । 

मैंने सबको घसीटा है। हम सब दोषी है जो सत्ता के भूखे नालायकों जो मूल सुविधा ना देने पर कुछ नही बोलें और ये घोटालेबाजो के साथ पार्टियां उड़ाते रहें। 

भाजपा की बात ही नही , कैंसर से 5 % आबादी पीड़ित है सबको भेजो आप जिसे पढ़ते हो संविधान वहां तो सब बराबर है ना आनंद बाबू राजा या रंक फिर भेदभाव क्यो ?

मेरी पूरी दुआएं उनके साथ है पर 126 करोड़ के लोगों का क्या

कभी सोनिया, कभी कोई यानी हर कोई जनता की गाढ़ी कमाई का रुपया उजाड़ने विदेश जाता है। क्यों ना यहां के अस्पताल बन्द कर सबको सरकार विदेश भेजें।

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