केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा द्वारा पिछ्ले 3वर्षों से हिंदी लोक शब्दकोश परियोजना चलाई
जा रही है। इस परियोजना के अंतर्गत हिंदी की 48 लोकभाषाओं (2001 की जनगणना के आधार
पर) के डिजिटल और मुद्रित त्रिभाषी (लोकभाषा-हिंदी-इंग्लिश) बनने हैं। इन लोक शब्दकोशों
में उन शब्दों का संग्रह किया जाना है जो विलुप्तप्राय (एन्डेन्जर्ड) हैं या विलुप्त हो गए हैं।
परियोजना का मूल उद्देश्य हिंदी की शाब्दिक संपदा को समृद्ध करने के साथ-साथ हिंदी की
इन लोकभाषा रूपी माँओं के शब्दों का संरक्षण भी है। वर्ष 2009 में परियोजना की पहली
प्रस्तुती भोजपुरी-हिंदी-इंग्लिश लोक शब्दकोश का प्रकाशन किया गया है। जैसा कि आप जानते
हैं कि इस परियोजना को महान कोशकार श्री अरविंद कुमार जी के प्रधान संपादकत्व में शुरू
किया गया था और आज भी यह समय-समय पर उनसे दिशा निर्देशित है।,वर्तमान में राजस्थानी
(मारवाड़ी) और ब्रजभाषा के त्रिभाषी लोक शब्दकोशों का संपादन समाप्ति पर है और आशा है
कि ये कोश 2011 के पूर्वाध में उपलब्ध होंगे। अवधी, बुन्देली, गढ़वाली, मगही, कांगड़ी,
छत्तीसगढ़ी, मालवी और हरियाणवी पर कोश कार्य विभिन्न चरणों में है।,परियोजना एकक
जनवरी-फरवरी 2011 में अवधी, बुन्देली, गढ़वाली, मगही, कांगड़ी, छत्तीसगढ़ी, मालवी और
हरियाणवी के विद्वानों के साथ एक दो-दिवसीय कार्यशाला आयोजित करना चाहता है।
कार्यशाला में लोकभाषा कोशों के भावी भाषा संपादकों, कार्य-योजना, संकलित शब्दावली
आदि पर चर्चा की जानी है।,आपसे अनुरोध है कि इन लोकभाषाओं के विद्वानों या भाषाविदों
या साहित्यकारों को आमंत्रित करने के लिए उनके नाम, पते, फोन नंबर अदि मुझे भिजवाने की
कृपा करें। आशा है आपका सहयोग परियोजना को जरूर मिलेगा। अग्रिम धन्यवाद सहित।,
सादर,--
Abhishek Avtans अभिषेक अवतंस,
(Abhishek Avtans )
Central Institute of Hindi केंद्रीय हिंदी संस्थान,Agra - 282005, UP, India
आगरा -२८२००५, उ.प्र. भारत
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