जहाज जब डूबने लगता है तो उसका पता सिर्फ़ कप्तान को होता है, जबकि छोटी नाव में जब छेद हो जाते है और यह जब डूबने लगती है तो इसका पता पूरी दुनिया को होता है
कप्तान जहाज डूबने की बात किसी को नही बताता और अपने बचने के रास्ते खोजने लगता है, जबकि नाविक ऊँची लहरों को देखकर ही चीखने लगता है और हैदस से मरने की तैयारी करने लगता है
जहाज डूबकर इतिहास बन जाते है - नावों का डूबना रोज़ होने वाली एक दुर्घटना है जो दो सेंटीमीटर के न्यूज़ कॉलम में खत्म हो जाती है जिसे कोई नही पढ़ता
जहाज के यात्री डूबते समय गिटार या वायलिन बजाते हुए जीवन के अंतिम सर्ग को उत्सव की तरह मनाते है - ये मुसाफ़िर अपने कूपों में शराब से लेकर मुजरों और ऐयाशियों में व्यस्त रहते है, जबकि नाव के गरीब मुसाफ़िर अपने सामान की पोटली गुदड़ी में दबाते हुए किसी अनिष्ट की आशंका में परवरदिगार से प्रार्थना करते डूबकर मर जाते है
कप्तान को बचने के रास्ते पता होते है - वह निकल भी जाता है और गरीब नाविक नसीहत देने के लिए संसार में सबसे घृणास्पद उदाहरण बन जाता है पर एक बात जरूर है कि कप्तान की विराट दृष्टि के समक्ष नाविकों की धृष्टताएँ बचकाना होती है
जीवन चैन से जीना है तो बेहतर है पानी पर चलना छोड़ दो, कप्तान और नाविक दोनों का मोह खराब है - ये अंततः आपको नदी या समुद्र की अतल गहराई में डुबोकर मार डालेंगें
एक ही जीवन है अपने खिवैया खुद बने
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" कैसे हो, कल दिखें नही तुम " - लाइवा दिखा तो मैंने पूछा
"असल में कल मैं बहुत आहत था, क्षोभ से भरा हुआ था, ईरान ने जिस तरह से इज़राईल पर हमला किया है ....." वह अपनी रौ में बोलता जा रहा था
या देवी सर्व भूतेषु ....
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मेरे कूँ बी सुबू सुबू बधाई और शुभकामनाएं दे दी कविराज लाइवा ने -सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या की, तो मैंने बोला कविराज लाईवा को कि "घर आ आज तू साले, तेरे कूँ मेरे इज़ सराद्ध की खीर पिलाता गर्मागर्म"
अब्बी तक दरवज्जे बन्द है ससुर के, बाहर निकले तो सई, नई पूरा खीर का तपेला उस गंजे के माथे पर उलट दिया तो नाम आलोचक नई मेरा, या तो इसका सराद्ध होगा या मेरे घर कौव्वे काला पानी पीने आयेंगे - समझता क्या है अपने आपकूँ, हिंदी इसको इज़ आती हेगी
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