लोमड़ी के प्रमेय - 3
लोमड़ी के रूप में जन्म लेना ही अपने आपमें जीवन में सफलता का मंत्र है, लोमड़ी योनि में अर्थात ही धूर्त, चतुर, मक्कार, लोभी, उच्च महत्वकांक्षाएं, इस्तेमाल करने का हुनर, अपने को सीढ़ी बनाकर हवाई जहाज में उड़ने का स्वप्न, और दुनिया को बेवकूफ़ समझकर गधे साधना
चुनाव हर कदम पर है जीवन से लेकर मरण में , एक बार जन्म लेने पर हरेक कदम पर चुनाव है और इसमें कुछ गलत भी नही है, पर जब यह सुविधा, नाम, यश और कीर्ति के सम्बन्ध में हो तो लोमड़ी से भला बेहतर इस घटियापन को कौन समझा और अपना सकता है और वह जब गधों का चुनाव पूरे होशोहवास में करती है तो क्या कहने फिर
लोमड़ी और गधे के अमर प्रेम की किवदंती अमर है और जब तक यह संसार है तब तक लोमड़ियां गधों का इस्तेमाल करके राज करती रहेंगी चाहे फिर वो सारे संसार में फूट डालकर शेर, हाथी, जिराफ़, कुत्ते, बिल्ली या उल्लू, बाज, गिलहरियों से गधे को लड़ते भिड़ाते रहें
जब यह लिखता हूँ तो लोमड़ियों के झुँड नज़र आते है आंखों के सामने और वे सब चलायमान है यहाँ - वहाँ, हर मंच और माईक से, हर गोष्ठी - हर सेमिनार, हर पत्रिका और पुस्तक में ये हावी होते दिख रहे है और गधे पीछे बैठे तालियाँ पीटते है, उनका यही प्रारब्ध है सम्भवतः
लोमड़ी हर युग का और हर क्षेत्र का परम और अंतिम सत्य है मित्रों
[इसका चुनाव, साहित्य या सामाजिक कार्य से कोई सम्बन्ध नही है]
"It's a targeted post"
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