जब नाश मनुज पर छाता है तो
विवेक सबसे पहले मर जाता है
इंग्लैंड का प्रधानमंत्री सच में अब मानसिक रोगी है - साबित हो गया आज इसे लेबर पार्टी के नेता के अलावा कुछ नही दिख रहा, यह उसके हाउस में पुनः आने से, पैदल यात्रा से घबरा गया है और चुनाव हाथ से जाते देख पगला गया है
आज भले ही "वोट ऑफ कॉन्फिडेंस" जीत जाए पर ये चुनाव तक एकदम अपराध बोध में फ्रस्ट्रेट होकर हिंसक हो जायेगा और फिर मौत से खेलेगा
पढ़े लिखें मूर्ख गोरे लोगों देख लो किन बेरोजगारों गंवारों और मूर्ख लोगो को सत्ता सौंप दी तुमने
शर्म करो डूब मरो गोरे लोगों तुम्हारे साम्राज्य का सूरज अंधेरे के हाथ में है आज तुम्हारे लीडर की असलियत सामने आ ही गई
अबै मणिपुर पर बोल फालतू समय क्यों बर्बाद कर रहा है
यही आदत है दक्षिण पंथियों की कि मुद्दे के अलावा सब तरह की बकवास कर लेते है और यह इसमें अग्रणी है सन 2014 से यही कर रहा है
इसलिये तो नौटँकीबाज कहता हूँ
मणिशंकर अय्यर ज़िंदाबाद
एक प्रधानमंत्री वो था - जिसने भारत एक खोज से लेकर तमाम किताबें लिखी, एक वो थी जो कट्टर देशप्रेमी और पांच सूत्री कार्यक्रम बनाकर सच में गरीबी हटाना चाहती थी, एक वो था जो दुनिया का सबसे बड़ा अर्थशास्त्री था, एक वो था जो विजनरी था - टेक्नोक्रेट था, और एक यह है जो ना भाषा समझता है और ना शिष्टता, निहायत अनपढ़ और सड़कछाप टाइप भाषा बोलकर संसदीय गरिमा का अपमान कर रहा है , दिक्कत इस व्यक्ति से नही प्रधानमंत्री पद की गरिमा से है जो कलुषित हो गई है लगातार और मज़ेदार यह है कि पूरे सांसद जो पढ़े लिखें डॉक्टर, वकील, जज, प्रशासक, नौकरशाह, बुद्धिजीवी और पत्रकार थे वे भी भेड़चाल में जाकर अक्ल बेचकर गैंग में शामिल हो गए
बेहद शर्मनाक
अच्छा है इस देश के लोग इससे भी बुरा समय और व्यक्ति डिजर्व करते है, पाकिस्तान का हश्र देख ही रहें हैं हम
56 इंच का सीना हो तो LIC का शेयर जो 1100 में खरीदा था उसकी मूल कीमत ही दिलवा दें फर्जी, अभी 600 में बेचा
सत्यनाश कर दिया अनपढ़ ने और बकवास करके कह रहा कि LIC grow कर रही है, निर्मला बाई से पूछ लें रे नादान तेरे पीछे बैठी है
संसद में ऑन रिकॉर्ड झूठ बोलने वाला अभद्र प्रधानमंत्री - इसकी भाषा ही देख लो
हमारे यहाँ कहते है
ठिलवा
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