कल हमारी लाड़ली, पदमश्री जनक दीदी का जन्मदिन था, 75 वाँ जन्मदिन , मैं दिन भर फोन लगाता रहा पर बात ना हो पाई, आज सुबह दीदी का मिसकॉल था, फिर मैंने अभी बात की और कहा कि "अब आपको जनक कहने का मन करता है क्योंकि वे अब 16 वर्ष की हो गई है किसी किशोरी सी, जितना काम करती है कोई तरुणी या किशोरी क्या करेगी" बोली - "तू आया नही मिलने, कल घर की पिछली पहाड़ी पर पौधे लगाए रही थी - मित्र थे, गांव के लोग थे और बस यही सेलिब्रेशन था", हम सामाजिक काम करने वालों की वो ताकत है और अँधेरे पलों में लाइट हाउस
जनक दी मतलब जोश, उत्साह और सतत कुछ ना कुछ करने का दूसरा नाम है , वे इतना काम कर रही है कि क्या ही कहा जाए, पिछले चार दशकों से तो मैं ही देख रहा हूँ, जनक दी आपका जोश और काम करने की प्रेरणा ही हम सबकी ताकत है और जिस लगन से आप सक्रिय है वह बेहद प्रशंसनीय है, ऐसी ही बनी रहें और खूब सक्रिय रहें
जन्मदिन की खूब बधाइयाँ और स्वस्तिकामनाएँ
स्नेह और दुआएँ
सादर
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