मतदान केंद्र पर महिलाएं थी पीठासीन से लेकर महिला कांस्टेबल तक
मेरे सामने सेक्टर अधिकारी आई दो - महिलाएं थी , उनके साथ दौड़ने वाली दो महिलाएं , एक मॉडल स्कूल में गया एक अपनी रिश्तेदार को खाना देने तो वहां भी वह पीठासीन थी और पूरी टीम महिलाओं की , वहां 3 बूथ थे महिलाएं ही थीं
शहर भर में महिला पुलिस अधिकारी, प्रेक्षक महिलाएं, घर से छोटे भाई की पत्नी ठेठ आदिवासी गांव उदयनगर के पास कल से गई है उसके साथ भी दो महिलाएं है, कल सुबह केवी देवास में कुछ परिचितों को चुनाव सामग्री लेने जाना था वहां भी महिलाएं थी बहुतायत में
कुल मिलाकर अनुशासन, शांति और बेहद व्यवस्थित तरीके से सब कुछ चल रहा है , कही कोई अभद्रता या कुप्रबंधन नही
पढ़ाई का असर, नौकरी में आने का असर और इन महिलाओं ने दिखाया है कि वे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी कौशल, दक्षता और प्रतिबद्धता से निभा सकती है
महिला शक्ति को सौ सौ सलाम - सच है बेटी पढ़ेगी तो विकास गढेगी
अब बारी नई सरकार की कि पंचायत और नगरीय निकायों के बाद लोकसभा विधानसभा में इन्हें 50 % आरक्षण दें और क्षमता ताकत को आंकने की जरूरत नही पिछले 15 दिनों में ममता, मायावती, निधि राजदान,अंजना ओम कश्यप और बाकी सबने दिखा ही दिया है कि बेटी पढ़ाओ बेटी के साथ देश भी बचाओ
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