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Showing posts from August, 2018

नोत्बंदी और सरकार 29 Aug 2018

वो कहां गया रामदेव नामक कालाधन का जनक आज कुछ बोला नही - चतुर ठग , शर्मनाक है कि देश का प्रधान मंत्री झूठ झूठ बोलता रहा, 15 लाख से लेकर नोटबन्दी तक और अभी भी चुप नही बैठ रहा - रोज रोज नए नए शगूफे छोड़कर अब देश के बुद्धिजीवियों और संस्कृतिकर्मियों से बदला लेने पर उतर आया , यह सरकार हर बार ध्यान भटकाने को नए औजार ढूंढ़ते है कितना अफसोसजनक है यह सब यह फर्क होता है पढ़े लिखें नेहरू, शास्त्री, इंदिरा, वीपी सिंह, गुलजारीलाल नंदा या राजीव गांधी में और इस वर्तमान प्रधानमंत्री में, जिसे  अपनी डिग्री दिखाने के लिए दिल्ली विवि में जाकर धमकाना पड़े या सूचना के अधिकार कानून को धता बता कर जनता को मना करना पड़े उस पर क्या भरोसा , उर्जित पटेल को भी लाया पर उसकी भी रीढ़ कभी तो सीधी हुई ही होगी और उसकी भी औलादें है और भविष्य है जिन लोगों को उस दौरान जान देना पड़ी क्या उनकी मौत के लिए इस सरकार के निर्णय लेने पर गैर इरादतन हत्याओं का मुकदमा दर्ज नही होना चाहिए , जिन लोगों को शादी ब्याह से लेकर नौकरी में जलील होना पड़ा या बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ा क्या उनके लिए मानहानि का मुकदमा नही बनता, जबकि संविध...

Posts between 16 to 22 August 2018

जिस अंदाज में विश्व हिंदी सम्मेलन में अपने हिंदी, अहिन्दी और मीडिया वाले गए हेंगे उससे तो लगता हेगा कि सिरिफ किराए को ही जोड़ लो सबके तो अपने महान भारत देस के किसी झुमरी तलैया में ये सम्मेलन हो जाता भिया दूसरा हरेक जना केवल वहां के समुंदर, सड़क, टेंट, पाइनापाल के मुरब्बे, फ़ानूस और राखी के शुभ अवसर पर टेम्परेचर, सॉरी यार - टेम्परेरी में बनाई गई उदर की गोरी चिट्टी बहनों के रँग बिरँगे फोटू हींच हींच कर पोष्ट करके मॉरीशस ना जा पाए - बड़े बड़े बल्लम और हम जैसे कुंठितों की आत्मा जला  रिया हेगा कोई नी बता रिया कि हिंदी के बहाने कमरों में , बड़े बड़े टेंट में क्या हुआ, वो क्या केते है पैनल डिस्कशन में क्या हुआ और निकला कि - नी निकला हिंदी का भोत बढ़िया भविस्य हेगा और अब भारत के माड़साब हूणं ही पूरी दुनिया को एकदम से बदल देंगे बोलो रे , बोलो - भोत सोच रिया हूँ मैं तो हिंदी का यदि सच को भी सच की तरह से लिख रहे हो मसलन - किसी की जो वास्तविक उम्र है और उम्र के लिए भाषा मे जो मानकीकृत शब्द है - उम्र या शब्द लिखो तो भी दिक्कत है जो हो रहा है और सार्वजनिक रूप से सबको मालूम है उसे भी य...

गांधी के 150 बरस और गांधी की प्रासंगिकता

  मध्यप्रदेश का एक पैरवी समूह जो विकास, कुपोषण , शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों पर गत 15 वर्षों से प्रदेश में कार्यरत है , प्रतिवर्ष राष्ट्रीय स्तर पर एक मीडिया संगोष्ठी करता रहा है जिसमें वह देश भर के लीडिंग पत्रकारों को बुलाकर किसी एक विषय पर फोकस करते हुए चर्चा, बहस और मुद्दों को सामने रखता है साथ ही यह उम्मीद होती है कि ये पत्रकार साथी यहां से लौटकर अपने अखबारों , पत्रिकाओं या चैनलों में जाकर इन मुद्दों की पैरवी करें ; यह भी कोशिश होती है कि पत्रकार सिर्फ अपने बीट से संबंधित ही नहीं - बल्कि व्यापक स्तर पर अपनी समझ बनाएं और पढ़े लिखे ; ऐसा नहीं कि पत्रकार पढ़े-लिखे नहीं है परंतु अपने दैनंदिन कामों में उन्हें कई बार इतना समय नहीं होता कि वह विभिन्न संदर्भ टटोलकर पढ़े-लिखे , विश्लेषण करें, मंथन करें या अपने साथियों के साथ बैठकर खुले और मुक्त भाव से चर्चा कर सकें. गत 12 वर्षों से आयोजित होने वाला यह मंथन इस वर्ष गांधी जी के सेवाग्राम जिला वर्धा में आयोजित था . उल्लेखनीय है कि यह गांधीजी का 150 जयंती वर्ष होगा जिसमें सरकार ने घोषणा की है कि इसे धूमधाम से मनाया जाएगा यह सं...

गुदा के द्वारे बैठी हिंदी की कविता बकौल अम्बर पाण्डेय और मोनिका कुमार 15 Aug 2018

गुदा के द्वारे बैठी हिंदी की कविता बकौल  अम्बर पाण्डेय और मोनिका कुमार  अम्बर पांडेय और मोनिका कुमार की ये कविताएं पढ़िए और बताईये कि कविता, भाषा, कथ्य, शिल्प, मुद्दें और सबसे ज्यादा शुचिता और सन्देश क्या है इस वेब साईट, पत्रिका और पत्रिका के लोगों की समझ पर भी प्रकाश डालें तो और स्पष्टता आयेगी यह मैं नही कई लोगों ने पूछा है , पहले आप बताइए फिर मैं बताऊंगा कि मुझे क्या लगा पढ़कर एक बात जरूर कहूँगा कि कुछ लोग "स्कैंडल क्रिएट" करने के लिए भी किसी हद तक जाते है और इसका इलाज सिर्फ उपेक्षा है - घृणा और चुहलबाजी और चर्चा नही है , ये सिर्फ अम्बर और मोनिका की बात नही है हिंदी में लाखों में कुंठित कवि है जो रोज अपनी या दूसरों की कविताओं को चैंपकर लड़कियों के फोटो लगाकर पोस्टर बनाते है - ठेलते है और अपनी हवस और अपराध बोध का सार्वजनिक प्रदर्शन करते है यही नही उन्हें वाट्स एप के समूहों में ग्रुप आईकॉन बनाने से लेकर देर रात तक द्विअर्थी शब्दों में ठिठोली करने से गुरेज़ भी नही तो फिर बदनाम करने का ठीकरा इन दो पर ही क्यो, इन कम्बख्तों को भी नंगा किया जाये जो चुन चुनके देश भर की औ...