Skip to main content

सखाराम मार्च 2018 से आरम्भ


#सखाराम 

क्यों रे सखाराम - और कितना उत्पात मचाएगा और झूठ बोलेगा उल्लू के चचा !!!
क्यों रे सखाराम, तीन का पहाड़ा याद किया या चौथी पास से भी कमजोर है ?
महिला दिवस पर दिल की भड़ास में महिलाओं के हक के बारे में बहुत कुछ बोला सखाराम और बोलते बोलते रोने लगा। अपनी माँ और माँ भारती की सेवा के बारे में भी उसके द्वारा की जा रही सेवाओं के बारे में, नई योजनाओं के बारे में बताने लगा।
फिर किसी ने पीछे से एक महिला विशेष का नाम लेकर कुछ पूछ लिया तो अनायास सखाराम के मुंह से माँ - बहनों के नाम से सुसंस्कृत भाषा झरने लगी।
सवाल तो आप समझ ही गए होंगे ना !
पकौड़े तलने के बाद मूर्ति भंजन का नया रोजगार सृजित किया है मित्रोंssssssssss.
सखाराम का दिमाग नही है वह कॉपी पेस्ट करके किसी भी पोस्ट पर कुछ भी चेंप देता है , एक बार पूछा मैंने पूछा कि "सखाराम अब सरकार कश्मीरी पंडितों को बसाने में देर क्यों कर रही है" तो बोला "जब तक बुलेट ट्रेन नही आयेगी और जापान के शिंजो को अहमदाबाद सरीखा झुला नही दे देते हम लोग, या दिल्ली में गंगा आरती रोज शुरू नहीं करवा देता केजरीवाल या नवाज की माँ की तरफ से बिरियानी नही आ जाती कडकनाथ मुर्गे की तब तक कश्मीरी पंडितों को नही बसायेंगे".
फिर बोला सखाराम कि मूर्तियों के देश मे हम इसलिए मूर्तियां ढहाते है कि अगले चुनाव के पहले हमारे बुड़बक नेता हर गली मोहल्ले में नई मूर्तियां लगवाने के वादे कर सकें और उनके छर्रें ठेके लेकर रूपया कमा सकें।
सखाराम हंसी उड़ाते हुए बोला कि आलू से सोना बनाने वाली मशीन लगाएंगे ?
पप्पू बोला बिल्कुल "आलू से सोना बनाने वाली मशीन भी लग जायेगी पहले, सबको परिधान मंत्री 15 लाख दे दें - नही तो सोना कौन खरीदेगा, जैसे सब पकौड़ा बनाएंगे तो खायेगा,खरीदेगा कौन "
पप्पू हंसने लगा और सखाराम के माथे पर कश्मीरी बर्फ का पसीना आने लगा ।
वादा निभा दें कम से कम एक तो या हंसी ही उड़ाते रहोगे सखाराम , ऐसा ना हो कि बूमरेंग - (जानते हो ना , नही जानते बूमरेंग के बारे में तो किसी असली पढ़े लिखें से पूछना - येल पेल वाले शिक्षित से नही)
वचन नही निभाने वाले को "प्राण जाए पर वचन ना जाये" कौन होते है मालूम है ना !!!
ऊपर से सुतिये भारतीयों को समझ नही आता कि जैसे 15 लाख, 370 धारा हटाना वैसे ही आलू से सोना बनाने की मशीन और दोनों ही विदेश ज्यादा देश मे कम पाये जाते है ! 

जहाज डूबने की खबर उन जगह के लोगों को पहले मालूम पड़ता है जो समुद्री इलाकों में रहते है पर समुद्र तो वहां भी है फिर समझ क्यों नही आ रहा सखाराम तुम्हे?


तो स्थानीय मुद्दों पर बस नही चला सखाराम का और आखिर अल्पमत में ले आये श्यामाप्रसाद मुखर्जी से लेकर अटल जी की भाजपा को सदन में। नरेश अग्रवाल से कहो कि जाकर सेटिंग करें अपने नैहर में - इतना मल्टी परपज़ आदमी कहाँ मिलेगा जो बसपा, सपा और कांग्रेस से भी सेटिंग कर लें सब उसके घर के है।

अब आगे क्या , आज तो सब ज्ञानान्ध भी आहत है अंदर ही अंदर भरे बैठे है । चाय की गुमटियों से लेकर कॉफी हाउस और ढाबों की खटिया और बासते सोमरस के बीच में से गंधाते अजीब उच्चारणों के बीच कुछ कुछ विद्रोही तेवर सुनाई भी दे रहे है। मुझे चिंता है कि आई टी सेल में बैठे आजीविका कमा रहे दक्ष युवाओं को आज क्या ट्रोल मिलेगा ? शब्दों की भी गन्ध होती है और गन्ध का भी एक इहलोक सखाराम , जानते हो ना !


और योगी को बता दिया गया है कि ज्यादा उड़ना मना है । 2024 का भावी प्रतियोगी है , अभी से उड़ने लगा एक साल हुआ नही इसलिये ससुर को अपने ही घर के बूथ मे 43 वोट दिलवाए गए । और मीडिया वालो सुन लो - यह काँग्रेस, सपा या बसपा से कम हमारी भाजपा का अंतर्कलह ज़्यादा है, मेरे ही दुश्मन पैदा हो रहे है इसलिये यह तय है अब कि जो ज्यादा उड़ेगा - उसे जनता दरबार मे ही निपटा दिया जाएगा। जब चीन में आजीवन राष्ट्रपति रह सकता है जो मेरा दोस्त है तो मैं भारत मे चिर प्रधानमंत्री क्यों नही ?
औकात में रहो बे!!!


राज ठाकरे ने आज जो मोदी सरकार के ख़िलाफ़ जो भी ठोस , तर्क सम्मत बोला और सबसे महत्वपूर्ण बात कही कि यह सरकार राम मंदिर के नाम पर हिन्दू मुस्लिम दंगे करवाकर या पाकिस्तान पर छदम युद्ध करवाकर 2019 का चुनाव छल से जीतना चाहती है। आज राज ठाकरे ने जो खरी खरी बोलकर महाराष्ट्र के लोगों के सामने मोदी सरकार की पोल खोली है और सचेत किया है कि इन सबसे बचकर रहें - वह बेहद चौकाने वाला है।
इधर राहुल गांधी के तेवर भी देखने लायक है, देश रोज़गार, आर्थिक उन्नति, उत्पीड़न से परेशान होकर उबल रहा है। ज्ञानान्ध भी परेशान है। सारी साथी संगी पार्टियां जुमलेबाजी और घटिया फेंकने की अदा से वाकिफ होकर साथ छोड़ ही रही है, उप्र में योगी के कारनामों ने अल्पमत में ला ही दिया है।


मोदी सरकार की हालत खराब है और कुछ मूर्ख लोग जिसमें मेरी पढ़ी लिखी महिला मित्र भी शामिल है , गंवारों की तरह आई टी सेल के नाजायज उत्पाद वाट्स एप विवि से ठेल रहे है। गधों की कमी नही है।
कुल मिलाकर सखाराम के भजन गाने के दिन आ गए हैं। बोलो सखाराम हारमोनियम ख़रीदे ?
सिर्फ मैं अकेला दोषी नही हूँ । केजरीवाल भी असली नेता है।अब आपको समझ आ रहा है कि दिल्ली में कैसे वो 67 सीट ले गया नाक के नीचे और शेर जैसा होने का नाटक कर रहा था।
किन लोगों से माफी मांग रहा है समझे कि नही ? मैं तो फिर भी विश्व स्तर का नेता हूँ भाईयों बैंनो !
उससे अच्छी राजनीति जानता हूँ याद करो योगी को और मार्ग दर्शक मंडल को !!!

यूपी और बिहार में जो कुछ भी कल हुआ उससे मेरा लेना देना नही, दो साल की राज्यसभा के लिए मैं हाथ नही डालता, योगी भोगी उसके किये बहुत है।
मैं तो सम्यक दर्शन का अनुयायी हूँ। क्षमा वीरस्य भूषनम।
ना ही मेरे अरविंद केजरीवाल के 20 विधायकों को जोती ने जाते जाते जो किया और फिर हाई कोर्ट ने जो किया उससे भी लेना देना नही। मैं जोती की ना पेंशन रोकूंगा ना उसके खिलाफ कुछ करूँगा। गिरगिटों से वैसे भी मैं कम नही अस्तु
अब आगे कर्नाटक चुनाव है और उसके बाद मप्र, राजस्थान, छग आदि। लिहाज़ा, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में मैं इन दिनों विजिटिंग प्रोफेसर हूँ और उनके साथ अपनी कला को भी मांज रहा हूँ। विदेश जाने का योग देखो कब बनता है !


Comments

Popular posts from this blog

हमें सत्य के शिवालो की और ले चलो

आभा निवसरकर "एक गीत ढूंढ रही हूं... किसी के पास हो तो बताएं.. अज्ञान के अंधेरों से हमें ज्ञान के उजालों की ओर ले चलो... असत्य की दीवारों से हमें सत्य के शिवालों की ओर ले चलो.....हम की मर्यादा न तोड़े एक सीमा में रहें ना करें अन्याय औरों पर न औरों का सहें नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." मैंने भी ये गीत चित्रकूट विवि से बी एड करते समय मेरी सहपाठिन जो छिंदवाडा से थी के मुह से सुना था मुझे सिर्फ यही पंक्तिया याद है " नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." बस बहुत सालो से खोज जारी है वो सहपाठिन शिशु मंदिर में पढाती थी शायद किसी दीदी या अचार जी को याद हो........? अगर मिले तो यहाँ जरूर पोस्ट करना अदभुत स्वर थे और शब्द तो बहुत ही सुन्दर थे..... "सब दुखो के जहर का एक ही इलाज है या तो ये अज्ञानता अपनी या तो ये अभिमान है....नफरतो के जहर से प्रेम के प्यालो की और ले चलो........"ये भी याद आया कमाल है मेरी हार्ड डिस्क बही भी काम कर रही है ........आज सन १९९१-९२ की बातें याद आ गयी बरबस और सतना की यादें और मेरी एक कहानी "सत...

संसद तेली का वह घानी है जिसमें आधा तेल है आधा पानी है

मुझसे कहा गया कि सँसद देश को प्रतिम्बित करने वाला दर्पण है जनता को जनता के विचारों का नैतिक समर्पण है लेकिन क्या यह सच है या यह सच है कि अपने यहाँ संसद तेली का वह घानी है जिसमें आधा तेल है आधा पानी है और यदि यह सच नहीं है तो यहाँ एक ईमानदार आदमी को अपने ईमानदारी का मलाल क्यों है जिसने सत्य कह दिया है उसका बूरा हाल क्यों है ॥ -धूमिल

चम्पा तुझमे तीन गुण - रूप रंग और बास

शिवानी (प्रसिद्द पत्रकार सुश्री मृणाल पांडेय जी की माताजी)  ने अपने उपन्यास "शमशान चम्पा" में एक जिक्र किया है चम्पा तुझमे तीन गुण - रूप रंग और बास अवगुण तुझमे एक है भ्रमर ना आवें पास.    बहुत सालों तक वो परेशान होती रही कि आखिर चम्पा के पेड़ पर भंवरा क्यों नहीं आता......( वानस्पतिक रूप से चम्पा के फूलों पर भंवरा नहीं आता और इनमे नैसर्गिक परागण होता है) मै अक्सर अपनी एक मित्र को छेड़ा करता था कमोबेश रोज.......एक दिन उज्जैन के जिला शिक्षा केन्द्र में सुबह की बात होगी मैंने अपनी मित्र को फ़िर यही कहा.चम्पा तुझमे तीन गुण.............. तो एक शिक्षक महाशय से रहा नहीं गया और बोले कि क्या आप जानते है कि ऐसा क्यों है ? मैंने और मेरी मित्र ने कहा कि नहीं तो वे बोले......... चम्पा वरणी राधिका, भ्रमर कृष्ण का दास  यही कारण अवगुण भया,  भ्रमर ना आवें पास.    यह अदभुत उत्तर था दिमाग एकदम से सन्न रह गया मैंने आकर शिवानी जी को एक पत्र लिखा और कहा कि हमारे मालवे में इसका यह उत्तर है. शिवानी जी का पोस्ट कार्ड आया कि "'संदीप, जिस सवाल का मै सालों से उत्तर खोज रही थी व...