Vaibhav Kishore Jayaswal at Home 28 Feb 2018
Kishor Vaibhav Abhay रायपुर में रहते है और केंद्र सरकार में काम करते है।
छग जाना होता था तो फेसबुक के दोस्तों को खोजता था कि लिखने पढ़ने वाला कोई मिल जाये । एक बार समय पर्याप्त समय था - शाम को जल्दी फ्री हो गया तो वैभव को फोन किया - मिला, अच्छा लगा और खूब बातचीत की। बाद में वैभव ने नुक्कड़ टैफे की टीम से मिलवाया- गौरव, प्रियंक, शिज्जु , चन्द्रमोहन, पूर्णाक्षी और भी बहुत से मित्र जो लिखने पढ़ने की बिरादरी से आते हैं । अभिजीत से हालांकि अभी तक मिला नही हूँ पर वो भी लाड़ला है। नुक्कड़ पर मेरी किताब का कार्यक्रम रखवाया था उस रात जहां प्रबुद्ध लेखक और पाठक मौजूद थे। अविस्मरणीय शाम थी मेरे जीवन की जहां सब प्यारे लोग मिलें और मेरे जीवन का जीवंत हिस्सा बन गए।
फिर लगातार मिलना होता रहा, गत वर्ष मई में जब इनका ब्याह था तो मैं सुकमा में फंस गया एक हमला हुआ था एक गांव में और हम लोगों को केशकाल घाटी पार नही करने दी गई, और मैं छग में होते हुए भी नही पहुँच पाया। तब से बस बातें ही बातें हो रही थी।
वैभव मूल रूप से नाटक के कलाकार है और प्रयोगधर्मी है। रायपुर में नाटक का अच्छा खासा समूह है और लगातार वे रिहर्सल और प्रदर्शनों में लगे रहते है। अच्छे कवि और लेखन की समझ भी उम्दा है। इस सबसे ज़्यादा अच्छे इंसान है, कई बार ट्रेन पर मुझसे मिलने आये अपनी व्यस्तता में और मैं शुगर का मरीज हूँ इस वास्ते मेरे सेहत के अनुरूप खाना भी लेकर आये है और ये वो सबके लिए करते है। मुझे छग के विशेष पकवान खिलाने गढ़ कलेवा भी लेकर गए है रायपुर में जो अप्रतिम जगह है। मेरे जैसे मराठी मानुस और मालवा के चटोरे को ऐसे दोस्त मिल जाये तो क्या कहना !
अपने मित्रों के बीच लोकप्रिय वैभव ने आज अचानक फोन किया कि इंदौर में हूँ - मैंने कहा मैं भी लौटा ही हूँ आ जाओ घर , बस दोपहर को वैभव हाजिर। खूब गप्प की और खाना खाया। रुकने का बोला पर उन्हें जाना पड़ रहा है निजी कारणों से। वे आशीष पाठक के नाट्य समारोह में हिस्सा लेने जबलपुर आये थे, और यहां आकर एक सरप्राइज दे दिया। शुक्रिया ही कह सकता हूँ इस अनुज को।
वक्त कम था, बस 4 - 5 घँटे ही गप्प कर पाएं, पर जल्दी ही आने का वादा कर निकले है मार्च का। मजा आया सच मे । दोस्तों से मिलने में ही खुशी है और जीवन है।
वो अंग्रेजी की कहावत है ना "To a Friend's House , the Road is never Long"
बाकी ऊपर लिखित मित्रों का यूँही इंतज़ार है एक दिन आकर वे भी अचंभित करेंगे यह विश्वास है। लेपटॉप बाबा के आश्रम में सबका स्वागत है मित्रों।
शुक्रिया वैभव , खुश रहो, खूब यश कमाओ
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