Skip to main content

Posts of Ram Rahim and last week of August 2017




क्षमा के इस महान पर्व में हम अपने आपको ही दिल - दिमाग़ से मुआफ़ कर दें तो शायद एक बेहतर इंसान बनने की प्रक्रिया शुरू हो।
इनसे, उनसे, आपसे तो प्यार - मुहब्बत या धन्धे के रिश्ते है। लाज़िम है कि इनमें व्यवहार, लेन - देन जुड़ा है, टकराहट भी होगी और जुड़ाव भी बना रहेगा। ये सब तो जीवन है अस्तु बनता सँवरता ही रहेगा।
गर अपने आपको मुआफ़ नही किया और सज़ा देते रहें - पल पल तो शायद फिर कुछ भी नही बचेगा !!!
आओ, मैं अपने आपको मुआफ़ करूँ - ताकि उस अनंतिम यात्रा का साक्षी हो सकूँ , ताकि मन मे कोई बोध, ज्ञान और अपराध की किंचित छाया भी ना रह सकें।
********
सारे बाबाओं, साधु - संतों को दी गई ज़ेड श्रेणी की सुरक्षा वापिस लो।
मेरे देश के जवान इन घटिया लोगों की सेवा और सुरक्षा के लिए नही है
मेरा टैक्स का रुपया इनके लिए बर्बाद करने का सरकार को कोई हक नही। वो गुरमीत हो या रामदेव - तुरन्त ये सुरक्षा इनसे वापिस लो। रामदेव तो विशुद्ध व्यापारी है वो अपने रुपये से खुद की सुरक्षा करें गर डरपोक है तो।
#मोदी जी ध्यान दें ।
@PMOIndia को ट्वीट करें और दबाव बनाए या सरकार को इनकम टैक्स देने का बहिष्कार करें। बहुत हो गई मूर्खताएं।

"प्रधानमंत्री भारत के हैं,बीजेपी के नहीं. मुख्यमंत्री राज्य के हैं,बीजेपी के नहीं हैं"
- हरियाणा -पंजाब हाई कोर्ट 
26 अगस्त 17 एक आदेश में
___________________________

"किसी भी कीमत पर जीतना ही राजनीतिक नैतिकता बनती जा रही है."
- ओ.पी.. रावत
चुनाव आयुक्त , भारत सरकार 
____________________________

शर्म बाकी है अभी या हिंदी भी समझ नही आती !!!
इस पर ही किसी का बौद्धिक कर सुन लेते, मनन , चिंतन ही थोड़ी देर कर लेते तो लोकतंत्र का अर्थ समझ आता।

महामहिम राष्ट्रपति जी से तो अब उम्मीद करना बेकार है ये दीगर बात है कि वे क़ानून पढ़े है और ज्ञाता भी है।

आपको ना आती हो मुझे शर्म आती है
73 बच्चों की मौत
10 किसानों की मौत
56 व्यापमं में मौत
असंख्य जवानो और आदिवासियों की छग में मौत
दादरी, मुजफ्फरनगर के दंगों में मौत
मोब लिंचिंग में मौत
गुजरात ऊना में दलितों की मौत
पाटीदारों, जाटों की मौत
दार्जिलिंग में मौत
कश्मीर में हजारों मौत
सीमा पर जवानों की मौत
केरल में संघियों और वामियों की मौत
रागिनी दुबे की मौत
आज एक बेटी का हाथ काट दिया गया
दाभोलकर, पानसरे की मौत
रेलवे में हुई 8 दुर्घटनाओं में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत
सफाई कर्मचारियों की रोज हो रही मौत
और आज विकसित राज्यों में से
28 लोगों की मौत
आपको कोई नैतिक, संविधानिक हक भी नही बनता कि आप , आपके निकम्मे मुख्यमंत्री , आपकी केबिनेट और आप खुद भी पद पर बने रहें।
आपकी पार्टी का मत है कि इतने बड़े देश मे ये सब होना लाजमी है। आप मुतमईन है कि देश मे आपके समर्थक भी मूर्ख और अंधे है तो मानते रहिये यह शर्म उन्हें भी सम्भवतः आती हो यदि उनकी रीढ़ सीधी हो और जमीर ना मरा हो तो।
__________________________________________

दुख के साथ मैं भारत का नागरिक आपको अपनी सरकार मानने से इनकार करता हूँ और देश मे सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति जी से निवेदन करता हूँ नई सरकार का गठन करें।

राम रहीम, नपुंसक व्यवस्था, कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए फौज, पुलिस और कार्यपालिका का दोहन करके झोंकना ऊपर से मीडिया और जनमानस के साथ भयानक हिंसा क्या दर्शा रहा है।
राष्ट्रपति क्या देख रहे है और सुप्रीम कोर्ट क्या कर रहा है। भंग करें दोनो राज्यों में सरकार और व्यवस्था फौज को हस्तगत करें।
भाजपा के लिए आत्म मंथन का दौर और अभी नही सुधरें तो 2019 में भुगतने के लिए तैयार रहें ।
यह बेहद गम्भीर संकट का समय है। संयमित रहें और देश को सर्वोपरि मानें ।

सुप्रीम कोर्ट अब धर्म को निजी घोषित करें और सार्वजनिक रूप से बेजा इस्तेमाल पर तुरन्त प्रतिबंध लगायें। जो भी आश्रम, मदरसे या मिशनरीज़ चल रहे है बाबा, मुल्लों और पादरियों के संरक्षण में और अवैध काम हो रहे है उन पर सरकार तुरन्त कार्यवाही करके राजसात कर अपने कब्जे में लें - वहाँ स्कूल, अस्पताल बनवाएं और जनहितार्थ के लिए चालू करें।
ये उदाहरण हमारी 70 साला तुष्टिकरण की नीति का ठोस उदाहरण है जिसे कांग्रेस ने पैदा किया, पाला पोसा, पोषित किया और अब भाजपा के साथ बाकी पार्टियां भी इसी राह पर निकल पड़ी है। आज का यह उदाहरण सिर्फ व्यवस्था को पंगु बनाने वाला नही वरन भस्मासुर की तरह सत्ताओं की मौत तय करने वाला भी है।
पिछले हफ्ते में न्यायपालिका ने जो भी काम किया है वह मुझमे पन्थ निरपेक्ष देश और संविधान में आस्था जगाता है और आशा दिलाता है कि अभी सब कुछ खत्म नही हुआ है। इसका श्रेय निश्चित ही महादेश की जनता को दिया जाना चाहिए।
सलाम , जोहार और जोर से कहता हूँ -
भारत माता की जय !!!

एक राम रहीम ने 70 साल के देश, कानून और व्यवस्था को चुनौती दी है। देश पाक चीन से निपटने में व्यस्त है अभी।
पंजाब हरियाणा से सेना में सबसे ज्यादा जवान है शायद और आर्थिक समृद्धि भी वहॉ है, ये सब दर्शाता है कि धर्म को सड़क पर लाने की इजाजत देकर हमने इन बाबाओं के रूप में नाग पाले है और अब ये सम्हले नही सम्हल रहे।
दूसरा, एक ओर जहां राजनीति को तटस्थ होकर न्यायपालिका का सम्मान कर न्याय हेतु सहयोग करना चाहिए वही वहां के भीरु मंत्री 144 धारा ना लगाने की बात कर न्याय पर ही दबाव डाल रहे है।
सोचिये आज अल्पसंख्यक कहे जाने वाले सिख धर्म बहुल दो छोटे राज्यों ने पूरे देश को हिला दिया है कल अगर हम धर्म के गलत प्रयोग और प्रयोजन को सड़क पर ला देंगे तो विश्व मे शांतिपूर्ण ढंग से जीने वाले, जगसिरमोर बनने की ताकत रखने वाले देश का क्या होगा।
दोनो राज्यों को कड़ाई से राम रहीम को अंदर कर कानून भंग करने के जुर्म में निपटाना चाहिए। यह सिख धर्म जैसे महान वीर पराक्रमी धर्म के राज्य में उत्पात मचा रहा है इससे कड़ाई से निपटना चाहिए ।

Comments

Popular posts from this blog

हमें सत्य के शिवालो की और ले चलो

आभा निवसरकर "एक गीत ढूंढ रही हूं... किसी के पास हो तो बताएं.. अज्ञान के अंधेरों से हमें ज्ञान के उजालों की ओर ले चलो... असत्य की दीवारों से हमें सत्य के शिवालों की ओर ले चलो.....हम की मर्यादा न तोड़े एक सीमा में रहें ना करें अन्याय औरों पर न औरों का सहें नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." मैंने भी ये गीत चित्रकूट विवि से बी एड करते समय मेरी सहपाठिन जो छिंदवाडा से थी के मुह से सुना था मुझे सिर्फ यही पंक्तिया याद है " नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." बस बहुत सालो से खोज जारी है वो सहपाठिन शिशु मंदिर में पढाती थी शायद किसी दीदी या अचार जी को याद हो........? अगर मिले तो यहाँ जरूर पोस्ट करना अदभुत स्वर थे और शब्द तो बहुत ही सुन्दर थे..... "सब दुखो के जहर का एक ही इलाज है या तो ये अज्ञानता अपनी या तो ये अभिमान है....नफरतो के जहर से प्रेम के प्यालो की और ले चलो........"ये भी याद आया कमाल है मेरी हार्ड डिस्क बही भी काम कर रही है ........आज सन १९९१-९२ की बातें याद आ गयी बरबस और सतना की यादें और मेरी एक कहानी "सत...

संसद तेली का वह घानी है जिसमें आधा तेल है आधा पानी है

मुझसे कहा गया कि सँसद देश को प्रतिम्बित करने वाला दर्पण है जनता को जनता के विचारों का नैतिक समर्पण है लेकिन क्या यह सच है या यह सच है कि अपने यहाँ संसद तेली का वह घानी है जिसमें आधा तेल है आधा पानी है और यदि यह सच नहीं है तो यहाँ एक ईमानदार आदमी को अपने ईमानदारी का मलाल क्यों है जिसने सत्य कह दिया है उसका बूरा हाल क्यों है ॥ -धूमिल

चम्पा तुझमे तीन गुण - रूप रंग और बास

शिवानी (प्रसिद्द पत्रकार सुश्री मृणाल पांडेय जी की माताजी)  ने अपने उपन्यास "शमशान चम्पा" में एक जिक्र किया है चम्पा तुझमे तीन गुण - रूप रंग और बास अवगुण तुझमे एक है भ्रमर ना आवें पास.    बहुत सालों तक वो परेशान होती रही कि आखिर चम्पा के पेड़ पर भंवरा क्यों नहीं आता......( वानस्पतिक रूप से चम्पा के फूलों पर भंवरा नहीं आता और इनमे नैसर्गिक परागण होता है) मै अक्सर अपनी एक मित्र को छेड़ा करता था कमोबेश रोज.......एक दिन उज्जैन के जिला शिक्षा केन्द्र में सुबह की बात होगी मैंने अपनी मित्र को फ़िर यही कहा.चम्पा तुझमे तीन गुण.............. तो एक शिक्षक महाशय से रहा नहीं गया और बोले कि क्या आप जानते है कि ऐसा क्यों है ? मैंने और मेरी मित्र ने कहा कि नहीं तो वे बोले......... चम्पा वरणी राधिका, भ्रमर कृष्ण का दास  यही कारण अवगुण भया,  भ्रमर ना आवें पास.    यह अदभुत उत्तर था दिमाग एकदम से सन्न रह गया मैंने आकर शिवानी जी को एक पत्र लिखा और कहा कि हमारे मालवे में इसका यह उत्तर है. शिवानी जी का पोस्ट कार्ड आया कि "'संदीप, जिस सवाल का मै सालों से उत्तर खोज रही थी व...