Skip to main content

गोरखपुर में राज्य प्रायोजित 60 बच्चों की हत्या -जिम्मेदार कौन?

गोरखपुर में राज्य प्रायोजित 60 बच्चों की हत्या - जिम्मेदार कौन ?




जिस देश मे सरकारें, कार्यपालिका और न्यायपालिका बच्चो की परवाह नही कर सकती और दुर्लक्ष करके संगठित रूप से हत्या के जघन्य अपराध में शामिल होती है उस देश का भविष्य तो क्या वर्तमान भी अंधेरे में है । यह राष्ट्रीय शर्म का दिवस है।


डरपोक मीडिया में दिलेरी से सबूत के साथ कहने वाले भी है। 60 मौतें 4 दिन में ! किस जगह शासन कर रहे हो और नर्क को नरक बना रहे हो ? ये कुशासन है और घोर अराजकता की भयावह स्थिति। 
अब बोलों , साबुन से हाथ धुलवाने वालों पोंगा पंडितों !! किस धर्म मे बच्चों की हत्या को जायज कहा गया है।

जो लोग ऑक्सिजन नही दे सकते वो अच्छे दिन देंगे, मूर्ख है देश के लोग जो इनसे उम्मीद करते है। मप्र में सरकार बताये कि एम व्हाय अस्पताल की जांच का क्या हुआ जब 18 बच्चे मरे थे इसी कारण से अभी !
सुना है अयोध्या में पत्थरों की सप्लाई निरन्तर जारी है!!!

जो कम्पनियां अस्पतालों में पेमेंट ना मिलने से ऑक्सिजन रोक दें आखिर वो पाकिस्तान या चीन की तो नही होगी ना, सीधी बात है कमीशन की डील पक्की हुई नही होगी। 

अगला सवाल है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का अरबों का रूपया, यूनिसेफ से लेकर ढोंगी सपोर्टर समूह और तमाम सॉफ्ट हारटेड स्वास्थ्य के रखवाले क्या कर रहे थे ?

क्या ऐसी कम्पनियों को ठेके दिए भी जाना चाहिए?
और आउट सोर्सिंग करो , सरकार लोगों को सूअर समझती है लोग कुत्ता समझते है और इस लड़ाई में अबोध बच्चे मारे जाते है। 

जब तक सरकारी स्कूल , आंगनवाड़ी,अस्पताल या कोई विभाग की जिम्मेदारी सुनिश्चित नही की जाएगी और इसमें काम करने वालों को पिछवाड़े पर लाल मिर्ची की धूनी देकर नही रखा जाएगा ये हरामी मक्कार सुधरेंगे नही।

क्षेत्र विशेष के जनप्रतिनिधि और मंत्री के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट की जाकर इन्हें तत्काल हिरासत में लेना चाहिए ताकि इन कमीने ऐय्याश लोगों को अपने काम और औकात भी समझ आये।

शिवराज जी , एम व्हाय इंदौर में हुई 18 बच्चो की मौत की जांच रिपोर्ट हमे कब देंगे, कौन जिम्मेदार था, किस कम्पनी का ठेका था, कमीशन की डील कितने पर पक्की हुई थी , कितने निलंबित और बहाल हुए, और आगे ये प्रदेश में ना हो इसके लिए क्या कदम उठाए गए है। 

हे नर्मदा नायक मैं इसलिए पूछ रहा हूँ कि बेचारे आदित्य नाथ योगी नये नये मुखिया बने है और आप 15 साल से राज काज कर रहे हो , व्यापमं से लेकर 6 करोड़ के विश्व रिकॉर्ड वाले पौधारोपण आपने "आसानी से सलटा" दिए है, सी बी आई से भी बच निकले है। 

थोड़ा ज्ञान बांटिए, किताबें लिखिए क्योकि अब पूरे देश मे  मोदी जी और अमित शाह हर पंचायत में मेहनत करके सरकार बनाएंगे ही। इसलिए विनम्र सुझाव था !

शुक्र यह है कि अभी गोरखपुर की दुर्घटना में पाक, आतंक, बीफ खाऊं मुसलमान, आई एस आई एस , कश्मीरी मिलिटेंट का हाथ घोषित नही हुआ है वरना तो ये सब होता ही और कांग्रेस, वामपन्थी आदि भी इसमें शामिल करार दे दिए जाते।

बक्सर के कलेक्टर द्वारा तनाव में आत्महत्या

मुम्बई में महिला का घर मे कंकाल मिला

देवास में 21 साल के युवा द्वारा तनाव में आत्महत्या

सिंघानिया अपने ही घर से बेघर 

60 बच्चों की हत्या /मौत

किसानों की हत्या / मौत 

रागिनी दुबे की सड़क पर हत्या 

कुपोषण से लगातार मौतें

विकास बराला और देश के युवाओं और मर्दों में मर्दानगी चरम पर
--------------------------------------------------
ना राहुल, ना मायावती, ना वृंदा, ना येचुरी, ना ममता, ना दक्षिण ना उत्तर, ना पूरब ना पश्चिम !

ये समाज कौन सुधारेगा, आने वाली पीढ़ियों को तनाव, हिंसा, कचरा, गोबर , गौमूत्र और ये सब देकर जाओगे ? तुम्हारी औलादें किस पर गर्व करेंगी - कभी सोचा है ? 

मीडिया भांड और अकर्मण्य 
एनजीओ अपनी साख बचाने में लगें 
बुद्धिजीवी घर मे बकलोली कर रहें
युवा बीफ, गौ हत्या और गौ रक्षा में व्यस्त
डाक्टर, वकील, प्राध्यापक वैसे ही न्यूट्रल कहूँ या नपुंसक कौम है 
समाज विज्ञानी, अर्थ शास्त्री सरकार में घुसने और विदेश यात्राओं की जुगाड़ में 
वैज्ञानिक सड़क पर अनुदान के चक्कर मे 

बचा कौन ? समाज वृहन्नालाओं से चल रहा है 

डाक्टर कफ़ील एहमद छोड़ दो नौकरी, देश छोड़ दो और कही दूर जाकर किसी पिछड़े देश मे काम करो, तुम्हारी जरूरत वहां ज्यादा है - यहां सब लोग हिन्दू मुसलमान है, इंसान नही और इनके लिए ना यहां पर्याप्त डाक्टर है ना सुविधाएं , लिहाजा हम पशु चिकित्सक बढ़ा रहे है।
कफ़ील साहब आप क्यों इन बेगैरत लोगों के लिए अपना हुनर बर्बाद कर रहे है, ये लोग आपको आरोप, बेइज्जती और दुष्प्रचार के अलावा और कुछ नही दे सकते जनाब !
एक बार फिर कहता हूँ अपने साथ 50-60 होनहार चिकित्सा छात्रों को ले जाओ कम से कम कुछ काम तो कर पाएंगे वहां !



#खरी_खरी


Comments

Popular posts from this blog

हमें सत्य के शिवालो की और ले चलो

आभा निवसरकर "एक गीत ढूंढ रही हूं... किसी के पास हो तो बताएं.. अज्ञान के अंधेरों से हमें ज्ञान के उजालों की ओर ले चलो... असत्य की दीवारों से हमें सत्य के शिवालों की ओर ले चलो.....हम की मर्यादा न तोड़े एक सीमा में रहें ना करें अन्याय औरों पर न औरों का सहें नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." मैंने भी ये गीत चित्रकूट विवि से बी एड करते समय मेरी सहपाठिन जो छिंदवाडा से थी के मुह से सुना था मुझे सिर्फ यही पंक्तिया याद है " नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." बस बहुत सालो से खोज जारी है वो सहपाठिन शिशु मंदिर में पढाती थी शायद किसी दीदी या अचार जी को याद हो........? अगर मिले तो यहाँ जरूर पोस्ट करना अदभुत स्वर थे और शब्द तो बहुत ही सुन्दर थे..... "सब दुखो के जहर का एक ही इलाज है या तो ये अज्ञानता अपनी या तो ये अभिमान है....नफरतो के जहर से प्रेम के प्यालो की और ले चलो........"ये भी याद आया कमाल है मेरी हार्ड डिस्क बही भी काम कर रही है ........आज सन १९९१-९२ की बातें याद आ गयी बरबस और सतना की यादें और मेरी एक कहानी "सत...

संसद तेली का वह घानी है जिसमें आधा तेल है आधा पानी है

मुझसे कहा गया कि सँसद देश को प्रतिम्बित करने वाला दर्पण है जनता को जनता के विचारों का नैतिक समर्पण है लेकिन क्या यह सच है या यह सच है कि अपने यहाँ संसद तेली का वह घानी है जिसमें आधा तेल है आधा पानी है और यदि यह सच नहीं है तो यहाँ एक ईमानदार आदमी को अपने ईमानदारी का मलाल क्यों है जिसने सत्य कह दिया है उसका बूरा हाल क्यों है ॥ -धूमिल

चम्पा तुझमे तीन गुण - रूप रंग और बास

शिवानी (प्रसिद्द पत्रकार सुश्री मृणाल पांडेय जी की माताजी)  ने अपने उपन्यास "शमशान चम्पा" में एक जिक्र किया है चम्पा तुझमे तीन गुण - रूप रंग और बास अवगुण तुझमे एक है भ्रमर ना आवें पास.    बहुत सालों तक वो परेशान होती रही कि आखिर चम्पा के पेड़ पर भंवरा क्यों नहीं आता......( वानस्पतिक रूप से चम्पा के फूलों पर भंवरा नहीं आता और इनमे नैसर्गिक परागण होता है) मै अक्सर अपनी एक मित्र को छेड़ा करता था कमोबेश रोज.......एक दिन उज्जैन के जिला शिक्षा केन्द्र में सुबह की बात होगी मैंने अपनी मित्र को फ़िर यही कहा.चम्पा तुझमे तीन गुण.............. तो एक शिक्षक महाशय से रहा नहीं गया और बोले कि क्या आप जानते है कि ऐसा क्यों है ? मैंने और मेरी मित्र ने कहा कि नहीं तो वे बोले......... चम्पा वरणी राधिका, भ्रमर कृष्ण का दास  यही कारण अवगुण भया,  भ्रमर ना आवें पास.    यह अदभुत उत्तर था दिमाग एकदम से सन्न रह गया मैंने आकर शिवानी जी को एक पत्र लिखा और कहा कि हमारे मालवे में इसका यह उत्तर है. शिवानी जी का पोस्ट कार्ड आया कि "'संदीप, जिस सवाल का मै सालों से उत्तर खोज रही थी व...