Sameer Shaikh ये क्या हो गया बच्चे, अभी पता चला कि आज तुमने यह देह त्याग दी हार्ट अटैक के कारण।
मेरे लिए यह बहुत दुखद और वेदना के क्षण है। कल तुम्हे ईद मुबारक कहा था, तुमने घर बुलाया था और मैने भी कहा था कि जल्दी ही आता हूँ । तुमने मजाक किया था कि आ जाओ लिपिड प्रोफ़ाइल भी टेस्ट कर दूँगा। उस दिन यानी 25 जून को तुम्हारे जन्मदिन पर भी कितनी देर तक हम बातें कर रहे थे, तुम मुझे कह रहे थे कि अब मैं भी बूढा हो रहा हूँ आपकी तरह - तो मैने कहा था बूढा होगा तेरा बाप और खूब जोर से हंस दिए थे हम दोनों !!!
यदि ऐसा पता होता तो कल मैं मिलने ही आ जाता, किसी को नही पता था कि आज सुबह 930 बजे तुम हम सबको यूँ अकेला छोड़कर जन्नत में चले जाओगे बिलखता सा छोड़कर समीर !!!
समीर मेरा बहुत पुराना छात्र था, सन 1987 से 89 तक देवास के एक विद्यालय में। पिताजी की प्रसिद्ध दुकान थी - टेलरिंग की, सिलेक्शन टेलर्स। बाद में समीर ने एक डॉक्टर लड़की से प्रेम विवाह किया था। पत्नी इंदौर की जानी मानी पैथोलोजिस्ट है। समीर बहुत ही हंसमुख , ज़िंदादिल और मस्त मौला था। वर्जिश और व्यायाम के शौकीन इस बंदे को आप हमेशा सहयोगी की भूमिका में पाएंगे।
अभी हाल ही में मिला था तो रेडिसन चौराहे से मुझे घर ले जाकर अपने बेटे से मिलवाना चाहता था। कह रहा था कि पुराने मित्रों का एक गेट टुगेदर कर लेता हूँ मांडव में , बस थोड़ी बरसात हो जाये। मैंने कहा बिल्कुल कर लो, मजा आएगा।
पर आज यह सब सुनकर सन्न सा रह गया हूँ उम्र ही कितनी थी बच्चे तुम्हारी,और अभी तो तुम्हारा बेटा बहुत छोटा है और मुझे उससे मिलवाना भी था। यह ठीक नही किया समीर तुमने, बरसात भी नही हुई है और मांडव का ट्रीट अधूरा रह गया है।
तुम जैसे छात्र ही तो मेरी ताकत थे बच्चे, ये क्या हो गया कैसे अचानक जबकि तुम खुद जमाने भर के लोगों की जांचें करते थे, सी 21 के पास वाले जीम के तुम रोल मॉडल थे और अपने बच्चों के हीरो।
समीर , दोस्त यह ठीक नही किया तुमने, इस तरह कोई जाता है क्या ??? ईद पर यह ईदी मुझे स्वीकार नही है, मुझे यह ठीक नही लग रहा समीर।
बहुत नाराज हूँ तुमसे , लौट आओ बच्चे प्लीज़ लौट आओ, मेरे लिए ना सही - अपने प्यारे बेटे के लिए लौट आओ समीर ...... जाने के दिन हमारे है, मेरे है , क्या अब मुझे तुम्हारे लिए ये सब लिखना पड़ेगा , क्या यही बचा है , क्या यही सज़ा है ??? उफ्फ, ये क्या हो गया समीर
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