-आपके यहां टीवी पर एक एड चल रहा है जर्नलिस्ट बनने के लिए। कैसे आवेदन करना होगा?
-आप कहां से बोल रहे हैं?
-लखनऊ से।
-आपका नाम क्या है?
-मेरा नाम दीपक है।
-आप अपना नंबर जरा बताएंगे?
-मेरा नंबर है- .........
-आप लखनऊ से ही बोल रहे हो?
-हां, आजकल लखनऊ आया हुआ हूं।
-आप कहीं काम कर रहे हो इस समय?
-हां, मैंने काम किया हुआ है।
-कहां?
-कई जगह, एमएच1 न्यूज में काम कर चुका हूं, एस-1 चैनल में भी रहा हूं।
-अच्छा, तो आप ऐसा कीजिए कि अपना सीवी channelconnectnetwork@gmail.
-इसमें और क्या औपचारिकताएं होंगी?
-अभी हम लोग कोर्स कराकर ट्रेनीज रिपोर्टर के रूप में अप्वाइंट कर रहे हैं। कोर्स का कुछ फी है। आप ट्रेनीज रिपोर्टर को स्ट्रिंगर कह सकते हैं।
-लेकिन हम तो सीनियर पोस्ट पर काम किए हैं।
-हां, वो तो ठीक है। मैंने इसीलिए आपको अपना सीवी भेजने को कहा है। जैसे ही कुछ होता है, आपको काल चला जाएगा।
-आपके यहां शायद ब्यूरो चीफ या स्टेट हेड बनने के लिए जगह खाली चल रही है?
-नहीं-नहीं, उसके लिए हमारा दूसरा फंडा है।
-कौन-सा फंडा?
-हमारा जैन टीवी वाला फंडा है।
-वह क्या होता है?
-जैसे, हम लोग जिनको ब्यूरो हेड बना रहे हैं, उनसे पांच लाख रुपये ले रहे हैं। ये पांच लाख देकर ब्यूरो नेटवर्क हमारे यहां जो संभालता है, वह ब्यूरो चीफ कम नेटवर्किंग डाइरेक्टर होता है। आपके पास अनुभव है, इसलिए आप तो पांच लाख रुपये हमे देकर यह काम करोगे नहीं?
-नहीं-नहीं। ऐसी क्या बात है, मैं भी कर सकता हूं। कितने दिनों के लिए पांच लाख ले रहे हैं?
-दिनों के लिए नहीं।
-तो?
-उसके लिए ऐसा है कि आपका तीन साल का पीरियड रहेगा। और उस दौरान आपके अंडर में सौ विधानसभा क्षेत्र यूपी के रहेंगे। जो रिपोर्टर ट्रेनीज के रूप में आपके पास कोर्स करने आएंगे, वे विधानसभा स्तर पर 35,000 रुपये और जिला स्तर पर 50,000 रुपये जमा करेंगे। उसका दस-पंद्रह प्रतिशत कमीशन आपको मिल जाएगा।
-पैंतीस हजार में किसका रहेगा?
-पैंतीस हजार रुपये विधानसभा स्तर का रिपोर्टर बनाने का रेट है। मतलब की कोर्स कराने का है। डिस्ट्रिक्ट स्तर पर पचास हजार का है।
-...अच्छा!! और पचास हजार रुपये में?
-पचास हजार जिला स्तर के रिपोर्टरों का रेट है। अगर आप स्टेट ब्यूरो संभालने के लिए हमे पांच लाख रुपये दे रहे हैं तो कोर्स करने के लिए 35 हजार, 50 हजार वाले जितने ट्रेनी होंगे, उनसे दस परसेंट मिल ही जाएंगे। और उनका कोर्स भी तीन माह का ही होगा। तीन माह बाद उन्हें अगर कहीं नौकरी मिलती है तो वे चले जाएंगे। उनकी जगह खाली होने पर आप फिर अपना नया रिपोर्टर रख सकते हैं।
-उनको ट्रेनिंग कैसे देनी होगी? हमको ही देनी होगी या...?
-नहीं ट्रेनिंग आपको नहीं देनी होगी। पहले हम लोग उसको चार दिन ऑफिसियल कोर्स कराएंगे। दिल्ली के रिपोर्टर उनको रिपोर्टिंग की ट्रेनिंग देंगे। इसके बाद फील्ड में भेजेंगे प्रैक्टिल एक्सपीरिअंस करने। उस दौरान वह जो भी कवरेज करेगा, हम उसे प्रसारित भी करेंगे। हमारा 12-14 चैनलों से संबंध है। आधे घंटे का प्रोग्राम सब पर प्रसारित होगा। फील्ड में भेजते समय उनको प्रेस पहचानपत्र, लोगो आदि भी दिया जाएगा।
-क्या उनको सेलरी भी आप लोग देंगे?
-कोर्स के दौरान हम उनको कुछ भी नहीं देंगे। जो न्यूज वे भेजेंगे, वे चैनल पर चलेंगे उनके नाम के साथ। उसका उन्हें बेनफिट मिलेगा। अन्य चैनलों पर उन्हें काम का अवसर मिलेगा। यदि उन्हें ऐसा अवसर नहीं मिलता है तो वह हमारे साथ चैनल कनेक्ट से जुड़े रह सकते हैं। हर स्टोरी के हिसाब से जो भी हमारे यहां देय तय होगा, वह उन्हें मिलेगा। उन्हें हमको बिजनेस भी देना होगा। ये तो हर चैनल का फंडा होता है न। ...तो जो बिजनेस वह हमें देंगे, उसका दस से पंद्रह प्रतिशत तक उन्हें कमीशन मिल जाएगा।
-अगर स्टेट ब्यूरो हेड के लिए हम आपको पांच लाख रुपये दे रहे हैं तो हमारे काम की सेलरी मिलेगी या किसी अन्य तरीके से कोई भुगतान करेंगे?
-आपको बताया न कि पहले आपको वही कमीशन मिलेगा, जो विधानसभा, जिला स्तर के ट्रेनी आप अप्वाइंट करेंगे, उनसे जो पैसा मिलेगा, उसमें आपका दस प्रतिशत हिस्सा। फर्ज करिए कि सौ विधानसभा का पैंतीस हजार रुपये के हिसाब से आपका कमीशन हो जाएगा करीब साढ़े तीन लाख रुपये। यदि आपके ब्यूरो क्षेत्र में 15 जिले पड़ते हैं तो डेढ़-दो लाख उसमें भी मिल जाएंगे। ...तो इस तरह आपको अपना पैसा निकालना है। यदि वे ट्रेनीज बिजनेस भी देते हैं तो उसका दस-पंद्रह प्रतिशत कमीशन आपको भी मिलेगा।
-अच्छा... ठीक है। दिल्ली आकर आपसे मिलता हूं।
-ठीक है जी।
हां हां हां क्या मीडिया है जी वाह क्या बात है.???????
Comments