कोई भी वादी हो अंततः सब स्वार्थी है और कुल मिलाकर कहना यह है कि ये क्षुद्र मानसिकता के है टुच्चे कही के गांधीवादी हो, समाजवादी, मार्क्सवादी, अम्बेडकरवादी या लोहियावादी - सब निहायत अवसर परस्त है इनसे जितना बच सकते है बचो - ये लोग नही, स्वार्थ और लोलुपता के चलते - फिरते सम्पदा कोष है - जहाँ मौका मिलेगा वहाँ भकोस लेंगे और जहाँ मौका मिला डस लेंगे दक्षिणपंथी तो ख़ैर घोषित जहरीले नाग है ही जिनसे किसी भी हालत में और किसी भी जन्म में कोई रिश्ता निभाया नही जा सकता फिर कोई भी हो #खरी_खरी *** मोदी और मामा है तो महाँकाल में महाघोटाला मुमकिन है राष्ट्रीय राजमार्ग बनाये हो दूसरे दिन ही गड्ढे पड़े, हर निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है कमबख्त महाधिदेव महाँकाल के नवनिर्मित परिसर को भी नही छोड़ा भ्रष्ट लोगों ने, यह आज का हाल है 2014 से, कांग्रेस को मात दे दी मतलब देखिये क्या हालत कर रखी है उज्जैन की और अभी अभी हुआ था उदघाटन , मप्र में सबसे ज्यादा भ्रष्ट है - सिंहस्थ से लेकर दलिया, मध्यान्ह भोजन और तमाम उदाहरण है क्योंकि तमाम ठेकेदार सत्ता के सगे रिश्तेदार है 800 करोड़ की 6 माह में यह हालत है मंदिर में, तो ...
The World I See Everyday & What I Think About It...