कल भारतीय क्रिकेट टीम ने बढ़िया खेल खेला और जीत दर्ज की, हार्दिक बधाई रात बारह बजे जिस तरह से पटाखे फोड़े गए और हल्ला हुआ वह सिर्फ निंदनीय ही नही बल्कि बीमार मानसिक दशा का द्योतक है, एक खेल ही है ना क्रिकेट भी और प्रतिद्वंदी पाकिस्तानी हो तो क्या आप पूरा देश सिर पर उठा लेंगे और ऐसा तमाशा करेंगे खेल की भावना कहाँ गई, और पटाखे फोड़कर आप लोग अपना धन बर्बाद कर रहे और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाकर प्रदूषण को भी बढ़ा रहें है और एक बात यह बताइए कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर इस बर्बादी से क्या फर्क पड़ा पर आपके घर, पड़ोसी और मरीजों की स्थिति खराब हो गई इसकी कल्पना की किसी ने मतलब प्रचंड राष्ट्रवाद की आड़ में आप ना खेल समझ पा रहे, ना खेल भावना, ना अपने हित साध पा रहें - खुशी मनाई जाए पर किस क़ीमत पर - यह सोचा कभी और छुपाने वाले बेशर्मी से मुद्दे छुपा रहें है और देश का ध्यान हर एक माह में कही और भटका रहें है - कमाल है हम भारत के 140 करोड़ लोगों का मुद्दा या नरेटिव एक या दो कारपोरेट के गुलाम तय कर रहें है काश ऐसा सामूहिक प्रदर्शन महंगाई, बेरोजगारी, निजीकरण, रोज होते दंगों - गिरफ्तारियों और अपने अधिकारों को लेक...
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