हम सब अपने बनाये हुए जाल में किसी चूहे की भांति फँस जाते है, एक ऐसे जाल में जो किसी भी प्रकार का खतरा दिखने पर अपनी मरम्मत करता है और अंत में जाल के उस छेद को भी बुर देते है जो हमें भागने में मदद कर सकता था और बेहतर जीवन जीने को सक्षम बना सकता था
साल 2020 एक ऐसा ही छेद था पर हम फिर फँस गए है और हमारे अस्तित्व पर संकट गहरा गया है, आईये हम कुछ करें ताकि इस जाल को काटा जा सकें
हिम्मत नही कि कह सकूँ साल 2021 की मंगल कामनाएँ , फिर भी दोस्तियां, यारियां, दुश्वारियाँ, दुश्मनियाँ बनी रहें - संवाद बना रहे
स्नेह, दुलार, सम्मान और दुआएँ
[ तटस्थ ]
[*बुर का यहां अर्थ है 'भरना' - जैसे गढ्ढे को बुरना - मालवा में इस्तेमाल होता है बहुतायत में ]
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"कितनी कविताएँ छपी पिछले बरस"- मैंने पूछ लिया लाईवा से
" सत्रह हजार थी कुल - जिसमे से मैंने पत्नी को ग्यारह हजार लाइव के माध्यम से सुनाई, बाकि किसी ने घास नहीं डाली, दो हजार नौ सौ बारह संपादकों को भेजी थी - बस तीन छपी , पांच हजार के वीडियो बनाकर यूट्यूब पर डाले - नौ लोगों ने देखें और दो लाईक भी आये...."
" चुप कर बै , मैंने पूछा क्या था और बोल क्या रहा है - साला, फेसबुक पर सब हिसाब दे रहें है बगैर मांगे जैसे कोई सामाजिक अंकेक्षण के तहत सूचना के अधिकार में जानकारी मांग रहा हो या कवि - कहानीकार ना हुए, सुप्रीम कोर्ट हो गए जो 'सू मोटो एक्शन' के तहत अपने छपे कचरे की जानकारी दे रहें हो " - फोन ही काट दिया मैंने
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भोजन
चलो, मैं ही बता देता हूँ क्या है इसमें
√ ताज़ा मटर खूब सारा
√ ब्रोकोली
√ गाजर
√ लाल टमाटर
√ अदरख
√ प्याज एवं ताज़ा हरा प्याज
√ हरा लहसन
√ शिमला मिर्च
√ चुकंदर
√ हरी मिर्च
√ ख़ीरा
बस सबको काट कर एक पैन में ऑलिव ऑइल में हल्का सा परत लिया - एक से डेढ़ मिनिट बस, एक नींबू और थोड़ा सा चाट मसाला डालकर गड़प लिया
है ना सरल, पौष्टिक, कम समय में बनने वाला 'दी बेस्ट' भोजन , सबसे अच्छी बात इन दिनों मस्त ताज़ा और बेहद सस्ता मिल रहा है सब कुछ जो इसमें डला है
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