अभी तक पिछले 15 वर्षों में मप्र में हम महिला हिंसा में आगे थे, अब संत पुरुष उप्र में आने से वे आगे बढ़ गए है और हम शायद 2 या 3 नम्बर पर - NCBR के आंकड़ों के अनुसार जिसका हमे बेहद अफसोस है, यह मप्र के हम सब लोगों के लिए दुखद है और इस तरह से चौथी बार बने मुख्य मंत्री तो पीएम इन वेटिंग हो जाएंगे - सोचकर ही नींद नही आती
जनता की यह जागरूकता घातक है बहुत, इस तरह से तो मप्र पिछड़ता ही जायेगा और सबसे ज़्यादा दुख यह कि प्रधान मंत्री की दौड़ में परम पूज्य संत शिरोमणि आगे हो जायेंगे और महामात्य 2024 तक उप्र का नाम ही " बलात प्रदेश " रख दें
गाना लगाओ बै
कुछ करिये, कुछ करिये ....
4 Rapes V/S 1 in MP very poor data
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2 में से एक में भी आत्मबल नही कि आकर कहें कि हां वह मैंने किया था, हिम्मत हो तो कहें कन्फेस करें और उस जज को बताए जो दो कौड़ी का घटिया निर्णय सुनाकर घर चला गया
न्याय व्यवस्था में इस तरह के डरपोक जज ही कलंक है और मंडल कमंडल लेकर बैठे ये लोग सिर्फ चाटुकार और अवसरवादी है, अब इंतज़ार है कि उसको राज्यसभा मिलती है या राजभवन
कल गांधी जयंती पर फिर बिल्बिलायेंगे, गांधी के गुण गायेगा सरदार, पर गांधी सा नैतिक बल कहाँ से लाएंगे और गोडसे मीडिया का तो पूछिये मत
धिक्कार दिवस मनाने का मन है
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ओपन बुक परीक्षा
वाट्सएप विवि, भारत
नोट- सभी प्रश्नों के उत्तर दो
प्रश्न 1 - निम्न चित्र में कुल कितने गमछे, लाठी और निक्कर दिख रही है
प्रश्न 2 - असामाजिक तत्वों की पहचान करो
प्रश्न 3 - जगह का सही नाम बताओ
प्रश्न 4 - 6 दिसम्बर 1992 और 30 सितंबर 2020 का इस चित्र से क्या सम्बंध है
प्रश्न 5 - अदालत का कार्य सबको न्याय देना है और न्याय के समक्ष सब समान है - इस कथन की व्याख्या करो
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RIP
भारतीय न्याय व्यवस्था
तोता उर्फ़ सीबीआई
कितने नीचे और गिरेंगे ये माननीय न्यायविद
यादव जी राज्यसभा में जाऐंगे या राज्यपाल बनोगे - सही है लोया की आत्मा से सबकी फटती है
36 लोग इतने दूध के धुले हुए है ना
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एक दिन खबर आएगी कि देश प्रेमियों ने आधी रात को संविधान, सरकार, लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा, विधान मंडल, और सुप्रीम कोर्ट भी जला दिया
इतने नालायक लोग किसी भी लोकतंत्र में देखें है और अब मेहरबानी करके पुलिस को दोष मत दीजिएगा - पुलिस अपनी मर्जी से सांस भी नही ले सकती, जब तक "ऊपर" से आदेश नही होंगे - तब तक कुछ नही कर सकते - यकीन ना हो तो किसी अधिकारी या जवान से पूछ लीजिए - ये बेचारे अखिल भारतीय स्तर पर चयनित ही इसलिए होते है कि संविधान में निष्ठा रखकर किसी घटिया नेता की चरण सेवा करते हुए बिछ जाये जीवन भर के लिए, और कलेक्टर - जिले के उस भोले बड़े बाबू से पूछना मत उसे मीटिंग और वीसी से फुर्सत नही - वो तीन साल के लिए जिले में कमाने आया है उसका किसी से सरोकार नही - वो बाप को बाप नही कहता तो साली दो कौड़ी की लड़की जो " चालू रही होगी, चार - चार से फंसी होगी " उससे क्या सरोकार - उसे सीएम की गुड़ बुक में रहना है, अगला प्रमोशन लेना है, केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाना है, लबासना मसूरी में जाकर स्थाई हनीमून मनाना है बीबी के साथ, विदेश जाना है मैनेजमेंट पढ़ने - अमाँ छोड़ो यार, ये याददाश्त बड़ी कुत्ती चीज़ है - जनता जल्दी भूल जाएगी
बहुत अच्छा लगा कि हिन्दू राष्ट्र में उस बिटिया की लाश को किसी नीच, अघोरी, संत की भस्मारती करने के लिए आधी रात को जलाया गया - आज सुबह हुई होगी आरती और बंटा होगा प्रसाद - हम वेद, उपनिषदों, ऋचाओं और असँख्य हिन्दू धर्मों के ग्रँथों के बावजूद नई संस्कृति गढ़ रहें हैं - आधी रात को लाश जला रहें हैं - शुक्र मनाओ कुत्तों और गिद्धों के लिए नही छोड़ी - अब बोलो बाबू नोबल नही दोगे हमें - सौहार्द्र और शांति का
थाली, घँटा और डीजे बजाओ बै - 138 करोड़ नालायकों, तुम्हारे पास है भी क्या और - घर में आ रहे गुंडों की फौज को नही देख पा रहे हो अंधों, तुम सवर्ण और दलित करते रहो और उन्होंने आधी रात को खुद ही मुखाग्नि दे दी - फिर मत कहना लोकतांत्रिक गणराज्य में राज्य ने अपना कर्तव्य पूरा नही किया कौनसे अनुच्छेद है संविधान के - 14, 18, 19, 20, 21, 36 या और कुछ
क्या कहते है - भेरी भेरी गुड़ मॉर्निंग फिरेन्ड्स, भेरी भेरी गुड़ डे, सुप्रभात, आपका दिन शुभ हो
उस बिटिया का नाम ही नही फोटो भी धड़ल्ले से पोस्ट हो रहें हैं - कोई नियम कायदा है या नही - फेसबुक के स्टाफ को यह नजर नही आ रहा यह कम्युनिटी स्टैंडर्ड्स के ख़िलाफ़ नही
और बाकी हम सब तो ज्ञानी है ही
बोबड़े साहब कभी स्वतः संज्ञान भी ले लो, तुषार मेहता यह भी नही दिखा रहा क्या आपको या एटॉर्नी जनरल को जैसे सड़क पर चलते मजदूर नही दिखें थे - ये भी नही दिख रहा
बाकी गृह मंत्रालय तो भोला है ही - मामला अब दलित सवर्ण हो ही गया है तो उल्टी चप्पल रखकर इंतजार कर रहा होगा वर्गसंघर्ष की
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कोरोना और हाथरस के बाद आपको अभी भी लगता है कि देश इसके हाथ में और उप्र उसके हाथ मे सुरक्षित है
अगर हाँ तो आप से गलीज़ और घटिया जानवर कोई नही, इंसान तो मैं कभी नही कहूँगा
भावावेश में उत्तेजित होकर नही की है यह टिप्पणी
और बेटी बेटी है उसे दलित स्वर्ण के खाँचो में बाँटकर उसकी सामूहिक हत्या का तमाशा मत बनाईये - सबको मालूम है कि बिहार, बंगाल और कई राज्यों में उप चुनाव है, गिद्ध और शिकारी इस मामले को कैश कराने को बेताब है
यह सीधा - सीधा नीच नराधम लोगों द्वारा एक लड़की के साथ भयानक बलात्कार और वीभत्स हत्या का मामला है
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लम्बा चौड़ा शोकपत्र था जो डाक से आया था , मैंने फोन लगाकर पूछा "ये क्या है - क्यों भेजा 13 पन्नों का शोकपत्र, कौन निपटा आज फिर "
तो बोले "सौ - डेढ़ सौ लोगों को भेज दिया है- स्पीड पोस्ट से, आप लोग इसे कॉपी पेस्ट करके फेसबुक और वाट्सएप समूहों के साथ अख़बार, पत्रिकाओं, दूरदर्शन आदि में शोकांजली के रूप में पढ़वा और छपवा देना - मरने के बाद मेरा मूल्यांकन सही हो इसलिए खुद ही रचना प्रक्रिया से लेकर कविता ,समकालीन दिशा दशा और अनुशीलन में मेरा संघर्ष आदि के साथ मेरा योगदान क्या है और कैसे मैं मुक्तिबोध, निराला, अज्ञेय, या कुँअर नारायण या वीरेंद्र डंगवाल या मंगलेश डबराल से आगे का कवि हूँ " - बहुत उदास थे फोन पर , आगे बोलें "अब सब नॉर्मल हो रहा है पर लाईव पर अभी भी कोई नही बुलाता " - लाइवा कवि बेचैन था बुरी तरह
मैं तेरह पन्नों में कविता की आत्महत्या का कन्फेशन पढ़ रहा था भारी मन से
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आयल फ्री भुट्टे की कचोरी
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● भुट्टे का मौसम जाने वाला है आईये विदाई के पहले एक मजेदार कचोरी बनाकर खा लेते है ताकि अगले वर्ष तक स्वाद ताजा रहें
● भुट्टे कीस लें और जैसे मसाले डालकर भुट्टे का कीस बनाते है, बना लें बस इसमें थोड़ा सा बेसन और अमचूर का पाउडर डालना ना भूलें
●अब एक पाव मैदे में दो बड़े चम्मच खाने का तेल, स्वादानुसार नमक, खाने का एक चुटकी सोडा, एक चम्मच अजवाइन और दो चम्मच दही मिलाकर और थोड़ा थोड़ा पानी मिलाकर गूंथ लें फिर आधे घँटे के लिए रख दें
● अब इस मिश्रण की छोटी लोइयाँ बनाकर भुट्टे के कीस का मिश्रण भरावन के रूप में भरें
● अब एक अप्पे पात्र में बहुत थोड़ा सा तेल ब्रश से लगाकर इन कचोरियों को सेंके मद्धम आँच पर
● हल्के सुनहरी रंग के होने तक सेंक लें और फिर ताज़ा धनिया के पत्ती, हरी मिर्च , जीरा पाउडर, नमक, खोबरे के बुरादे और सफ़ेद तिल से बनी बारीक चटनी के साथ परोसें
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बंद करो कहानी खिलौने और उजबक किस्म के मुद्दों पर बात करना, उसके लिए बड़े वाले बल्लम है देश मे- तुम चुपचाप रोज़गार और आर्थिक विकास पर बात करो वरना निकलो
हमारा टैक्स का रुपया बर्बाद मत कर भड़ास सुनाने में, प्रवचन नही एक्शन चाहिए वरना बन्द करो ये नौटँकी
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"तुमने इस तालाब में रोहू पकड़ने के लिए
छोटी-छोटी मछलियां चारा समझ कर फेंक दी"
- दुष्यंत कुमार
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हे भारतीय किसान, ले लो ₹ 2000/- महीना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का अपनी प्रिय सरकार से, एक साल मजे लिए सम्मान निधि के
अब चलाना इसी ₹ 2000 /- से अपना जीवन और सब सपने कर लेना पूरे, शादी ब्याह, इलाज, खेती बाड़ी और ऐश से जीना ज़िंदगी - अरे ओ सांबा कितना खर्च आता है मरने के पहले दिन और नुक्ते का
धोती और पगड़ी - जरा देखो कहां है अपनी - शेष है या खींचकर ले गई है तुम्हारी सरकार
और बनाओ सरकार
मजदूरों आज से देश में तुम भी महान हो गए , बिल पास हो गया तुम्हारे भी "फेवर" में
जियो हो लल्ला , अभी 2020 के 3 माह और 2024 तक 4 पूरे साल बाकी है - सुनारों, बनियों, फेक्ट्री वालों और बाकी सब व्यापारियों तुम ख़ुश मत होवो ज़्यादा -झुमके गाओ सबका टाईम आएगा और बहुत जल्दी आएगा
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