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कब तक सहेंगे इन जुल्मों को , Bring Back Pride to Govt Schools 4 अप्रेल 16




(नईदुनिया इंदौर 3/4/16 )


कब तक सहेंगे इन जुल्मों को 

निजी विद्यालयों में फीस की शिकायत किये जाने पर इंदौर में कल लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने पालकों से कहा कि रूपये नही तो सरकारी विद्यालयों में पढ़ाओ बच्चों को।
बात थोड़ी गम्भीर है और इसके कई पहलू है -
* निजी विद्यालयों के गुंडे इतने ताकतवर है कि वे शिक्षा को बेचते बेचते मंत्री, सांसद और तंत्र को खरीद बैठे है।
* इस बाजारीकरण में किसी के बाप की हिम्मत नही कि शिक्षा, स्वास्थ्य के माफियाओं पर हाथ डाल सकें।
* हमने सरकारी स्कूलों को कोस कोसकर बुरा बना दिया, जबकि आज भी निजी विद्यालयों के अपढ़, गधे शिक्षकों से सरकारी शिक्षक ज्यादा बेहतर है हर मायनों में।
* सरकार को सरकारी स्कूलों से लेना देना नही है, समाज को इन पर सहयोगात्मक निगरानी रखना होगी चाहे वह व्यवस्थागत हो या अकादमिक ।
* सरकार प्रदत्त व्यवस्थाओं का मोह छोड़कर नियंत्रण अपने हाथ में लेना होगा ताकि सिर्फ ड्रेस, मध्यान्ह भोजन या छात्र वृत्ति की पहचान खत्म हो।
* शिक्षा हमारे चुनाव का एजेंडा हो बजाय हाशिये पर पड़ा मुद्दा।
*अजीम प्रेम, अरविंदों, कृष्णमूर्ति, टाटा, डी पी एस आदि जैसे लोगों द्वारा किये जा रहे निजीकरण के कुत्सित प्रयासों को तत्काल प्रभाव से हटाया जाये, जहां अपढ़, मूर्ख और डिप्रेशन में डूबे रिटायर्ड और बूढ़े लोग नवाचार के नाम पर देश का भविष्य बर्बाद कर रहे है।
* एनजीओ को स्कूल के दायरे में आने की इजाजत ना हो जिनके कार्यकर्ता ना पढ़े है, ना बाल मनोविज्ञान की समझ रखते है , ना उनके पास अकादमिक समझ है। सिर्फ डुगडुगी पीटने से बाल केंद्रित शिक्षा नही होती।
* Bring Back Pride to Govt Schools जैसे स्लोगन को ध्यान में रखकर योजनाएं बने और सर्व शिक्षा अभियान जैसे सफेद हाथी को बन्द किया जाए।
* शिक्षा में नवाचार के नाम पर व्याभिचार फैलाने वाले, जमीन जायदाद बनाने वाले देश भर के तथाकथित विद्वानों को शिक्षा के किसी भी संस्थान में कुछ भी ना करने दिया जाए, ये लोग बकैती करके सत्यानाश कर चुके है।
* पाठ्यपुस्तक निर्माण में राजनैतिक दलों का हस्तक्षेप ना हो।
और अंत में प्रार्थना -
शिक्षा को सिर्फ शिक्षा रहने दिया जाए, इसे अपनी हवस, महत्वकांक्षा और उन्नति की सीढ़ी ना बनाये वो फिर सांसद हो, मंत्री या दिल्ली इंदौर का कुंठित शिक्षाविद् जो अपनी बीबी को मारकर देश भर में मुंह मारता हो शिक्षा के बहाने !

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